- फरवरी और मार्च में हुई थी सीआईएसएफ में आरक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा
- फोटो की पहचान और बॉयोमैट्रिक मशीन से पकड़ाया गिरोह
Dainik Bhaskar
Aug 14, 2019, 04:19 AM ISTभिलाई/ उतई . सीआईएसएफ के आरक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने आए दो दर्जन से अधिक मुन्ना भाईयों को मंगलवार शाम उतई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 50 हजार से डेढ़ लाख रुपए में गिरोह ने लिखित परीक्षा पास कराने का सौदा किया था। पुलिस के हत्थे चढ़े ज्यादातर युवक हरियाणा और राजस्थान के हैं। फिजिकल परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के फोटो परिचय पत्र की पहचान और बॉयोमैट्रिक मशीन में थंब इंप्रेशन के दौरान पूरा गिरोह पकड़ाया है। पुलिस ने सीआईएसएफ की शिकायत पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। गिरोह से पूछताछ के बाद अन्य ठगों की तलाश की जाएगी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा, जानिए : उतई थाना पुलिस ने मंगलवार शाम फिजिकल परीक्षा देने आए 32 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है। एसडीओपी पाटन राजीव शर्मा ने बताया कि जिन युवकों को पकड़ा गया है वे असली परीक्षार्थी हैं। इन प्रतिभागियों के स्थान पर फरवरी और मार्च में आयोजित कांस्टेबल जनरल ड्यूटी की लिखित परीक्षा में अन्य युवक परीक्षा में शामिल होने आए थे। उस वक्त प्रतिभागियों का परिचय पत्र सहित अन्य दस्तावेज लिया गया था। उक्त डाटा सीआईएसएफ के पास आ गया था। मंगलवार को उतई स्थित आरटीसी (रीजनल ट्रेनिंग सेंटर) में लिखित परीक्षा में पास प्रतिभागियों का फिजिकल टेस्ट था। इस दौरान 32 प्रतिभागी पाए गए जिनकी फोटो और थंब इंप्रेशन मैच नहीं हुआ।
सीआईएसएफ में जीडी आरक्षक बनने के लिए 50 हजार रुपए से डेढ़ लाख रुपए में हुआ गिरोह के साथ सौदा
राजस्थन और हरियाणा से आए थे परीक्षा देने : थंब इंप्रेशन और फोटो पहचान पत्र का मिलान करने पर पता चला कि इनके स्थान पर लिखित परीक्षा किसी अन्य युवकों ने दी है। इसके बाद परीक्षा केंद्र में हड़कंप मच गया। सीआईएसएफ अधिकारियों ने संदिग्धों को पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया। प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि पुलिस के हत्थे चढ़े युवक असली हैं।
जो राजस्थान और हरियाणा से परीक्षा देने आए थे। जबकि लिखित परीक्षा पास करने के लिए इन युवकों ने लाखों रुपए गिरोह को दिए थे। पुलिस को शंका है कि परीक्षा में पास कराने के लिए बड़ा गिरोह काम करता है। गिरोह के पकड़ने जाने के बाद पूर मामले का खुलासा होगा।
फिजिकल पास करने वाले प्रतिभागी होते रहे परेशान : फिजिकल परीक्षा पास करने वाले दो दर्जन से अधिक प्रतिभागी पूरे मामले के बाद परेशान होते रहे। वे सब भी शंका के दायरे में आ गए। बड़े फर्जीवाड़े के पकड़े जाने के बाद सीआईएसएफ ने फिजिकल पास करने वाले सभी प्रतिभागियों के दस्तावेजों को दोबारा मिलान किया। इस वजह से प्रतिभागी परेशान होते रहे। सभी प्रतिभागियों को जांच के लिए थाने से गाड़ी में दोबारा सेंटर ले जाया गया। जहां उनके दस्तावेजों की जांच की गई।
पूरे गिरोह को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती : वहीं पुलिस के लिए पूरे गिरोह को पकड़ना अब बड़ी चुनौती हो गई है। क्योंकि जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है वे असली प्रतिभागी है। जबकि उनके स्थान पर फर्जी अभियार्थियों ने लिखित परीक्षा दी है। लिखित परीक्षा देने वाले आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस को कड़ी मेहनत करना पड़ेगा। पूरे गिरोह के पकड़ने जाने के बाद खुलासा होगा।
बड़ा सवाल? : आखिर आरोपियों ने कैसे दी लिखित परीक्षा
लिखित परीक्षा में दूसरे परीक्षार्थी हुए शामिल
जिन युवकों को पकड़ा गया है वे असली परीक्षार्थी हैं। इन प्रतिभागियों के स्थान पर फरवरी और मार्च में आयोजित कांस्टेबल जनरल ड्यूटी की लिखित परीक्षा में अन्य युवक परीक्षा में शामिल होने आए थे। उस वक्त प्रतिभागियों का परिचय पत्र सहित अन्य दस्तावेज लिया गया था। उक्त डाटा सीआईएसएफ के पास आ गया था। बायोमैट्रिक ने इस गड़बड़ी को पकड़ा। राजीव शर्मा, एसडीओपी पाटन