मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन ओपीडी में चेकअप कराने आने वाले मरीजों को ब्लड जांच तक की सुविधा नहीं दे पा रहा है। कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) जांच के लिए ओपीडी की मरीजों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। इस जांच के लिए मरीजों को प्राइवेट लैब में 250 से 300 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। यह खर्च मरीजों को भारी पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है कि रिएजेंट केमिकल की सप्लाई कम होने से ओपीडी मरीजों की सीबीसी जांच बंद कर दी गई है।
अस्पताल में ओपीडी संख्या बढ़ती जा रही है। 500 से 600 तक मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मरीजों को डॉक्टर ब्लड जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। सीबीसी जांच कराने भी कहते हैं। इस जांच रिपोर्ट के बगैर डॉक्टर इलाज आगे नहीं बढ़ाते। इस वजह से मरीजों को यह जांच करानी ही पड़ रही है। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इस जांच की सुविधा थी पर माहभर से ओपीडी के मरीजों को ब्लड सैंपल काउंटर से लौटाया जा रहा है कि यह सुविधा बंद कर दी गई है। जबकि मरीज ब्लड सैंपल के नाम से काउंटर में पर्ची कटवा रहे हैं।
पर्ची बनाने देर तक इंतजार: काउंटर में यह नहीं बताया जा रहा है कि ओपीडी वालों के लिए सुविधा बंद है। देर तक पर्ची काउंटर में खड़े रहने के बाद पता चल रहा है कि यहां सीबीसी जांच नहीं कर रहे हैं। सोमवार को ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी। डॉक्टरों की सलाह पर ब्लड सैंपल देने पहुंचे मरीजों को सीबीसी जांच नहीं होने की वजह से लौटना पड़ा। मरीजों को अब प्राइवेट लैब में जांच करानी पड़ रही है।
दूसरी जांच भी बाहर कराने की मजबूरी
सीबीसी जांच बंद होने की वजह से मरीज ब्लड से संबंधित अन्य जांच भी बाहर कराने मजबूर हैं, क्योंकि ब्लड सैंपल काउंटर में एक रिपोर्ट के लिए कर्मचारी ब्लड का सैंपल लेने से आनाकानी करने लगे हैं। इस वजह से मजबूर होकर लोगों को ब्लड से संबंधित सभी जांच प्राइवेट लैब में कराना पड़ रहा है जो कि भारी पड़ रहा है। ब्लड से संबंधित अन्य जांच कराने 500 से 600 रुपए तक खर्च कर रहे हैं। बावजूद इसके केमिकल की व्यवस्था ही नहीं हो रही है।
जल्द व्यवस्था सुधारने का प्रयास किया जा रहा है