एयर इंडिया ने अमेरिका के लिए अपनी उड़ानों में कटौती कर दी है। उसने ऐसा 19 जनवरी से अमेरिका में लॉन्च हुई 5G सेवाओं को देखते हुए किया है। कई अमेरिकी एयरलाइंस पहले से ही एयरलाइंस पर असर पड़ने की बात कहते हुए 5G की लॉन्चिंग को टालने की अपील कर रही थीं।
चलिए समझते हैं कि आखिर कैसे 5G नेटवर्क से एयरलाइंस पर पड़ेगा असर? आखिर क्यों 5G को टालने की उठी मांग? भारत पर पड़ेगा इसका कितना असर?
5G टेक्नोलॉजी से विमानों को क्या है दिक्कत?
अमेरिका में वेरिजोन और एटीएंडटी ने 19 जनवरी को 5G लॉन्च कर दिया है, लेकिन एविएशन कंपनियों के विरोध को देखते हुए वेरिजोन और AT&T ने एयरपोर्ट के आसपास 5G सेवाओं की लॉन्चिंग को फिलहाल टाल दिया है। एयरपोर्ट के आसपास हाई स्पीड 5G नेटवर्क की लॉन्चिंग टाले जाने से गुरुवार से एयर इंडिया, जापान की एयरलाइंस और दुबई की एमिरेट्स समेत कई कंपनियां अपनी उड़ानों को दोबारा शुरू कर रही हैं। इन कंपनियों ने बुधवार को 5G लॉन्चिंग को देखते हुए अमेरिका के लिए अपनी कई फ्लाइट्स रद्द कर दी थीं
चलिए ये समझते हैं कि आखिर 5G से विमानों को नुकसान होने की चर्चा क्यों हो रही है?
दरअसल, अमेरिका में सिविल एविएशन को रेगुलेट करने वाली एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FFA) और कम से कम 10 अमेरिकी एविएशन कंपनियों ने 5G सेवाओं से हवाई जहाज का उड़ान के दौरान ऑपरेशन और सेफ्टी प्रभावित होने की आशंका जताई है।
विमानों के हवा में आपस में टकारने का रहेगा खतरा
दरअसल, माना जा रहा है कि 5G सेवाओं की लॉन्चिंग से विमानों की ऊंचाई को मापने वाला अल्टीमीटर प्रभावित होगा। इससे हवा में दो विमानों के आपस में टकराने का खतरा रहेगा। दरअसल, रोड पर गाड़ियां जैसे दाएं-बाएं होकर ट्रैफिक नियंत्रण करती हैं, वैसे ही हवा में विमान एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मिलने वाली सूचना के जरिए एकदूसरे से टकराने से बचने के लिए ऊपर-नीचे होते हैं। लेकिन 5G की वजह से उन्हें जमीन से ऊंचाई के बारे में बताने वाले अल्टीमीटर डेटा के प्रभावित होने पर ये जानकारी नहीं मिल पाएगी, जिससे विमानों के हवा में आपस में टकराने का खतरा बढ़ जाएगा।
चलिए जानते हैं 5G से क्यों बताया जा रहा है विमानों को खतरा...
हजारों फ्लाइट्स रद्द होने से अरबों के नुकसान की आशंका
यूनाइटेड एयरलाइंस CEO स्कॉट किर्बी ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका में 5G सेवाओं के शुरू होने से कम से कम 40 बड़े एयरपोर्ट पर रेडियो ऑल्टीमीटर का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। रायटर्स के मुताबिक, इससे रोजाना औसतन 1000 फ्लाइट्स कैंसिल, डाइवर्ट या लेट होंगी और हजारों पैसेंजर प्रभावित होंगे। इसमें कार्गो और पैसेंजर दोनों तरह के विमानों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इससे अमेरिकी एविएशन इंडस्ट्री और यात्रियों को हर साल करीब 12 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है।
दुनिया के कई देश बिना नुकसान के कैसे कर रहे हैं 5G का यूज?
अमेरिका में भले ही विमानों को 5G से नुकसान होने की बात बड़ा मुद्दा बन हुई है, लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश भी हैं, जहां विमानों को बिना दिक्कत पहुंचे ही 5G का अच्छे से इस्तेमाल हो रहा है।
टेलीकॉम इंडस्ट्री ने प्लेन पर असर की आंशका को खारिज किया
अमेरिका में 5G सेवा लाने वाली कंपनियों वेरिजोन और AT&T का कहना है कि कम से कम 40 अन्य देशों में 5G सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। इनमें से किसी भी देश में विमान सेवाओं में किसी तरह की बाधा की कोई शिकायत नहीं मिली है।
अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियों ने ऐसी किसी भी दिक्कत से बचने के के लिए फ्रांस की तरह ही कम से कम 50 अमेरिकी एयरपोर्ट पर छह महीने के लिए बफर जोन बनाने पर सहमति जताई है।
भारत पर पड़ेगा क्या असर?
भारत में अगले कुछ महीनों में दिल्ली, मुंबई समेत 13 बड़े शहरों में 5G का ट्रायल शुरू होने वाला है। अमेरिका में 5G सेवाओं के विमानों पर पड़ने वाले असर को देखते हुए एयर इंडिया ने 19 जनवरी से अमेरिका के लिए अपनी उड़ानों को कम किया है या कुछ उड़ानों को रद्द किया है।
भारत में अभी 5G सेवाओं का एविएशन इंडस्ट्री पर असर सामने आना बाकी है, लेकिन अमेरिका में इस तरह की दिक्कतों के बाद माना जा रहा है कि जब भारत में 5G सेवाएं शुरू होंगी, तो सरकार फ्रांस की तरह एयरपोर्ट के आसपास बफर जोन बनाने या यूरोपीय देशों की तरह कम फ्रीक्वेंसी वाली 5G सेवाओं के इस्तेमाल को मंजूरी दे सकती है।
बोइंग विमानों पर सबसे ज्यादा असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5G सेवाओं से सबसे ज्यादा असर बोइंग के विमानों पर पड़ने की आशंका है।
5G और 4G सेवाओं में है क्या अंतर
हर दशक में टेलीकॉम या वायरलेस इंडस्ट्री अपने इंफ्रास्ट्र्क्चर में बदलाव करते हैं और नेटवर्क को अपग्रेड करते हैं। जैसे- 90 के दशक में 2G, 2000 के दशक में 3G, का बोलबाला था, पिछले दशक में 4G छाया रहा और इस दशक में 5G छाया रहेगा।
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