मोदी को अपशब्द कहने वाले बिलावल को भारत का न्योता:क्या भारत-पाकिस्तान करीब आ रहे, शाहबाज UAE से क्यों सुलह की गुहार लगा रहे

2 महीने पहले

16 जनवरी 2023

‘हमने भारत के साथ 3 युद्ध लड़े। इससे लोगों को केवल गरीबी, बेरोजगारी ही मिली। हमने अपना सबक सीख लिया है। हम शांति के साथ रहना चाहते हैं। भारत-पाकिस्तान में सीधी बातचीत होनी चाहिए।’ - शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान के PM

9 दिन बाद…

25 जनवरी 2023

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को भारत आने का न्योता भेजते हैं। यह न्योता मई में होने वाली शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी SCO बैठक के लिए है। 12 साल में पहली बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आ सकते हैं।

भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि आखिर क्यों इस न्योते को भारत और पाकिस्तान के करीब आने की शुरुआत माना जा रहा है? क्या इसमें UAE का कोई रोल है?

दिसंबर 2022 तक बातचीत का कोई माहौल नहीं था, उल्टा भुट्‌टो ने मोदी के लिए अपशब्द कहे

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्‌टो जरदारी ने 16 दिसंबर 2022 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। भुट्‌टो बोले, ‘ओसामा बिन लादेन मर चुका है पर बुचर ऑफ गुजरात जिंदा है और वो भारत का प्रधानमंत्री है। जब तक वो प्रधानमंत्री नहीं बना था तब तक उसके अमेरिका आने पर पाबंदी थी।’

दरअसल, बिलावल ने यह बयान एक दिन पहले UNSC में जयशंकर के बयान के बाद दिया था। 15 दिसंबर को UNSC में जयशंकर ने कहा था, ‘जो देश अल-कायदा सरगना ओसामा बिन-लादेन का मेजबान हो सकता है और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला करवा सकता है, उसे UN में उपदेशक बनने की कोई जरूरत नहीं है।’

16 दिसंबर 2022 को न्यूयॉर्क मीडिया से बातचीत करते पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्‌टो जरदारी।
16 दिसंबर 2022 को न्यूयॉर्क मीडिया से बातचीत करते पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्‌टो जरदारी।

16 जनवरी को 2 घटनाओं ने बदला माहौल, शाहबाज शरीफ को सबक याद आया, मक्की बना ग्लोबल आतंकी

1. शरीफ बोले- मोदी जी आइए बैठते हैं, कश्मीर पर भी बात करेंगे

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भरे माहौल के बीच 16 जनवरी 2023 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज का एक इंटरव्यू आता है। UAE के अरेबिया न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में शरीफ कहते हैं कि मैंने UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान से भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह करवाने की गुजारिश की है। वो पाकिस्तान के दोस्त हैं और साथ ही उनके भारत से भी अच्छे संबंध हैं। वो दोनों देशों की बातचीत करवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

मैंने जबान दी है कि हम पूरी शिद्दत से भारत से बात करेंगे। शाहबाज आगे कहते हैं कि हमने भारत के साथ 3 युद्ध लड़े। इससे लोगों को केवल गरीबी, बेरोजगारी ही मिली। हमने अपना सबक सीख लिया है। हम शांति के साथ रहना चाहते हैं। मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये संदेश देना चाहता हूं कि आइए साथ बैठते हैं और कश्मीर पर भी बात करते हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने UAE के अरेबिया न्यूज चैनल को इंटरव्यू में भारत के साथ बातचीत की बात कही थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने UAE के अरेबिया न्यूज चैनल को इंटरव्यू में भारत के साथ बातचीत की बात कही थी।

2. लश्कर आतंकी ग्लोबल टेररिस्ट घोषित, चीन ने इस बार अड़ंगा नहीं लगाया

16 जनवरी को एक और चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लश्कर के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बार पाकिस्तान के सबसे बड़े हितैषी और करीबी सहयोगी चीन ने कोई अड़ंगा नहीं लगाया।

इतना ही नहीं, चीन ने खुद अपने इस कदम पर सफाई देते हुए कहा है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। इसके पहले 2022 में चीन ने मक्की समेत पाकिस्तान में मौजूद पांच आतंकियों को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाया था। राजनयिक हलकों में इन दो घटनाक्रमों को पाकिस्तान के सकारात्मक रुख के रूप में देखा जा रहा है।

इसके बाद भारत ने भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री को न्योता भेजा

19 जनवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शाहबाज शरीफ वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्ते बनाए रखना चाहता है। हालांकि इस तरह के रिश्ते के लिए आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल होना जरूरी है। ऐसी बातचीत के लिए अमन का माहौल भी होना चाहिए। हमारा हमेशा से यही नजरिया रहा है।

इसके बाद 25 जनवरी को भारत की ओर से पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्‌टो जरदारी को SCO बैठक में आने के लिए न्योता भेजा जाता है। SCO की विदेश मंत्री स्तर की बैठक मई में गोवा में होनी है। ये न्योता भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए भेजा गया है।

SCO में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस बैठक के लिए चीन और रूस समेत दूसरे मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों को भी न्योता भेजा गया है। ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री को न्योता भेजा जाना काफी सामान्य कदम लगता है, लेकिन सिर्फ इतना भर नहीं है।

एक्सपर्ट राजन जोशी और महापात्र बोले- भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर हो सकते हैं

विदेश मामलों के जानकार और JNU प्रोफेसर राजन जोशी का कहना है कि शाहबाज शरीफ का भारत से बातचीत करने की इच्छा जताने वाला बयान हो या फिर SCO समिट में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी विदेश मंत्री को भेजा गया भारत का न्योता हो।

दोनों ही मामलों में भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर होने की संभावना नजर आती है। इसकी एक मजबूत वजह यह भी है कि इस वक्त पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक है। हालांकि दोनों देशों का बातचीत के लिए एक मंच पर आना इतना आसान भी नहीं है। न ही इस तरह के किसी प्रयास से अभी आतंकवाद पर लगाम लगाया जा सकता है। इसकी दो वजह है...

