महापौर बनने का सपना देख रहे कांग्रेस नेताओं की टिकट फंस गई है। उनके वार्डों में पैनल बन गया है। पूर्व मेयर राजेश पांडेय हो पूर्व नेता प्रतिपक्ष बसंत शर्मा हो या फिर शैलेंद्र जायसवाल। शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, पूर्व जिलाध्यक्ष विजय पांडेय, या फिर रामशरण यादव। ये सब चुनाव लड़ने के पहले अपने ही साथियों से लड़ रहे हैं। शेख गफ्फार पूर्व डिप्टी मेयर रहे हैं। पर उनके वार्ड में कोई पैनल नहीं है। वहीं मेयर बनने का सपना देखते हुए जिलाध्यक्ष व लोकसभा चुनाव में दिल्ली तक दौड़ लगाने वाले जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी भी चुनाव मैदान में कूदने जा रहे हैं। वह बात अलग है कि उनके वार्ड में भी कोई पैनल नहीं है।
नगर निगम बिलासपुर के 70 वार्डों के लिए कांग्रेस ने 48 वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर लिए हैं जबकि 22 वार्डों में एक से तीन तक नाम है। पैनल में फंसने वाले नामों में कई ऐसे हैं जो महापौर बनने के लिए पार्षद चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें पूर्व मेयर राजेश पांडेय हैं जो वार्ड 30 पं.मुन्नूलाल शुक्ल से दावेदारी कर चुके हैं और वहां वर्तमान पार्षद दीपांशु श्रीवास्तव के साथ ही महेश दुबे भी है। वार्ड 33 में पूर्व जिलाध्यक्ष विजय पांडेय के साथ ही शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर का नाम पैनल में फंस गया है। वहां शैलेंद्र जायसवाल भी टिकट मांग रहे हैं। बता दें कि होटल कोर्टयार्ड मेरियट में जिला चयन समिति की बैठक के दौरान टिकट पैनल में फंसने से नाराज राजेश और विजय पांडेय ने नाराजगी जताते हुए आवेदन वापसी की चेतावनी देते हुए वार्ड 27 से राकेश शर्मा का नाम भी वापस कराने की बात कही थी। वार्ड 57 में पूर्व नेता प्रतिपक्ष बसंत शर्मा के साथ ही सुधांशु मिश्रा ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू दावेदारी कर रहे हैं। शर्मा विधानसभा स्पीकर डॉ.चरणदास महंत के, दीपांशु अटल तो विनोद को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का करीबी बताया जा रहा है। लगातार चुनाव जीत रहे राजेश शुक्ला वार्ड 62 से टिकट मांग रहे हैं। पर वहां निर्मल मानिकपुरी भी दावेदारी कर रहे हैं। राजेश विधायक शैलेश पांडेय के करीबी बताए जा रहे हैं और वे भी महापौर बनने की इच्छा रखते हैं। पिछली बार महापौर का चुनाव लड़ चुके रामशरण यादव ने महापौर बनने वार्ड 24 से टिकट मांग रहे हैं। पर वहां प्रदेश सचिव प्रमोद नायक के बीच उनकी टिकट फंस गई है।
22 वार्डों में एक से तीन तक नाम हैं