भारत में पहली बार पुरुष ट्रांसजेंडर एक बच्चे को जन्म देगा। केरल के कोझिकोड के रहने वाले ट्रांस कपल जिया और जहाद ने ये जानकारी दी है। इस अनोखे केस की पूरे देश में चर्चा हो रही है।
भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि कैसे प्रेग्नेंट होते हैं ट्रांसजेंडर, क्या मर्द भी पैदा कर सकते हैं बच्चे…
पूरा मामला क्या है?
केरल के कोझिकोड शहर में 3 साल पहले एक रोज जिया पावल की मुलाकात जहाद से हुई। ये दोनों ही ट्रांसजेंडर थे। पहली ही मुलाकात में दोनों में दोस्ती हो गई और फिर उनके बीच करीबी बढ़ने लगी। जल्द ही दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और उन्होंने साथ रहने का फैसला किया। जिया शुरुआत में लड़का था। जहाद से मिलने के एक साल बाद वह जेंडर बदलवाकर लड़की बन गया। वहीं, जहाद लड़की से लड़का बन गया।
अब लड़का बनने के बावजूद जहाद प्रेग्नेंट हो गया है। देश में यह पहला ऐसा मामला है, जब पुरुष ट्रांसजेंडर एक बच्चे को जन्म देगा। दो साल पहले 23 वर्षीय जहाद और 21 साल की जिया पावल ने अपने जेंडर बदलवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। 2022 में जहाद के प्रेग्नेंट होने की वजह से इस जोड़े को लिंग बदलवाने के इस प्रोसेस को बीच में ही रोकना पड़ा। 3 फरवरी 2023 को जिया ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर कर कहा है कि जहाद 8 महीने का प्रेग्नेंट है।
इस जोड़े ने अपने पोस्ट में कहा है कि माता-पिता बनने के बाद एक बार फिर से वे दोनों जेंडर बदलवाने की इस प्रोसेस को शुरू करेंगे। जिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि- '3 साल पहले जब हमने साथ रहना शुरू किया था तो हमें लगा कि हमारा जीवन बाकी दूसरे ट्रांसजेंडर जोड़ों से अलग होना चाहिए। हम एक बच्चा चाहते थे, ताकी कोई हमारा अपना हो। हमारे जाने के बाद भी हम अपने पीछे कुछ छोड़ जाएं।’
पुरुष बनने के बाद भी जहाद कैसे प्रेग्नेंट हो गया?
जेंडर बदलवाने के लिए जहाद ने अपने दोनों स्तन हटवा लिए थे। हालांकि, उनकी ब्रेस्ट रिमूवल सर्जरी पूरी नहीं हुई थी। इसी तरह उसके पुरुष बनने का प्रोसेस अभी अधूरा ही था कि एक रोज दोनों ने संबंध बनाए। जिससे जहाद प्रेग्नेंट हो गया।
जहाद के मुताबिक, कोझिकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जेंडर चेंज करने के लिए उसकी थेरेपी की जा रही है। अब बच्चा डिलीवरी होने के बाद एक बार फिर से पुरुष बनने की प्रक्रिया को वह नए सिरे से शुरू करेगा। पैदा होने के बाद बच्चे को फिलहाल ब्रेस्ट मिल्क बैंक से पीने के लिए दूध दिया जाएगा। अब दंपति बेसब्री से माता-पिता बनने का इंतजार कर रहा है।
क्या जेंडर चेंज कराने के बाद कोई ट्रांसजेंडर प्रेग्नेंट हो सकता है?
प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे जरूरी चीज यूट्रस है। जिसके पास यूट्रस होगा, वही प्रेग्नेंट हो सकता है। इसी वजह से महिला के तौर पर जन्म लेने वाली 'सिसजेंडर फीमेल' और 'ट्रांसजेंडर मेल' प्रेग्नेंट हो सकते हैं क्योंकि इनमें फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के साथ ही यूट्रस भी होता है।
इतना ही नहीं महिला से पुरुष बनने के लिए जेंडर चेंज करवाने की थेरेपी करा रहे लोग भी प्रेग्नेंट हो सकते हैं। अगर किसी ने जेंडर चेंज करवाने के लिए यूट्रस रिमूव करा दिया है, लेकिन ओवरीज, सर्विक्स और फेलोपियन ट्यूब रिमूव नहीं कराया, तो पुरुष साथी से फिजिकल रिलेशन बनाने से फेलोपियन ट्यूब में ही गर्भ ठहर सकता है। हालांकि, इस तरह की प्रेग्नेंसी को आगे बढ़ाना मुश्किल है।
जहाद के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। जेंडर बदलने की वजह से देखने में तो वह पुरुष लगने लगा, लेकिन उसके शरीर से सभी फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को खत्म नहीं किया गया था।
अब जानिए प्रेग्नेंट होने के लिए किन चीजों की जरूरत होती है?
प्रेग्नेंसी के लिए आमतौर पर तीन चीजों की जरूरत होती है। स्पर्म, एग, यूट्रस और कुछ हॉर्मोन्स। नेचुरल प्रोसेस में मेल के सीमेन से स्पर्म रिलीज होते हैं। इनकी संख्या लाखों में होती है। फीमेल की ओवरी से एग रिलीज होते हैं। जब मेल और फीमेल आपस में संबंध बनाते हैं तो सीमेन के जरिए स्पर्म मैच्योर एग तक पहुंचता है और फैलोपियन ट्यूब (फीमेल पार्ट) में उसे फर्टिलाइज करता है। फर्टिलाइज होने के बाद यह एग महिला के यूट्रस में चला जाता है।
इसके साथ ही प्रग्नेंसी की शुरुआत होती है। प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने के लिए hCG, hPl, एस्ट्रोजेन जैसे हॉर्मोन्स की जरूरत होती है, जो महिला की बॉडी से रिलीज होते हैं।
क्या कोई सामान्य पुरुष प्रेग्नेंट हो सकता है?
