प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में 15-18 साल की उम्र के बच्चों और किशोरों के लिए 3 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू किए जाने का ऐलान किया। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने देश में पहली बार बच्चों के वैक्सीनेशन का फैसला किया है। दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में पहले से ही बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
चलिए जानते हैं कि भारत में बच्चों का वैक्सीनेशन क्यों है जरूरी? क्या बच्चों में वैक्सीनेशन के हैं कोई साइड इफेक्ट? बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन है कितनी कारगर?
भारत में 15-18 साल के बच्चों को लगेगी वैक्सीन
25 दिसंबर को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 साल-18 साल की उम्र के बच्चों और किशोरों का 3 जनवरी 2022 से कोरोना वैक्सीनेशन किए जाने का ऐलान किया था। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो गया है कि जहां बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
देश में वर्तमान में 15-18 की उम्र के बच्चों की संख्या करीब 10 करोड़ है। बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किए से स्कूलों के फिर से सामान्य ढंग से चलने में मदद मिलेगी और स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर माता-पिता की चिंता कम होगी।
भारत में बच्चों के लिए किन वैक्सीन को मिली है इजाजत?
भारत में अब तक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने दो कोरोना वैक्सीन को 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए इमरजेंसी यूज के इस्तेमाल की इजाजत दी है।
25 दिसंबर को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए इमरजेंसी यूज की इजाजत देने से पहले अगस्त 2021 में इसी उम्र के बच्चों के लिए कैडिला की जायकोव-डी (ZyCoV-D ) डीएनए वैक्सीन को भी DGCI की मंजूरी मिली थी।
देश में 15-18 साल के बच्चों को लगेगी कौन सी वैक्सीन?
PM मोदी की 3 जनवरी 2022 से 15-18 साल की उम्र के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा के बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर बच्चों को वैक्सीन कैसे लगेगी?
कोविन प्लेटफॉर्म के प्रमुख डॉ. आरएस शर्मा के मुताबिक, सरकार ने फिलहाल 15-18 साल की उम्र के बच्चों और किशोरों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन को 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल की फिलहाल अनुमति नहीं दी है।
यानी 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जाएगी।
15-18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
15-18 साल के बच्चों के 3 जनवरी से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन के लिए सरकार ने अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। कोविन प्लेटफॉर्म के प्रमुख डॉ. आरएस शर्मा के मुताबिक, बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए 1 जनवरी 2022 से कोविन प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा।
कोविन पर बच्चों के वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार या अन्य आइडेंटिटी प्रूफ नहीं होने पर 10वीं का ID कार्ड इस्तेमाल करने की भी इजाजत होगी। कोविन प्लेटफॉर्म से बच्चों के लिए वैक्सीनेशन बुक करने का बाकी तरीका वयस्कों के लिए रजिस्ट्रेशन जैसा ही होगा।
भारत में क्यों जरूरी है बच्चों का वैक्सीनेशन?
क्या बच्चों को वैक्सीनेशन से होते हैं साइड इफेक्ट?
पेरेंट्स के मन में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कोरोना वैक्सीनेशन से बच्चों में कोई साइड इफेक्ट होते हैं?
कितनी कारगर हैं बच्चों की वैक्सीन?
बच्चों में वैक्सीन की एफिकेसी को लेकर रिसर्च जारी है। हालांकि बच्चों की वैक्सीन को लेकर मौजूद कुछ स्टडी में सभी उम्र के बच्चों में वैक्सीन की एफिकेसी 90% से ज्यादा रही। WHO के मुताबिक, बच्चों में वैक्सीन की एफिकेसी भी लगभग वयस्कों में एफिकेसी जैसी ही रही।
US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के मुताबिक, 12-15 साल के बच्चों में वैक्सीन की दोनों डोज के बाद वैक्सीन की एफिकेसी 100% रही। वहीं 16 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में वैक्सीन की एफिकेसी 96% तक रही।
दरअसल, 5-11 साल के बच्चों को दी जाने वाली वैक्सीन की डोज 12-18 साल और वयस्कों को दी जाने वाली डोज से अलग होती है। बच्चों को दी जाने वाली वैक्सीन उनकी उम्र पर निर्भर करती है, न कि वजन पर।
दुनिया के 30 से अधिक देशों में शुरू हो चुका है बच्चों का वैक्सीनेशन
भारत से पहले दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन पहले से ही शुरू हो चुका है। इनमें अलग-अलग देशों में अलग-अलग उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
जैसे क्यूबा और वेनेजुएला 2 साल तक की उम्र के बच्चों का भी वैक्सीनेशन कर रहे हैं, तो वहीं चीन समेत तीन देशों में 3 साल से ज्यादा और अमेरिका, इटली, इजराइल समेत 7 देशों में में 5 साल से ज्यादा की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
वहीं जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत करीब 20 से ज्यादा देशों में 12 साल से ज्यादा की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
कोरोना से बच्चों को है कितना खतरा?
WHO के मुताबिक, वयस्कों की तुलना में बच्चों और किशोरों में कोरोना से कम सिम्प्टेमेटिक इंफ्केशन होते हैं, और इस वायरस से उनमें गंभीर बीमारी और मौतों का खतरा भी वयस्कों और बुजुर्गों की तुलना में कम रहता है।
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