साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ने दुनिया के होश उड़ा दिए हैं। कोरोना के इस नए वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) की कैटेगरी में रखते हुए WHO ने इसे ओमिक्रॉन नाम दिया है। यह कोरोना का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशन करने वाला वैरिएंट माना जा रहा है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे 'डरावना' बता रहे हैं। इस वैरिएंट को भारत में दूसरी लहर और दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर की वजह बने डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी से फैलने वाला करार दिया गया है।
आइए जानते हैं कि कोरोना के नए खतरनाक वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कितनी कारगर है? वैक्सीनेटेड लोगों को इस नए वैरिएंट से कितना खतरा है? WHO ने इस बारे में क्या कहा है? भारत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है ओमिक्रॉन? और भारत ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए कौन सी तैयारियां की हैं?...
कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में हम क्या-क्या जानते हैं?
ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन कितनी असरदार?
यही वजह है कि इस बात को लेकर आशंका जताई जा रही है कि ऐसा भी संभव है कि कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन असरदार न हो।
ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर WHO ने क्या कहा है?
ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा, ''कोई भी वैरिएंट ऐसा नहीं होता है जो वैक्सीन को पूरी तरह निष्प्रभावी बना दे।''
'अगर शरीर में वायरस के किसी भी वैरिएंट के लिए तैयार की गई वैक्सीन की वजह से एंटीबॉडी हैं तो वायरस से बचाव जरूर करेंगी। वैक्सीन हर वैरिएंट की मारक क्षमता को कुछ कम तो करता ही है। लेकिन पूरी तरह बेअसर नहीं कर सकता।'' लिहाजा जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें बिना देरी के लगवा लेनी चाहिए, क्योंकि ऐसे ही लोगों में ओमिक्रॉन से संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है।
ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन की वजह से वर्तमान सभी वैक्सीनों की इसके खिलाफ एफिकेसी के तुरंत आकलन किए जाने की जरूरत है।
भारत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है ओमिक्रॉन?
ओमिक्रॉन के केस उन लोगों में भी पाए गए हैं जो पूरी तरह वैक्सीनेटेड थे। ऐसे में यह भारत जैसे विशाल देश के लिए चिंता की बात हो सकती है। भारत में अब तक कुल 1 अरब 22 करोड़ से अधिक कोरोना की डोज लगाई गई हैं। इनमें से 78 करोड़ (56 फीसदी) से अधिक लोगों को कोरोना की सिंगल डोज लग चुकी हैं, जबकि 43 करोड़ (32 फीसदी) से लोगों को ही कोरोना की दोनों डोज लगी हैं।
भारत की महज 32 फीसदी आबादी का ही फुली वैक्सीनेटेड होना हमारे लिए चिंता की बात है। भारत में करीब 12 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरी डोज की तारीख निकल जाने के बावजूद भी टीका नहीं लगवाया है। ऐसे लोगों की लपरवाही भी ओमिक्रॉन जैसे कोरोना के नए वैरिएंट के आने पर खतरनाक साबित हो सकती है।
किन लोगों को है ओमिक्रॉन से सबसे अधिक खतरा?
कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन से भी सबसे अधिक संक्रमण का खतरा उन लोगों को हैं, जिन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ओमिक्रॉन अगर वैक्सीनेटेड लोगों को हो सकता है तो ऐसे लोग जिन्होंने कोरोना की सिंगल डोज ली है या अभी तक एक भी डोज नहीं ली है उन्हें इससे संक्रमित होने का खतरा कई गुना अधिक है।
भारत ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए कौन सी तैयारियां की हैं?
भारत सरकार ने ओमिक्रॉन की गंभीरता को देखते हुए इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पीएम मोदी ने कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर आपात बैठक की है, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ओमिक्रॉन के खिलाफ सर्तकता को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर चुका है।
सरकार ने ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना और हॉन्गकॉन्ग समेत उन सभी जगहों से भारत आने वाले यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग करने के आदेश दिए हैं, जहां कोरोना का ये नया वैरिएंट फैला है।
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