राज्य सरकार ने रेत घाटों का ठेका पंचायतों से छिन लिया है, नए ठेकेदार तय हो गए हैं, लेकिन घाट अभी तक हैंडओवर नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण ठेकेदार अभी रेत नहीं निकाल पा रहे हैं। फिर भी रेत की चोरी हो रही है।
जिले के 14 रेत घाट समूहों का ठेका पहले चरण में हो गया है। ठेका होने के साथ ही पंचायतों का अधिकार छिन लिया गया है, हालांकि इन दिनों नदी से रेत के उत्खनन पर भी ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा रोक लगाई गई है, इसके बाद भी जिले के रेत घाटों से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। चूंकि घाट छिन लिए गए हैं और नए ठेकेदारों को हैंडओवर भी नहीं हो पाया है, इसके बाद भी रेत का उत्खनन और परिवहन होना मॉनिटरिंग की कमी को बताता है। हालांकि शिवरीनारायण के घाटों में इस पर रोक लगाने के लिए नए ठेकेदारों ने अपने आदमी लगा रखे हैं। चूंकि मशीनों से उत्खनन और लोडिंग हो नहीं रहा है, इसलिए ट्रैक्टर से ही काम चलाया जा रहा है, एेसे लोगों को भगा दिया जा रहा है।
दो दिनों में पकड़ी सात गाड़ियां - खनिज विभाग के पास अवैध रेत परिवहन की सूचना कथित रूप से नए ठेकेदारों द्वारा दी जा रही है, चूंकि रेत के निकलने से उनकाे नुकसान होगा, इसलिए वे रेत के उत्खनन और परिवहन नहीं चाहते हैं।
यही वजह है कि पिछले दो दिनों में खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए सात ट्रैक्टर्स को विभिन्न क्षेत्रों में पकड़ा गया है।
रेत का अवैध खनन करते पाए जाने पर जब्त किए गए ट्रैक्टर।
कार्रवाई हो रही है