यूट्रस नहीं होने की वजह से कोई सामान्य पुरुष प्रेग्नेंट नहीं हो सकता है। अगर कोई पुरुष अपने शरीर में यूट्रस ट्रांसप्लांट करवा ले, इसके बाद भी उसके लिए प्रेग्नेंट होना आसान नहीं है। इसकी वजह यह है कि मां बनने के लिए कई और बायोलॉजिकल प्रोसेस की भी जरूरत होती है।
हालांकि, जोसेफ फ्लेचर नाम के एक राइटर ने 1974 में 'द एथिक्स ऑफ जेनेटिक कंट्रोल' नाम से एक किताब लिखी है। इस किताब में पहली बार उन्होंने पुरुषों में यूट्रस ट्रांसप्लांट का आइडिया दिया। उनका मानना था कि महिलाओं की तरह ही पुरुषों के शरीर में भी निपल्स, पिट्यूटरी ग्लैंड्स होते हैं, जिससे वे बच्चे को अपना दूध भी पिला सकते हैं।
पुरुषों के मां बनने का एक तरीका एब्डॉमिनल प्रेग्नेंसी भी है। इस तरीके में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी IVF की मदद से एग और स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज कराया जाता है। फिर लैब में डेवलप करके इसे एब्डॉमन में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इसके लिए हॉर्मोन्स थेरेपी की भी मदद ली जाती है। इस तरीके से बच्चा पैदा करना बेहद खतरनाक होता है।
पुरुषों के बच्चा पैदा करने में 3 मुख्य चुनौतियां हैं?
रिप्रॉडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट मानते हैं कि पुरुषों की प्रेग्नेंसी की राह में 3 मुख्य चुनौतियां हैं…
पहली चुनौती: उनमें प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी हार्मोंस की पर्याप्त मात्रा नहीं होती है।
दूसरी चुनौती: पुरुषों में महिलाओं की तरह रिप्रॉडक्टिव सिस्टम नहीं होता है।
तीसरी चुनौती: यूट्रस (बच्चे के लिए गर्भ) और ओवरी (स्पर्म को फर्टिलाइज करने के लिए जरूरी अंग) पुरुषों में नहीं होते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें से कुछ चुनौतियों से मेडिकल साइंस निपट चुका है। हार्मोन थेरेपी के जरिए पहली चुनौती दूर की जा सकती है। जेंडर चेंज के लिए जैसा कि आजकल खूब हो रहा है, सर्जरी के जरिए पुरुषों में भी जरूरी रिप्रॉडक्टिव सिस्टम तैयार किया जा सकता है। जबकि ओवरी का विकल्प आईवीएफ यानी IVF के रूप में है।
चीन में रिसर्च के दौरान नर चूहे को मां बनाना संभव हुआ
लंबे समय से इंसानों के मन में ये सवाल उठता रहा है कि क्या लिंग बदलकर पुरुष बच्चा पैदा कर सकता है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए चीन के साइंटिस्टों ने चूहे पर रिसर्च शुरू किया।
चीन की नेवल मेडिकल यूनिवर्सिटी, शंघाई के रिसर्चर्स ने जून, 2021 में एक रिपोर्ट पब्लिश की। इसमें उन्होंने एक नर चूहे में यूट्रस ट्रांसप्लांट की जानकारी दी। इसमें बताया गया कि प्रेग्नेंट हुए नर चूहे ने 10 बच्चों को जन्म भी दिया। इसके बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया कि यूट्रस ट्रांसप्लांट से पुरुषों के प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ गई है।
ऋग्वेद में भी पुरुषों के बच्चा पैदा करने का जिक्र है
शिव और पार्वती को लेकर ऋग्वेद में एक बेहद लोकप्रिय धार्मिक किस्सा है। इसमें बताया गया है कि शिव-पार्वती अंबिका वन में घूमते वक्त प्रेम में लीन थे, तभी कुछ ऋषि वहां आ गए।
ऋषियों के अचानक वहां आने से पार्वती शरमा गई। इससे शिवजी को गुस्सा आ गया और उन्होंने शाप दिया कि जो भी अंबिका वन में प्रवेश करेगा, वह तुरंत स्त्री में बदल जाएगा।
एक बार मनु के पुत्र राजा ईल भटक कर अंबिका वन में चले गए और वह स्त्री में बदल गए। दुखी ईल ने अपना नाम बदलकर ईला रख लिया। फिर उनकी मुलाकात ऋषि बुध से हुई। दोनों के विवाह के बाद ईला ने पुरुरवा को जन्म दिया। जिन्होंने बाद में अपनी मां को शाप मुक्त कराया और ईला फिर से राजा ईल में बदल गईं।
इसी पुरुरवा को अप्सरा उर्वशी से प्रेम हुआ और ऋग्वेद में भी इनकी प्रेम कथा का जिक्र है। ये पुरुषों के बच्चा पैदा करने को लेकर वेदों में जिक्र किया गया धार्मिक किस्सा है।
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