रेलवे ने बिलासपुर जोन के लिए 4588 करोड़ का बजट पास किया गया है। बजट में नई रेल लाइन बिछाने से लेकर, इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्री सुविधाएं बढ़ाने की योजना बनाई गई है। बजट अलग-अलग कामों के लिए अलॉट किया गया है लेकिन उनकी योजना अभी बनाई जा रही है। जेडआरयूसीसी से मिले प्रस्ताव और यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए करोड़ों रुपए के काम 2019-20 के बजट से होने हैं। रायगढ़ और चांपा सेक्शन में दिव्यांगों के लिए लिफ्ट और रैम्प वाले फुट ओवर ब्रिज बन सकते हैं। खास बात यह है कि रायगढ़ में स्टेशन के दूसरी ओर दक्षिणी छोर पर गेट खुल सकेगा।
रायगढ़ व चांपा दोनों ही स्टेशन में दिव्यांग यात्रियों को एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज का सहारा ही लेना पड़ता है। स्टेशन में मौजूद बैटरी चलित वाहन भी दिव्यांगों को लेकर नहीं जाते हैं। ऐसे में काफी लंबे समय से रायगढ़ में दिव्यांगों के लिए रैंप वाली एफओबी और लिफ्ट की मांग की जा रही थी। इस बजट में यात्रियों की इस पुरानी मांग को शामिल कर लिया गया है। साथ ही स्टेशन में बैठक, वेटिंग हॉल, टिकट काउंटर, प्लेटफार्म को सुधारने सहित दर्जनों काम किए जाने हैं। यात्री सुविधा के नाम से ही जोन को 176 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके अलावा बजट में ऑटोमेटिक ट्रैक गेज, यार्ड रिमाडलिंग, लेवल क्रासिंग, कंप्यूटरीकरण जैसे काम किए जाने हैं।
दूसरी तरफ खुल सकता है गेट. रायगढ़ में स्टेशन के उत्तरी छोर पर मुख्य गेट और प्लेटफार्म नंबर दो के गेट हैं। ट्रेन आने या जाने के दौरान स्टेशन चौक तक भारी भीड़ से जाम लगता है। भास्कर ने स्टेशन के दक्षिणी छोर पर गेट खोलने को लेकर मुहिम चलाई थी। इस मुहिम से शहर के सामाजिक संगठन भी जुड़े थे। इसके बाद इस पर विचार किया गया था। अब स्टेशन के दक्षिणी छोर पर भी गेट खोला जा सकता है। केलो नदी के पश्चिमी छोर, चंद्रपुर, सारंगढ़, पुसौर, सरिया, बरमकेला की तरफ से स्टेशन आने वाले लोग और वाहन इस छोर से निकलेंगे, इससे शहर के बीच यातायात समस्या कम होगी। सीनियर डीसीएम के अनुसार बजट में यात्री सुविधा में इसे भी जगह मिलेगी।
मानव रहित फाटक व भूतल क्रासिंग हटेंगे
हावड़ा-मुंबई रूट के अधिकतर मानव रहित समपार फाटक व भूतल-लेवल क्रासिंग हटाई जा चुकी हैं। कई जगह अभी भी ऐसे हैं जहां पर भूतल क्रासिंग हैं। ऐसे जगहों पर रेलवे अंडर ब्रिज या फिर रेलवे ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। रायगढ़ और चांपा के बीच की कई जगहों पर आरओबी और आरयूबी प्रस्तावित है। गौरतलब है कि रेलवे ट्रैक पर ही हर साल लगभग 100 लोगों की जान जा रही है। ट्रैक नवीनीकरण को लेकर रेलवे 52 केजी वाली पुरानी पटरी बदलकर 60 केजी की पटरी लगाने जा रही है।
यात्रियों की सुविधा के लिए कराए जाएंगे काम
जेडआरयूसीसी सदस्यों की बैठक में उठेगा मुद्दा