भास्कर एक्सप्लेनर:विवादों में घिरी फेसबुक को 9 हजार करोड़ ज्यादा मुनाफा, क्या कंट्रोवर्सी कंपनियों का फायदा बढ़ाने में मदद करती है?

एक वर्ष पहलेलेखक: जयदेव सिंह
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फेसबुक ने जुलाई से सितंबर की तिमाही में 67.6 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। पिछले साल इस दौरान कंपनी को 58.5 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। यानी कंपनी को 9.1 हजार करोड़ रुपए का ज्यादा मुनाफा हुआ है। हालांकि, एपल के नए ऑपरेटिंग सिस्टम iOS14 की वजह से कंपनी के मुनाफे पर कुछ असर भी पड़ा है।

फेसबुक की तिमाही रिपोर्ट में क्या है? पिछले एक साल में कंपनी का यूजर बेस कितना बढ़ा है? इस वक्त किस तरह की कंट्रोवर्सी में घिरी है फेसबुक? एपल के नए ऑपरेटिंग सिस्टम से फेसबुक को क्या नुकसान हुआ है? नतीजों को लेकर मार्क जुकरबर्ग का क्या कहना है? आइये जानते हैं…

फेसबुक की तिमाही रिपोर्ट में क्या है?

कंपनी के तिमाही मुनाफा बढ़कर 67.7 करोड़ हो गया है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 17% का इजाफा हुआ है। हालांकि, मुनाफा बढ़ने के बाद भी कंपनी का कुल रेवेन्यू थोड़ा घटा है। इसकी वजह एपल का नया प्राइवेसी रूल बताया जा रहा है।

सोमवार को फेसबुक के नतीजे आने के बाद कंपनी का शेयर 1.3% बढ़ा। इस साल कंपनी का स्टॉक करीब 20% चढ़ा है।

क्या फेसबुक का यूजर बेस भी बढ़ा है?

पिछले एक साल में कंपनी के मंथली यूजर बेस में 6% का इजाफा हुआ है। ये बढ़कर 291 करोड़ हो गया है।

एपल के नए ऑपरेटिंग सिस्टम से फेसबुक को क्या नुकसान हुआ है?

फेसबुक ने कहा है कि एपल के नए ऑपरेटिंग सिस्टम से उसके प्लेटफॉर्म पर किए जाने वाले विज्ञापन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर पिक्सल टूल की मदद से यूजर्स की ब्राउजिंग हिस्ट्री, सर्च किए गए प्रोडक्ट के हिसाब से टारगेट ऑडियंस को विज्ञापन दिखाता है। iOS14 अपडेट आने से फेसबुक ऐसा नहीं कर पा रहा है। इससे विज्ञापन के जरिए प्रोडक्ट बेचने वालों और कंपनी को नुकसान हुआ है। इससे फेसबुक पर किए जाने वाले ऐड का ट्रैफिक बहुत कम हो गया है।

किस तरह के विवादों में घिरी है फेसबुक?

सोमवार को हुए सबसे ताजा खुलासे में कहा गया कि फेसबुक का इस्तेमाल मानव तस्करी के लिए हो रहा है। कंपनी को 2018 से ही इसकी जानकारी है। इसी वजह से 2019 में एपल ने फेसबुक और इंस्टाग्राम को ऐप स्टोर से हटाने की धमकी भी दी थी।

पिछले एक महीने से फेसबुक लगातार आरोप लग रहे हैं। इस दौरान कंपनी के कई इंटरनल डॉक्युमेंट लीक हुए हैं। ये डॉक्युमेंट फेसबुक की पूर्व कर्मचारी और व्हिसलब्लोअर फ्रांसिस होगेन ने लीक किए हैं। होगेन ने अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) और अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल को ये डॉक्युमेंट लीक किए।

खुलासों में कहा गया है कि कंपनी को अपने प्रोडक्ट के निगेटिव इंपैक्ट के बारे में पता था। इसके बाद भी कंपनी ने इसे नजरअंदाज किया। कंपनी पर भारत में भाजपा नेताओं के भड़काऊ पोस्ट पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगे। यहां तक कहा गया कि कंपनी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की।

सूचनाएं लीक करने वाली फ्रांसिस होगेन ने 3 अक्टूबर को अपनी पहचान उजागर की। होगेन फेसबुक की सिविक मिसइन्फॉर्मेशन टीम की लीड प्रोडक्ट मैनेजर थीं। फेसबुक में लोकतंत्र और भ्रामक सूचनाओं पर काम करती थीं, बाद में उन्होंने काउंटर जासूसी से जुड़े मुद्दे पर काम किया। इसी साल मई में उन्होंने कंपनी छोड़ दी।

इस पूरे विवाद का असर फेसबुक पर भी पड़ा है। विवाद के बाद ही फेसबुक ने अपने नए प्रोडक्ट इंस्टाग्राम किड्स का डेवलपमेंट रोक दिया है। कंपनी की PR टीम लगातार इन आरोपों पर आक्रामकता से जवाब दे रही है।

क्या कंट्रोवर्सी से भी कंपनियों को फायदा होता है?

Controversy creates cash, यानी विवाद से पैसा बनता है। मार्केटिंग वर्ल्ड में ऐसा कहा जाता है। कुछ ब्रांड चर्चा में आने के लिए विवादित मुद्दों को उछालते हैं। इससे उनको फायदा भी होता है। हालांकि, कई बार ये उल्टा भी पड़ जाता है।

फोर्ब्स की एक रिपोर्ट कहती है कि लोगों की नजर में आने के लिए कंट्रोवर्सी खड़ी करना किसी ब्रांड के लिए एक अच्छा जरिया हो सकता है। भले ही कभी-कभी ये बैकफायर कर जाता है, लेकिन लोगों की चर्चा से बाहर रहने से बेहतर है चर्चा में बने रहना, भले वो निगेटिव हो।

सबसे ताजा उदाहरण डाबर की फेम क्रीम का करवाचौथ पर आया ऐड ही है। इसमें दो लड़कियां एक-दूसरे के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। विज्ञापन आने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी कड़ी आलोचना हुई। विज्ञापन को लेस्बियन रिलेशन को प्रमोट करने वाला बताया गया। विवाद बढ़ा तो डाबर ने अपने विज्ञापन के लिए माफी मांग ली, लेकिन इस पूरे विवाद में यूजर्स तक फेम क्रीम तो रजिस्टर हो ही गई।

इससे पहले तनिष्क भी अपने एक विज्ञापन की वजह से विवादों में आया था। उसे भी विवाद बढ़ने के बाद अपना ऐड वापस लेना पड़ा था।

नतीजों पर मार्क जुकरबर्ग का क्या कहना है?

सोमवार को नतीजे घोषित होने के बाद मार्क जुकरबर्ग ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर इन्वेस्टर्स से बात की। उन्होंने कहा कि कंपनी की इमेज खराब करने के लिए कुछ सिलेक्टिव चीजें लीक की जा रही हैं।

फेसबुक तो मेटावर्स लाने की तैयारी कर रही थी उसका क्या हुआ?

कंपनी मेटावर्स पर इस साल 10 बिलियन डॉलर, यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। कंपनी का मेटावर्स डिवीजन फेसबुक रियलटी लैब्स के नाम से काम करेगा। कंपनी की ये विंग ऑग्मेंटेड और वर्चुअल रियलिटी पर काम करेगी। इसका उपयोग करके यूजर वर्चुअल वर्ल्ड का एक्सपीरिएंस ले सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए फेसबुक ने 10 हजार लोगों को हायर करने की घोषणा भी की है।