दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में 1 लाख के इनामी नक्सली ने सरेंडर किया। यह सरेंडर पोटाली कैंप में हुआ। हाल ही में सीएएफ के इस कैंप को शुरू किया गया है। सरेंडर करने वाले नक्सली का नाम मुचाकी मुल्ला बताया जा रहा है। पुलिस की तरफ से दावा किया जा रहा है कि पोटाली कैम्प में तैनात डीआरजी व दंतेश्वरी महिला फाइटर्स की कमांडो स्थानीय गोंडी भाषा मे ग्रामीणों को नक्सलियों की करतूत बता रही है। साथ ही नक्सलियों का साथ छोड़ने के फायदे भी ग्रामीणों को स्थानीय भाषा में समझाए जा रहे हैं। इसी वजह से प्रभावित होकर मुल्ला ने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया।
1) बड़े नक्सलियों का खास रहा मुल्ला
सरेंडर करने वाला मुचाकी गोगुंडा, अरनपुर नेंडीपारा का रहने वाला है। यह बड़े नक्सली लीडरों का बेहद करीबी बताया जाता है। पुलिस का कहना है कि जब भी कभी नक्सली गांव में आया करते तो पहले रेकी करने का जिम्मा मुल्ला के पास ही था। यह देखा करता था कि कहीं फोर्स तो नहीं आ रही। ऐसा होने पर फटाखा फोड़कर यह नक्सलियों को आगाह किया करता था। इसके अलावा गांव में नक्सली नेताओं की बैठकों की व्यवस्था करता था।
इन्हीं बैठकों में नक्सली गांव वालों को सरकार और फोर्स के खिलाफ भड़काते हैं। मुल्ला, गोंदपल्ली आश्रम को तोड़ने, अरनपुर और पोटाली की सड़क काटने और पुलिया को नुकसान पहुंचाने की घटना में शामिल था। कई बार इसने फोर्स को नुकसान पहुंचाने स्पाइक होल बनाए और प्रेशर बम भी लगाए हैं। अब सरेंडर के दौरान मुल्ला को 10 हजार रुपए दिए गए। शासन की योजना के तहत इसे रोजगार भी दिया जाएगा।
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