2022 के कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने कुल 22 गोल्ड मेडल जीते। इनमें से 6, यानी हर चौथा गोल्ड मेडल रेसलिंग में मिला। अगले कॉमनवेल्थ खेलों में हमारे सबसे मजबूत खेलों में से एक को बाहर कर दिया गया है। ये खेल 2026 में ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में होने हैं।
भास्कर एक्सप्लेनर में बताएंगे कि ये भारत के लिए कितना बड़ा झटका है? ऑस्ट्रेलिया इतना बड़ा गच्चा देने में कैसे सफल हुआ? CWG से कैसे निकाले और शामिल किए जाते हैं खेल?
अभी तक की कहानीः CWG 2026 से रेसलिंग बाहर, 20 खेल शामिल
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन यानी CWF और कॉमनवेल्थ गेम्स ऑस्ट्रेलिया ने 5 अक्टूबर को 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने वाले खेलों की घोषणा की। इन खेलों में कुल 20 खेलों के 26 इवेंट्स होंगे, जिनमें 9 पैरा स्पोर्ट्स भी शामिल हैं। रेसलिंग को इन गेम्स में जगह नहीं मिली है।
2010 के बाद ये पहली बार है जब रेसलिंग को CWG गेम्स में जगह नहीं मिली है। कुल मिलाकर 1930 में शुरू हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 सालों के इतिहास में ये केवल चौथा मौका है जब रेसलिंग कॉमनवेल्थ गेम्स से बाहर हुआ है।
इससे पहले केवल तीन बार-1990 ऑकलैंड, 1998 कुआलालम्पुर और 2006 मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स में रेसलिंग शामिल नहीं किया गया था।
वहीं आर्चरी, यानी तीरंदाजी को भी 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में जगह नहीं मिली है। आर्चरी इससे पहले केवल दो बार 1982 और 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में ही शामिल हुआ था और दूसरी बार भारत इसमें दूसरे स्थान पर रहा था। भारत ने आर्चरी में अब तक 3 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज समेत कुल 8 मेडल जीते हैं।
23वें कॉमनवेल्थ गेम्स यानी 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 17 मार्च से 29 मार्च तक ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत के जिलॉन्ग, बेंडिगो, बल्लारेट और गिप्सलैंड शहरों में होगा। इसका उद्घाटन समारोह मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में होगा।
रेसलिंग में ऑस्ट्रेलिया का खराब रिकॉर्ड, इसलिए हटाया
ऑस्ट्रेलिया का इस खेल में खराब रिकॉर्ड है। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में ऑस्ट्रेलिया 178 मेडल जीतते हुए पहले स्थान पर रहा था, लेकिन रेसलिंग में वह केवल 2 ब्रॉन्ज मेडल जीत पाया था।
इसीलिए ऑस्ट्रेलिया ने अपनी मेजबानी में होने वाले 2026 CWG के लिए रेसलिंग को शामिल नहीं किया। रेसलिंग को ऑस्ट्रेलिया में हुए 2006 मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स में भी जगह नहीं मिली थी।
रेसलिंग का सुपरपावर है भारत, ऑस्ट्रेलियाई चाल से लगा झटका
रेसलिंग कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग के बाद भारत को दूसरा सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल दिलाने वाला खेल रहा है।
भारत पिछले चार कॉमनवेल्थ गेम्स में से तीन बार रेसलिंग मेडल टैली में टॉप पर रहा था। साथ ही बर्मिंघम में हुए 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के कुल 61 मेडल में से 12 तो रेसलिंग से आए थे, जिनमें से 6 गोल्ड मेडल थे।
भारत ने CWG में रेसलिंग में अब तक 49 गोल्ड, 39 सिल्वर और 26 ब्रॉन्ज मेडल समेत कुल 114 मेडल जीते हैं।
1930 में पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने के बाद से पिछले 92 सालों में ये केवल चौथा मौका होगा, जब रेसलिंग किसी CWG गेम्स का हिस्सा नहीं होगा।
भारतीय पहलवानों को दोहरा नुकसान:हुनर दिखाने, पुरस्कार पाने का मौका छिनेगा
भारतीय कुश्ती का हब माने जाने वाले हरियाणा से आने वाली चर्चित पहलवान विनेश फोगाट ने इसे भारतीय पहलवानों के लिए निराशाजनक कहा है। सुशील कुमार के बाद लगातार तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली दूसरी भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने एक इंटरव्यू में कहा कि कुश्ती ही उन कुछ खेलों में शामिल है, जिनमें भारत दुनिया में अपनी छाप छोड़ता है। साथ ही CWG और एशियन गेम्स जैसे प्लेटफॉर्म से ही युवा पहलवानों को खुद साबित करने का मौका मिलता है।
CWG की कामयाबी पहलवानों के लिए आर्थिक रूप से भी मददगार होती है। इस साल केंद्र सरकार ने CWG के गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को क्रमश: 20 लाख, 10 लाख और 7.5 लाख रुपए का इनाम दिया था। वहीं हरियाणा सरकार ने हर गोल्ड मेडलिस्ट को 1.5 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। अब CWG से रेसलिंग को बाहर किए जाने से फिलहाल ये मौका पहलवानों से छिन गया है।
विनेश फोगाट का कहना है कि ज्यादातर पहलवान गरीब परिवारों से आते हैं। हरियाणा में अपने बच्चों के कुश्ती का सपना पूरा करने के लिए लोग अपनी जमीनों तक को बेचे देते हैं। ऐसे में सरकार से मिलने वाले पुरस्कार पहलवानों को अपना करियर संवारने और परिवार का खर्च उठाने में मदद करते हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स के खेलों को शामिल करने का प्रोसेस क्या है?
