स्पोर्ट्स रिपोर्टर | रायपुर
भारतीय वॉलीबॉल टीम ने पहली बार एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया। इस जीत में टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे छत्तीसगढ़ के शिखर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने एक्सपीरियंस शेयर किए। प्रदेश लौटने के बाद खिलाड़ी ने बताया कि वें दूसरी बार एशियन चैंपियनशिप के लिए सलेक्ट हुए थे। अंडर-23 खेलने से पहले शिखर जूनियर चैंपियनशिप में खेल चुके है। बतौर सेंटर ब्लॉकर पोजिशन पर खेलने वाले शिखर ने कहा कि टूर्नामेंट में उनका सबसे संघर्षपूर्ण मुकाबला चाइना से था। पहला सेट हम हार चुके थे। इसके बाद टीम ने वापसी करते हुए लगातार दो सेट जीते और अगले दौर में प्रवेश किया। भारत ने सेमीफाइनल मुकाबले में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को मात दी थी। टूर्नामेंट की टॉप-2 टीमों के वर्ल्ड चैंपियनशिप में उतरने का मौका मिलता है। शिखर की हाइट 6 फीट 6 इंच है। भारतीय टीम में शिखर तीसरे सबसे लंबे खिलाड़ी है। इस हाइट की वजह से ही उन्होंने एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया। उन्होंने 3 मीटर 5 सेंटीमीटर जंप रिच किया, जो भारत में सर्वाधिक है। इसके अलावा शिखर टूर्नामेंट में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी रहे। वेे महज 18 साल की उम्र में दो इंटरनेशनल चैंपियनशिप खेल चुके हैं।
14 साल की उम्र में खेला पहला स्कूल नेशनल
भारतीय टीम में सेंटर ब्लॉकर रहे शिखर सिंह ने 14 साल की उम्र में ही पहला स्कूल नेशनल खेल लिया था। भिलाई के रहने वाले शिखर ने पिछले साल जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया। रेलवे और पुलिस के बीच हुए मुकाबले में सीनियर वॉलीबॉल खिलाड़ी दीपेश सिन्हा ने उनका खेल देखा। जिसके बाद उन्होंने संघ की मदद से शिखर को छत्तीसगढ़ टीम में एंट्री दिलाई। इसके बाद उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए इंडिया टीम में जगह बनाई।
वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से सिल्वर मेडलिस्ट भारतीय टीम के हर खिलाड़ी को एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे।
प्रो वॉलीबॉल लीग में रहे विजेता
चेन्नई में हुए प्रो वॉलीबॉल लीग में छत्तीसगढ़ के शिखर सिंह विजेता टीम के खिलाड़ी थे। चेन्नई स्पार्टंस की ओर से खेल रहे शिखर टूर्नामेंट में सर्वाधिक पॉइंट्स भी बनाए और टीम को गोल्ड मेडल जिताया। शिखर के पिता अजय सिंह प्राइवेट कंपनी में काम करते है। उन्होंने बताया कि परिवार का पूरा सपोर्ट शिखर के साथ था। एक समय ऐसा आया जब उनके 12वीं के एक्जाम और जूनियर नेशनल के ट्रायल की तारीख एक ही दिन पर थी। तब उन्हें ट्रायल में जाने की इजाजत दी गई।