कोरोना के बढ़ते आकंड़ों को देखकर अगर आपको भी डर सताने लगा है तो एक्सरसाइज करना शुरू कर दीजिए। ऐसा हम नहीं, बल्कि अमेरिका के कैलिफोर्निया में 48 हजार कोरोना मरीजों पर हुई एक स्टडी कह रही है। दावा किया गया है कि जो फिजिकली एक्टिव हैं, यानी नियमित कसरत करते हैं उन्हें कोरोना इतना नुकसान नहीं पहुंचाता, जितना निष्क्रिय या आलसी लोगों को। जो लोग नियमित एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें कोरोना के गंभीर लक्षण होने और जान जाने का खतरा सबसे कम है।
कैलिफोर्निया में कोरोना मरीजों के बीच यह स्टडी की गई। इसमें लोगों को तीन हिस्सों में बांटा गया- 1. ऐसे लोग जो सप्ताह में 10 मिनट से कम शारीरिक गतिविधि में सक्रिय रहते हैं, 2. ऐसे लोग जो हफ्ते में 10 मिनट से 149 मिनट तक सक्रिय रहते हैं और 3. ऐसे लोग जो 150 मिनट से ज्यादा कसरत करते हैं।
जनवरी से अक्टूबर तक 48 हजार से ज्यादा कोविड-19 मरीजों की निगरानी की गई। इसमें जो नतीजे सामने आए, वह बताते हैं कि जो लोग हर हफ्ते 2.5 घंटे सक्रिय रहते हैं, उनके मुकाबले कम सक्रिय लोगों के हॉस्पिटलाइज होने की संभावना दोगुना से अधिक है। कम सक्रियता वाले लोगों की मौतें भी सक्रिय लोगों की तुलना में 2.5 गुना अधिक रही।
यह स्टडी बताती है कि जिन लोगों को दिल के रोग, डाइबिटीज, किडनी के रोग और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी, उसके मुकाबले कम सक्रियता उनके लिए ज्यादा घातक साबित हुई। जिन लोगों का पहले ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है या इन्फेक्शन के समय प्रेग्नेंट थे, उन्हें अस्पताल में भर्ती करने का कारण एहतियात था। स्टडी में अमेरिका के 48 हजार 440 लोग शामिल हुए। इनमें से 14.4% पिछले 2 सालों से किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं हुए थे। 79.1% ने हल्की-फुल्की एक्सरसाइज की और 6.4% हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज करते थे।
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