मंडे मेगा स्टोरी5000 साल पहले जौ के बदले होते थे सारे काम:कौड़ी पहली करेंसी, मुगलों ने बनाया रुपया; दुनिया में इस वक्त कितना पैसा?

4 महीने पहलेलेखक: आदित्य द्विवेदी/शिवांकर द्विवेदी
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आज सोमवार है और दो दिन बाद, यानी बुधवार को देश का बजट पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लाल जिल्द में बजट की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी लेकर आएंगी।

बजट देश का सालाना बही-खाता है। इसमें पाई-पाई का हिसाब होता है, लेकिन आपने कभी ये सोचा कि ये पाई-पाई, यानी रुपए-पैसे और करेंसी की शुरुआत कहां से हुई होगी?

आज के मंडे मेगा में बात पाई, पैसे, रुपए, करेंसी और बजट की… दस हजार साल पीछे चलिये, इतिहास की भाषा में मध्य पाषाण काल। तब लोगों की जरूरतें सिर्फ पेट भरने तक की थीं। छोटे-मोटे हथियार बना लिए गए थे। इससे शिकार होने लगा था, लेकिन खेती-बारी शुरू नहीं हुई थी। हालांकि खाने के बदले में हथियार और हथियार के बदले में खाना देने की समझ लोगों में आ गई थी।

यहां से विनिमय, यानी एक्सचेंज की शुरुआत होती है। लेन-देन या व्यापार का ये बिल्कुल शुरुआती रूप माना जाता है। इस समय तक न खेती शुरू हुई थी और न ही मुद्रा के रूप में वस्तुओं का उपयोग।

1526 में पानीपत के पहले युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। इस समय तक अर्थव्यवस्था का पूरा पहिया मुद्राओं पर यानी सिक्कों पर आधारित हो चुका था। सिक्कों से ही लेने-देन होता था, लेकिन एक बड़ी समस्या थी।

उस वक्त तक वस्तुओं की कीमत तय नहीं थी। मुगलों ने इसका समाधान निकालने के लिए पूरे साम्राज्य में वस्तुओं का मूल्य निर्धारित करना शुरू किया। 1540 ईस्वी में मुगल सम्राट हुमायूं को हराकर दिल्ली की राजगद्दी पर शेर शाह सूरी ने कब्जा जमाया।

आपने सिक्कों की कहानी जान ली, अब चलते हैं करेंसी नोट के सफर पर...

करेंसी नोट एक सांकेतिक पैसा या कहें कि एक वचन पत्र है जो पुराने समय में भरोसे पर चलता था। इसे ऐसे समझिए कि राजा ने किसी कागज पर अपने साइन करके दे दिए कि इसे जो भी दिखाए उसे इतने पैसे का सामान दे दिया। राजा के भरोसे पर उस कागज की कीमत उस पर लिखे अमाउंट के बराबर हो गई। अब दुनिया भर की सरकारें इसे मान्यता देती हैं।

अब कहानी बजट की...

खेती की शुरुआत के बाद खानाबदोश दुनियाभर में फैले और अपने गांव बसाने लगे। यहीं से टेरिटरी की लड़ाई शुरू हो गई। हर टेरिटरी का अपना नेता चुना जाने लगा जो इसे मैनेज कर सके और सुरक्षा संभाल सके।

सिंधु घाटी सभ्यता में इसके कुछ प्रमाण मिलते हैं। इतिहासकारों को कुछ ऐसे भवन के अवशेष मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि यहां नेता का चुनाव किया जाता था। अपनी टेरिटरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कमाई का कुछ हिस्सा दिया जाने लगा। इसे कहां खर्च करना है इसका ब्योरा भी तैयार किया जाने लगा। ये बजट का बिल्कुल शुरुआती रूप था।

भारतीय बजट का पहला व्यवस्थित रुप कौटिल्य के अर्थशास्त्र में मिलता है। इसमें मौर्य काल की राजकीय व्यवस्था का उल्लेख किया गया है। कौटिल्य अर्थशास्त्र के मुताबिक हर साल वित्त मंत्री राजा के सामने एक नोट पेश करता था। इसमें साल के ओपनिंग बैलेंस, वर्तमान खर्च का ब्योरा होता था। जो काम पूरे हो चुके होते, उन्हें सिद्धम और जो चल रहे होते, उन्हें कर्णिय कहा जाता था।

बजट शब्द पहली बार 1773 में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर रॉबर्ट वालपोल ने इस्तेमाल किया। बजट शब्द बज से आया है जिसका मतलब होता है बैग या छोटा पर्स। ईस्ट इंडिया कंपनी 1833 में चार्टर एक्ट लाई। इस एक्ट के तहत भारत में गवर्नर जनरल को राजस्व के नियंत्रण का अधिकार दिया गया।

1857 की क्रांति के बाद देश में केंद्रीय वित्तीय व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई। 18 फरवरी 1869 को गवर्नर जनरल इन काउंसिल के फाइनेंस मेंबर सर जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया।

आजादी की घोषणा के बाद 2 फरवरी 1946 को लियाकत अली खान की ओर से बजट पेश किया गया। आजाद भारत का पहला बजट नवंबर 1947 में शनमुखम चेट्‌टी ने पेश किया। इसके बाद हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बजट पेश किया जाता है। 1 फरवरी 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लगातार पांचवी बार बजट पेश करने जा रही हैं।

ग्राफिक्सः हर्षराज साहनी

References and Further Readings

  • Sapiens: A brief history of humankind by Yuval Noah Harari
  • https://theconversation.com/when-and-why-did-people-first-start-using-money-78887
  • https://www.citeco.fr/10000-years-history-economics/the-origins/cowry-shells-a-form-of-currency
  • https://www.worldhistory.org/article/1793/the-invention-of-the-first-coinage-in-ancient-lydi/
  • https://coinindia.com/fifty-coins1.html
  • https://rbi.org.in/Scripts/mc_ancient.aspx
  • https://www.mintageworld.com/coin/detail/30989/
  • https://coinindia.com/galleries-slave.html
  • http://www.chiefacoins.com/Database/Countries/East_India_Company.htm
  • https://rbi.org.in/Scripts/pm_republicindia.aspx
  • https://www.visualcapitalist.com/all-of-the-worlds-money-and-markets-in-one-visualization-2020/

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