नई दिल्ली | तिब्बत प्रशासन भारत सरकार से कहा कि वह लिपुलेख दर्रे तक अच्छी सड़क का निर्माण कराए जिससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को शारीरिक कष्ट न हो और यात्रा समय कम लगे। ऐसा होने से अधिक यात्री पवित्र तीर्थाटन पर आ सकेंगे। तिब्बत में कैलाश मानसरोवर क्षेत्र अली प्रीफैक्चर क्षेत्र में आता है और इसी क्षेत्र में यात्रा के प्रबंध देखने वाले शीर्ष अधिकारी उपायुक्त जी चिंगमिन ने भारतीय दल से कहा। चिंगमिन ने कहा कि कैलाश मानसरोवर क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों में चीन सरकार ने करोड़ों युआन का निवेश करके यात्रियों के लिए ढांचागत सुविधाओं का विकास किया है। चार अतिथि गृहों के अलावा लिपुलेख दर्रे तक सड़क का निर्माण हो रहा है। चिकित्सीय सुविधाओं में विस्तार करने के साथ ऑक्सीजन बार भी लगाए लाने की तैयारी हाे रही है। क्योंकि यात्री 15 से 16 हजार फुट की ऊंचाई पर सांस लेने में दिक्कत का अनुभव करते हैं।
उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में पानी, बिजली सहित अनेक चुनौतियां हैं।
यात्रियों को शौचालय की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। बिजली एवं पानी के कनेक्शन का काम पूरा नहीं हो पाया है। इसे जल्द कराने का प्रयास किया जा रहा है। भारतीय यात्रियों की दिक्कतों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए चिंगमिन ने कहा कि चीन सरकार अपनी तरफ से सभी सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है। वह अपेक्षा करते हैं कि भारत सरकार भी लिपुलेख दर्रे या चाम दर्रे तक अच्छी सड़क जल्द से जल्द बनवाए। यात्रियों को करीब तीन से चार दिन दुर्गम पहाड़ों में पैदल चल कर आना पड़ता है जिससे उन्हें कठाेर शारीरिक कष्ट सहना पड़ता है। इससे कैलाश की यात्रा अधिक श्रमसाध्य हो जाती है।