IPL के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन के साथ डेटिंग को लेकर फिर चर्चा में हैं। ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भले ही भगोड़ा घोषित हैं, लेकिन न तो इससे उनकी लाइफ स्टाइल पर फर्क पड़ा है और न ही उनकी करोड़ों की कमाई पर। ललित मोदी इस वक्त भी 4500 करोड़ रुपए के मालिक हैं। साथ ही लंदन में जहां ब्रिटिश सरकार बैठी हुई है, उसी स्ट्रीट पर इनका एक शानदार महलनुमा घर भी है।
आज एक्सप्लेनर में हम भगोड़े ललित मोदी की कमाई, उनके बचपन और परिवार के बारे में बात करेंगे…
इन सवालों के जवाब जानने से पहले इस पोल पर आप अपनी राय दे सकते हैं...
कमाई का जरिया : 12 हजार करोड़ रुपए की कंपनी के मालिक हैं ललित मोदी
भगोड़े ललित मोदी ने 14 जुलाई को ट्वीट कर कहा कि वह पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन के साथ डेट कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि ललित मोदी आखिर करते क्या हैं और उनकी कमाई कैसे होती है। इसका जवाब ललित मोदी के ट्विटर बायो से मिलता है। इसमें मोदी ने अपने आपको मोदी इंटरप्राइजेज का प्रेसिडेंट बताया है।
मोदी इंटरप्राइजेज की कुल नेटवर्थ 12 हजार करोड़ रुपए की है। कंपनी एग्रो, टोबैको, पान मसाला, माउथ फ्रेशनर, कन्फेक्शनरी, रिटेल, एजुकेशन, कॉस्मेटिक, एंटरटेनमेंट और रेस्तरां का बिजनेस करती है। भारत के अलावा मोदी इंटरप्राइजेज का कारोबार मिडिल ईस्ट, वेस्ट अफ्रीका, साउथ-ईस्ट अफ्रीका, साउथ-ईस्ट एशिया, ईस्ट यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका और सेंट्रल अमेरिका तक फैला है।
वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ललित मोदी की कुल संपत्ति 4.5 हजार करोड़ रुपए की है। ललित मोदी के पास तीन फेरारी हैं जिनकी कीमत 15 करोड़ रुपए है।
7000 स्क्वायर फीट में फैले आलीशन मेंशन में रहते हैं ललित मोदी
भारत से भागने के बाद ललित मोदी लंदन के प्रतिष्ठित 117, स्लोएन स्ट्रीट पर पांच मंजिला मेंशन में रहते हैं। यह 7000 स्क्वायर फीट में फैला है। इस आलीशान बंगले में 8 डबल बेडरूम, 7 बाथरूम, 2 गेस्ट रूम, 4 रिसेप्शन रूम, 2 किचन और एक लिफ्ट है। मोदी ने इसे लीज पर ले रखा है। 2011 में इस घर का किराया हर महीने 12 लाख रुपए था। लंदन एस्टेट एजेंटों के मुताबिक वर्तमान में इसका किराया 20 लाख रुपए प्रति महीने से ज्यादा होगा।
चलिए अब जानते हैं ललित मोदी के बचपन, फैमिली और बिजनेस की शुरुआत के बारे में…
दादा गूजरमल मोदी ने बसाया था मोदीनगर
ललित मोदी का जन्म 29 नवंबर 1963 को भारत के एक बड़े बिजनेस परिवार में नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता कृष्ण कुमार मोदी और दादा गूजरमल मोदी बड़े बिजनेसमैन थे।
ललित मोदी के दादा गूजरमल मोदी ने अपने भाई केदार नाथ मोदी के साथ मिलकर 1933 में मोदी ग्रुप की स्थापना की थी और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मोदीनगर नाम से एक औद्योगिक नगर बसाया था। गूजरमल मोदी ने बिजनेस की शुरुआत चीनी मिल से की थी। उन्हें 1968 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
गूजरमल के बेटे और ललित मोदी के पिता कृष्ण कुमार मोदी यानी केके मोदी ने पिता के बिजनेस को और बढ़ाया। धीरे-धीरे मोदी ग्रुप एंटरटेनमेंट, चाय और वेबरेज, एजुकेशन, पर्सनल केयर, एग्रीकल्चर केमिकल्स, सिगरेट मैन्युफैक्चरिंग, मल्टी-लेवल मार्केटिंग और रेस्टोरेंट समेत कई बिजनेस में उतर गया।
1980 में क्लास बंक करने पर स्कूल से निकाले गए
