मिट्टी के गणेश घर में ही विसर्जन
कम्युनिटी रिपोर्टर | भिलाई
ट्विनसिटी में दैनिक भास्कर की पहल पर मिट्टी के गणेश, घर में ही विसर्जन को लेकर लोगों में गजब की जागरूकता देखी गई। अधिकतर लोगों ने अपने घर, गार्डन और सोसायटी में ही कुंड बनाकर बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन किया। कई लोगों ने विसर्जन के बाद प्रतिमा की मिट्टी को लेकर उसमें पौधे लगाए।
इसके अलावा शिवनाथ नदी में भी बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर दिनभर चलता रहा। निगम से निर्धारित स्थानों पर भी लोगों ने गणपति की छोटी -बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इस दौरान डीजे की धुन पर थिरकते युवा गणशोत्सव वाले स्थानों से रैली की शक्ल मे निकलते रहे। गुलाल भी उड़ाते रहे। इस दौरान गणेशजी के जयघोष होता रहा। शिवनाथ तट पर लोगों की सुरक्षा के लिए जवान लगे रहे। प्रतिमा के विसर्जन के लिए क्रेन आदि की भी व्यवस्था की गई थी। साथ ही आपदा प्रबंधन के सदस्य भी नाव लेकर नदी में घूमते रहे।
विसर्जन: शिवनाथ नदी के तट पर देर शाम तक होता रहा बड़ी मूर्तियों का विसर्जन
शिवनाथ नदी के तट पर बड़ी मूर्तियों को किया गया विसर्जित।
10 दिनों तक रही धूम, बप्पा को विदाई
दुर्ग|पोटिया स्थित रॉयल सिटी में गणेश पक्ष के दौरान रोजाना महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के लिए मजेदार स्पर्धाएं आयोजित की गई। साथ ही महिलाओं का द्वारा मानस गायन व सुंदरकांड का पाठ किया गया। अंतिम हवन-पूजन के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया। मौके पर अध्यक्ष राजेश चौहान, प्रीति चौहान, आभा उपाध्याय, आभा दुबे, अनिल उपाध्याय, सतीश श्रीवास्तव, सुप्रिया घोष आदि रहे।
जिले के 12 विसर्जन स्थल पर 300 पुलिस कर्मी तैनात
भिलाई|जिले के 12 विसर्जन स्थलों पर शुक्रवार से 300 सौ पुलिसकर्मी तैनात है। एएसपी रोहित झा ने बताया कि दुर्ग के 5,भिलाई के 3,कुम्हारी में 1 और छावनी सर्कल में तीन विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए शुक्रवार से ही पुलिस बल तैनात किया गया है।
ये बने मिशाल... घरों में ही किया मूर्तियों को विसर्जित
डॉ. प्रियंका शर्मा, कांदबरी नगर।
मोंटाना स्कूल, सिरसा गेट।
सेक्टर-2 को बेस्ट पंडाल का पुरस्कार
भिलाई|जय हनुमान कर्तव्य जनसेवा समिति के तत्वावधान में सेक्टर 9 चौक पर गणेश पूजा विसर्जन झांकी पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक अरूण वोरा, देवेंद्र यादव, लक्ष्मपति राजू, सुमित पवार आदि मौजूद रहे।
नितिन फुले और आभा फुले।
तर्रा, पाटन में भी किया विसर्जन।