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हमारे देश में कोरोना का पहला केस पिछले साल 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। ये वो महीना था जब कोरोना दुनियाभर में तेजी से फैल रहा था। भारत में जब पहला केस मिला, तब तक दुनिया के 18 और देशों में भी कोरोना के मरीज मिल चुके थे।
पहला मरीज आने के 52 दिन बाद 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने देश में टोटल लॉकडाउन की घोषणा की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक भारत में दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। इसका असर भी दिखा था, लेकिन अनलॉक होने के बाद कोरोना के मामले तेजी से बढ़े।
आज कोरोना का पहला मामला आए एक साल पूरा हो रहा है। पिछले 12 महीने जैसे कोरोना बढ़ा और घटा, वैसे ही हमारी जिंदगी भी बदली। जनवरी-फरवरी में हम बेफिक्री का जीवन जी रहे थे, तो मार्च खत्म होते-होते घरों में कैद हो गए। 13 मार्च को ही कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में कोरोना से देश में पहली मौत हुई थी। सितंबर आते-आते सब कुछ पीक पर था। कोरोना भी और हमारे आपके अंदर का डर भी। लेकिन उसके बाद चीजें बदलती गईं। पिछला पूरा एक साल कैसा बीता? कैसे कोरोना बढ़ा और कैसे अब कम हो रहा है? 13 ग्राफिक्स में समझते हैं...
सितंबर में रोज औसतन 90 हजार से ज्यादा मरीज मिलने लगे थे, अब सिर्फ 13 हजार मिल रहे हैं...
रोजाना मौतें 89% घटीं: अब रोज औसतन 135 मौतें, सितंबर में रोज 1,250 हो रही थीं।
97% मरीज ठीक हो चुके: 1.07 करोड़ मरीजों में से 1.04 करोड़ मरीज ठीक हो चुके।
दुनिया के सिर्फ 0.7% सक्रिय मरीज: देश में 1.7 लाख सक्रिय मरीज। दुनिया में 26 लाख।
पॉजिटिव- इस समय निवेश जैसे किसी आर्थिक गतिविधि में व्यस्तता रहेगी। लंबे समय से चली आ रही किसी चिंता से भी राहत मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद तथा सकून दायक रहेगा। ...
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