1. पाकिस्तानी सरकार में ही भारत से बातचीत करने के मुद्दे पर सभी मंत्री और सांसद में मतभेद है।

2. पाकिस्तान में सरकार के अलावा सेना अहम रोल अदा करती है। सेना के बड़े अधिकारी का अभी दोनों देशों के रिश्तों पर कोई बयान नहीं आया है।

ऐसे में इस शाहबाज के बयान और बिलावल भुट्टो को भेजे गए न्योते को अभी सिर्फ बेहतर रिश्ता बनाने के प्रयास के तौर पर देखना चाहिए।

वहीं, JNU में इंटरनेशनल रिलेशन के प्रोफेसर एके महापात्र कहते हैं कि SCO का मेजबान देश होने के नाते भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को न्योता भेजा है। चूंकि पाकिस्तान भी SCO का मेंबर है, ऐसे में नई दिल्ली अनफ्रेंडली जेस्चर नहीं दिखाना चाहेगा।

उन्होंने कहा कि जब तक SCO के इतर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता नहीं होती, तब तक संबंधों में किसी प्रगति की उम्मीद नहीं की जा सकती है। महापात्र ने कहा कि मैं अभी इसे बहुत उम्मीद के रूप में नहीं देखता।

हालांकि इसकी वजह से दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए एक पॉजिटिव माहौल तैयार हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के साथ चर्चा में मुख्य बाधा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन है। एक ऐसा मुद्दा जिससे भारत बिल्कुल समझौता नहीं करेगा।

बातचीत का माहौल बनाने में आखिर UAE का क्या रोल है?

14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमले में 40 CRPF जवान शहीद हो जाते हैं।

26 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक करती हैं। इसमें कई आतंकियों के मारे जाने का दावा किया जाता है।

5 अगस्त 2019 को भारत सरकार जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करते हुए अनुच्छेद 370 खत्म कर देती है और इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर देती है।

2019 में घटी ये तीन ऐसी घटनाएं थीं, जिनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे। उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक भारत से कोई बातचीत नहीं होगी।

इधर, भारत ने भी कहा कि जब तक आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं। 2 साल बाद ही 25 फरवरी 2021 को भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर सीजफायर का ऐलान होता है। बताया जाता है कि दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की वार्ता के बाद यह सहमति बनी है।

उस वक्त ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE ने सीजफायर के लिए भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की बातचीत के बीच गुप्त रूप से मेजबानी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि UAE अमेरिका के बाद दूसरा देश था, जिसने सीजफायर के फैसले का स्वागत किया था। यही नहीं इस समझौते के ऐलान के दूसरे दिन यानी 26 फरवरी को UAE के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान अचानक दिल्ली के एक दिवसीय दौरे पर आते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे नवंबर 2020 में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अबू धाबी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान UAE के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इसी महीने उनसे मिलते हैं।

26 नवंबर 2020 को अबू धाबी में UAE के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से बातचीत करते विदेश मंत्री एस जयशंकर।
26 नवंबर 2020 को अबू धाबी में UAE के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से बातचीत करते विदेश मंत्री एस जयशंकर।

सीजफायर के ऐलान से लगभग दो हफ्ते पहले UAE के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ फोन पर बातचीत की थी। इसमें उन्होंने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके कुछ ही दिन पहले भारत ने श्रीलंका जाते वक्त इमरान खान के विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति दी थी।

इस बार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ UAE दौरे के दौरान ही भारत के साथ बातचीत की पेशकश करते हैं। हालांकि भारत ने आधिकारिक तौर पर UAE की मध्यस्थता की बात को कभी स्वीकार नहीं किया है। भारत कश्मीर के मुद्दे पर किसी तीसरे देश के दखल को आधिकारिक तौर पर हमेशा खारिज करता रहा है।

2016 के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गए

2016 के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ने शुरू हो गए। 3 बड़ी घटनाओं में पाकिस्तान प्रायोजित हमले की वजह से ऐसा हुआ...

1. जनवरी 2016: पठानकोट हमला

2. सितंबर 2016: उरी अटैक

3. फरवरी 2019: पुलवामा अटैक

इसके अलावा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद दोनों देशों के रिश्ते और ज्यादा बिगड़ने लगे। इसका असर दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के साथ ही दोनों के ट्रेड पर भी पड़ा। दोनों देशों के बीच बस, ट्रक, ट्रेन जैसे यातायात को पूरी तरह से रोक दिया गया।

अगस्त 2015 में आखिरी बार भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज को बातचीत के लिए भारत आने का न्योता दिया था। हालांकि भारत ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से मिलने की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद सरताज ने भारत आने से इनकार कर दिया। सुषमा स्वराज भारत की आखिरी विदेश मंत्री थीं जो दिसंबर 2015 में पाकिस्तान 'हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस' में हिस्सा लेने के लिए गई थीं।

9 दिसंबर 2015 को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में भाग लेती हुईं।
9 दिसंबर 2015 को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में भाग लेती हुईं।

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