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन यानी CGF कॉमनवेल्थ गेम्स की संचालक संस्था है। CGF ही कॉमनवेल्थ में शामिल किए जाने वाले खेलों को मान्यता और सहमति देता है।
CGF चार्टर के अनुसार हर कॉमनवेल्थ गेम्स में कम से कम 20 कोर और पैरा स्पोर्ट्स को शामिल करना जरूरी होता है।
कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल करने के लिए CGF ने तीन कैटेगरी बना रखी है…
कोर स्पोर्ट्स: ऐसे स्पोर्ट्स और पैरा स्पोर्ट्स जिन्हें हर कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल करना जरूरी होता है। पैरा स्पोर्ट्स 2002 से पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में कोर स्पोर्ट्स के रूप में शामिल हुए थे।
ऑप्शनल स्पोर्ट्स: मेजबान देश कुछ खेलों को ऑप्शनल खेल के रूप में शामिल कर सकता है।
रिक्गनाइज्ड स्पोर्ट्स: रिक्गनाइज्ड स्पोर्ट्स वे खेल हैं, जिन्हें CGF ने अप्रूव किया है, लेकिन उन्हें CWG में शामिल किए जाने से पहले और ग्रो करना जरूरी है।
क्या मेजबान देश चुन सकता है CWG के स्पोर्ट्स, ऑस्ट्रेलिया ने खेल कैसे किया?
कॉमनवेल्थ गेम्स में कौन से खेल शामिल होंगे इस पर अंतिम फैसला कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन यानी CGF करता है। हालांकि, CGF मेजबान देश को उनकी संस्कृति और स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए कुछ खेलों को CWG में शामिल करने की इजाजत देता है।
CGF ने अक्टूबर 2021 में एक नए स्ट्रैटजिक रोडमैप में कहा था कि मेजबान देश उन नए खेलों को चुन सकता है, जो उनके और उनकी संस्कृति के लिए रैलेवेंट हो। CGF ने इस रोडमैप में केवल दो खेलों एथलेक्टिक्स और तैराकी को हर कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल करने के लिए अनिवार्य खेल घोषित किया था।
इसी वजह से 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स की रेस में रेसलिंग पीछे रह गया, क्योंकि वह कभी भी ऑस्ट्रेलिया के टॉप खेलों में शामिल नहीं रहा है। रेसलिंग भारत, कनाडा, पाकिस्तान, नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका जैसे कुछ ही कॉमनवेल्थ देशों का प्रमुख खेल रहा है।
… लेकिन भारत के लिए एक अच्छी खबर भी है
शूटिंग या निशानेबाजी को 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल किया गया है। शूटिंग को 2022 बर्मिंगम कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं किया गया था। यानी शूटिंग की 4 साल बाद CWG में वापसी हो जाएगी।
अप्रैल 2022 में हुई बैठक में CGF और कॉमनवेल्थ गेम्स ऑस्ट्रेलिया ने रेसलिंग के साथ ही शूटिंग को भी 2026 CWG गेम्स की लिस्ट में शामिल नहीं किया था। बाद में कई दौर की बैठकों के बाद शूटिंग को 2026 CWG गेम्स में शामिल कर लिया गया।
ब्रिटेन के बर्मिंघम में हुए 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को जगह नहीं मिलने की वजह ब्रिटिश अधिकारियों ने लॉजिस्टिक को बताया था। दरअसल, बर्मिंघम में अच्छे शूटिंग रेंज की कमी है और ब्रिटेन ने नए शूटिंग रेंज के लिए इंवेस्टमेंट में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। इसीलिए उसने 2022 CWG में शूटिंग को शामिल नहीं किया था।
हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलियाई निशानेबाजों के दमदार प्रदर्शन के बाद इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन यानी ISSF के साथ ही शूटिंग ऑस्ट्रेलिया ने भी 2026 CWG में शूटिंग को शामिल किए जाने को लेकर पूरा जोर लगाया था।
आखिर में ये कोशिश रंग लाई और शूटिंग CWG 2026 में शामिल हो गया। साथ ही बर्मिंघम के उलट ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में कई अच्छे शूटिंग रेंज भी हैं।
रेसलिंग की कमी शूटिंग से पूरा करने की कोशिश करेगा भारत?
शूटिंग की CWG में वापसी भारत के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि शूटिंग उसके लिए कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में सबसे ज्यादा मेडल दिलाने वाला खेल रहा है।
भारत ने अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग में 63 गोल्ड, 44 सिल्वर और 28 ब्रॉन्ज समेत कुल 135 मेडल जीते हैं।
2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय निशानेबाजों ने 7 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज समेत कुल 16 मेडल जीते थे। उस CWG में भारत के जीते कुल 66 मेडल में से 25% मेडल शूटिंग से आए थे।
अब तक हुए 22 में से 18 कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हुआ है भारत
92 साल पहले शुरू हुए थे कॉमनवेल्थ गेम्स या CWG
खबर पढ़ने के बाद आप CWG से जुड़े एक पोल में हिस्सा ले सकते हैं:
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