मोदी की शुरुआती शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल में हुई। बाद में किडनैपिंग की धमकी की वजह से उनका परिवार नैनीताल चला गया। 1976 से 1980 तक ललित ने नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की। 1980 में ललित जब दसवीं में पढ़ रहे थे तो उन्हें बार-बार कॉलेज नहीं जाने और फिल्म देखने के लिए क्लास बंक करने की वजह से स्कूल से निकाल दिया गया था।
1983 से 1986 तक ललित ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई करने अमेरिका चले गए। वह दो साल के लिए न्यूयॉर्क की पीस यूनिवर्सिटी और फिर एक साल के लिए नॉर्थ कैरोलिना की ड्यूक यूनिवर्सिटी गए, लेकिन दोनों ही यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर सके।
1985 में अमेरिका में कोकीन तस्करी में पकड़े गए
अमेरिका में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ललित मोदी और उनके तीन दोस्तों ने एक होटल में 10 हजार डॉलर में आधा किलो कोकीन खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन कोकीन बेचने वाले ने बंदूक दिखाकर मोदी और उनके दोस्तों को धमकाया और उनके पैसे लूट लिए। अगले दिन मोदी और उनके दोस्तों ने एक छात्र को इस मामले से जुड़े होने के संदेह में पीट दिया।
1 मार्च 1985 को ललित मोदी और एक और छात्र पर कोकीन की तस्करी, हमला करने और सेकेंड डिग्री किडनैपिंग की साजिश का चार्ज लगाया गया। मोदी ने अपनी गलती मान ली और डरहम कंट्री कोर्ट ने पहले उन्हें दो साल की सजा सुनाई, लेकिन बाद में इसे 100 घंटे की कम्यूनिटी सर्विस में बदल दिया।
1986 में मोदी ने खराब सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट से भारत वापस लौटने की इजाजत मांगी, कोर्ट ने उन्हें इजाजत देते हुए भारत में 200 घंटे की कम्यूनिटी सर्विस करने का आदेश दिया था।
1986 में फैमिली बिजनेस से जुड़े, 2010 में प्रेसिडेंट बने
1986 में मोदी भारत लौटे और अपने परिवार के बिजनेस से जुड़ गए। 1987 से 1991 तक वह इंटरनेशनल टोबैको कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष रहे थे। 1989 में मोदी देश की सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों में शुमार गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड के नॉन-एग्जीक्यूटिव और नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बने।
गॉडफ्रे का ललित मोदी की फैमिली की कंपनी मोदी एंटरप्राइजेज और फिलिप्स मॉरिस इंटरनेशनल के साथ जॉइंट वेंचर था। 1992 में वह गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बने और अगस्त 2010 तक इस पद पर रहे। 2010 में उनके पिता केके मोदी ने घोषणा की थी कि ललित मोदी फैमिली बिजनेस मोदी एंटरप्राइजेज और उससे जुड़ी कंपनियों की कमान संभालेंगे। ललित मोदी अब भी मोदी एंटरप्राइजेज के प्रेसिडेंट हैं।
1993 में ललित मोदी ने बनाई MEN नाम से कंपनी, ESPN, फैशन टीवी और DD से किया करार
1993 में ललित मोदी ने अपने फैमिली ट्रस्ट के पैसों का इस्तेमाल करते हुए मोदी एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स यानी MEN नाम से अपनी एक कंपनी बनाई। MEN ने वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स के साथ 10 साल का जॉइंट वेंचर बनाया। इस करार के तहत MEN को डिज्नी के कुछ कंटेंट का भारत में प्रसारण करना था, जिनमें फैशन टीवी भी शामिल था।
1995 में मोदी की कंपनी MEN वॉल्ट डिज्नी की कंपनी ESPN की पैन-इंडिया डिस्ट्रीब्यूटर बन गई। मोदी की कंपनी MEN का काम ESPN के कार्यक्रमों का प्रसारण करने के बदले भारतीय केबल कंपनियों से पैसे कलेक्ट करना था।
