यूपी के हाथरस में गैंगरेप को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हाथरस जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। धक्का-मुक्की भी हुई। कांग्रेस का आरोप है कि यूपी में कानून और व्यवस्था चरमरा गई है। जब सरकार की ही रिपोर्ट देखते हैं तो पता चलता है कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं। महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में यूपी अन्य राज्यों से काफी आगे है।
एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की क्राइम्स इन इंडिया 2019 रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 2018 से 2019 में 7.3% बढ़ गए। 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,05,861 केस दर्ज हुए, जबकि 2018 में 3,78,236 केस हुए थे। इसी तरह, एक लाख महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों का रेट 62.4% रहा, जो 2018 में 58.8% था।
क्या रेप केस भी देश में बढ़े हैं?
नहीं। एनसीआरबी की रिपोर्ट माने तो 2016 के बाद से लगातार रेप केस कम होते जा रहे हैं। 2015 के मुकाबले 2016 में जरूर रेप केस बढ़कर 38,947 तक पहुंच गए थे। लेकिन, उसके बाद से लगातार कम हो रहे हैं। भले ही सरकारी रिपोर्ट में नंबर गिरता दिख रहा हो, ज्यादातर राज्यों में हालात सुधरे नहीं हैं।
क्या उत्तरप्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं?
हां, यह एक कड़वा सच है। पिछले तीन साल में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में यूपी अव्वल रहा है। 2017 में यहां 56,011 केस दर्ज हुए, जबकि 2018 में 59,445 और 2019 में 59,853 केस रजिस्टर हुए हैं। आज देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 14.7% हिस्सेदारी उत्तरप्रदेश की है। हालांकि, राजस्थान के आंकड़े ज्यादा चौंकाने वाले हैं। वहां 2017 में 25,993 और 2018 में 27,866 केस रजिस्टर हुए थे, लेकिन 2019 में यह बढ़कर 41,550 हो गए हैं। यानी सीधे-सीधे 33% की बढ़ोतरी।
क्या रेप के मामले उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा है?
नहीं। लेकिन, वह लगातार टॉप-3 राज्यों में बना हुआ है। 2018 में मध्यप्रदेश (5,450) और राजस्थान (4,337) के बाद उत्तरप्रदेश (4,322) तीसरे नंबर पर था। 2019 में मध्यप्रदेश ने रेप के मामलों को कंट्रोल किया और 50% से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई। उत्तरप्रदेश में भी सुधार आया और नंबर 27% कम हो गया। लेकिन, राजस्थान में 40% की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इससे उत्तरप्रदेश तीसरे से दूसरे नंबर पर जरूर आ गया।
यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों का स्टेटस क्या है?
फिलहाल सिर्फ 2019 के आंकड़ों की बात करते हैं। उत्तरप्रदेश (35) रेप या गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में महाराष्ट्र (47) और मध्यप्रदेश (37) के बाद तीसरे नंबर पर रहा। दहेज हत्याओं के मामलों में 2,424 महिलाओं की मौत के साथ पहले नंबर पर रहा। देश के एक-तिहाई केस यहीं पर दर्ज हुए। लड़कियों के अपहरण (11,745) और शादी के लिए मजबूर करने (10,345) के मामले सबसे ज्यादा यूपी में हुए और इसके बाद बिहार का नंबर सामने आया। हद तो इस बात की है कि नाबालिगों को बंधक बनाकर शादी के लिए मजबूर करने में बिहार (4,483) से यूपी (4,060) कुछ ही मामले पीछे रहा। कुल मामलों के 60% केस तो इन दोनों राज्यों में ही सामने आए हैं।
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