मनगटा स्थित वन चेतना केन्द्र के गार्डन वाले हिस्से को वन विभाग ने प्राइवेट फर्म को सौंप दिया है। वह भी बिना कोई टेंडर बुलाए। इसका ग्रामीणों के साथ ही वन समिति के सदस्य इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। सोमवार को डीएफओ बीपी सिंह ने पंचायत की बैठक बुलाई थी। बता रहे थे कि डेवलपमेंट करने के नाम से एक प्रोफेशनल को समिति से जोड़ रहे हैं पर ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया। बैठक में मौजूद जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव ने भी इसे डीएफओ की मनमानी बताते हुए विरोध किया और कहा कि जब सब काम मर्जी से ही करना है तो फिर बैठक बुलाने का ही कोई औचित्य नहीं है, यह कहते हुए जिपं उपाध्यक्ष बैठक छोड़कर चले गए। पंचायत के अन्य सदस्यों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया।
बैठक शुरू होते ही डीएफओ ने चेतना केन्द्र के सालभर का आय, व्यय का ब्योरा सामने रखा। इस स्टेटस रिपोर्ट से पता चल रहा है कि पर्यटकों के माध्यम से जितनी आवक हो रही है, उससे कहीं ज्यादा रकम व्यवस्था में ही खर्च हो जा रहे हैं। नया कुछ करने के लिए बच ही नहीं रहा है। आवक, जावक की रिपोर्ट बताते हुए डीएफओ ने प्रोफेशनल को टेंट हाउस, ट्री हाउस, गार्डन व किचन को संचालन के लिए देने की जानकारी दी। कहा कि प्रोफेशनल को काम देने से व्यवस्था सुधरेगी। जितना आवक होगा, उसका आधा समिति के पास जाएगा और आधा प्राइवेट फर्म के पास।