ESPN ने ललित मोदी पर कमाई के बारे में कम जानकारी देने का आरोप लगाते हुए 5 साल बाद ही करार तोड़ दिया। इस बीच मोदी की कंपनी MEN का फैशन टीवी, टेन स्पोर्ट्स और DD स्पोर्ट्स से भी कॉन्ट्रैक्ट हो गया।
कुल मिलाकर शुरुआती वर्षों में ललित मोदी के ज्यादातर बिजनेस प्रॉफिटेबल नहीं रहे। उस समय मोदी का गुजारा उनके पिता की कंपनी के मेंटेनेंस अलाउंस से होता था। मोदी ने 2002 में केरल में सिक्सो नाम से एक ऑनलाइन लॉटरी बिजनेस भी लॉन्च किया था।
फिर 2008 में लॉन्च किया IPL
ESPN से करार और NBA जैसी अमेरिकी स्पोर्ट्स लीग की कामयाबी से मोदी को भारत में क्रिकेट के टेलीविजन प्रसारण की लोकप्रियता का अंदाजा हो गया था। उन्होंने वैसा ही कुछ भारत में क्रिकेट को लेकर करने की सोची।
1995 में उन्होंने BCCI को 50 ओवर की लीग आधारित एक नए टूर्नामेंट का आइडिया दिया था, लेकिन BCCI ने इसे खारिज कर दिया। 2007 तक ये आइडिया तब तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा, जब तक सुभाष चंद्रा ने इंडियन क्रिकेट लीग यानी ICL नाम से 20 ओवर की टी20 लीग नहीं लॉन्च कर दी।
ICL के आते ही BCCI एक्शन में आई और ICL में खेलने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया। इसके बाद 2008 में BCCI ने इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL लॉन्च किया। IPL को लॉन्च करने के पीछे ललित मोदी का दिमाग माना जाता है। वह 2008 से 2010 तक IPL के कमिश्नर रहे।
अपने पहले ही साल में मीडिया, ब्रॉडकास्टिंग और अन्य राइट्स से BCCI को 1 अरब डॉलर की भारी-भरकम कमाई हुई, जो साल-दर-साल बढ़ती गई। हाल ही में 2023-2027 के IPL के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स BCCI ने करीब 48 हजार करोड़ रुपए में बेचे हैं।
IPL को खड़ा करने से भगोड़ा बनने की कहानी
2010 IPL खत्म होने के बाद, BCCI ने ललित मोदी को मिसकंडक्ट, अनुशासनहीनता और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में सस्पेंड कर दिया।
BCCI ने इस मामले में जांच शुरू की और दोषी पाए जाने पर 2013 में ललित मोदी पर आजीवन बैन लगा दिया। हालांकि, मोदी ने खुद को निर्दोष बताते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था। 2010 में प्रवर्तन निदेशालय, यानी ED द्वारा ललित मोदी के खिलाफ टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू करने के बाद वह देश छोड़कर लंदन भाग गए थे। तब से वह लंदन में ही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ललित मोदी पर IPL से अपने परिवार और दोस्तों को भी फायदा पहुंचाने का आरोप है। उनके जीजा (बहन कविता के पति) की IPL टीम राजस्थान रॉयल्स में बड़ी हिस्सेदारी थी।
उनकी सौतेली बेटी करीमा के पति गौरव बर्मन की उस ग्लोबल क्रिकेट वेंचर में हिस्सेदारी थी, जिसने IPL के डिजिटल मोबाइल एंड इंटरनेट राइट्स हासिल किए थे। गौरव के भाई मोहित बर्मन की किंग्स इलेवन पंजाब में हिस्सेदारी थी।
2018 में ED ने FEMA एक्ट के उल्लंघन के लिए ललित मोदी और पूर्व BCCI अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर 121.56 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना साउथ अफ्रीका में आयोजित IPL 2009 के लिए फंड ट्रांसफर करने के लिए लगाया गया था। ED ने कहा था कि विदेश में पैसा ट्रांसफर करने के RBI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया था।
अब सुष्मिता सेन की कमाई के बारे में जानते हैं
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