बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को विश्वस्तरीय सहूलियतें उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय अनुदान िमले करीब दो साल हो गए हैं। इसके बावजूद शहर को एक भी सुविधा नहीं मिल पाई है। कई प्रोजेक्ट पर काम जरूर चल रहा है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रचार के नाम पर अब तक 40 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लाखों के ग्लो साइन बोर्ड की हालत यह है कि श्रीकांत वर्मा मार्ग जैसे पाश एरिया में बिलासपुर का पूरा नाम गायब है। अंग्रेजी में केवल एल अक्षर नजर आता है। शहर का नाम बिगाड़ने वाले एेसे कई ग्लो साइन नजर आ जाएंगे। आगे राजेंद्र नगर चौराहे के पास के ग्लो साइन में अंग्रेजी में बिलासपुर के अंतिम दो शब्द यूआर गायब है। शहर को स्मार्ट सिटी का लुक देने की मंशा से शासन की भारी भरकम राशि खर्च होने के बाद उल्टे नाम बिगाड़ने का क्रम महीनों से चल रहा है। यह निगम के अफसरों की जानकारी में भी है। इसके बावजूद जिस कंपनी को ग्लो साइन के मेंटेनेंस का ठेका 5 वर्षों के लिए दिया गया है, उससे सुधार कराने की फुर्सत किसी अधिकारी को नहीं है। खबर है कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत प्रचार होर्डिंग, ग्लो साइन, वाल पेटिंग में 60 लाख रुपए और खर्च किए जाने हैं।
राजेंद्र नगर चौक का ग्लोसाइन बोर्ड जिसमें शहर का नाम ही बिगड़ गया है।
कार्रवाई की जाएगी