'शुरू से ही मेरे अंदर लड़कों जैसी फीलिंग आती थी। हम चार बहनें हैं। कोई भाई नहीं है। ऐसे में मन में एक वो टीस भी थी। इसलिए लड़कों की तरह रहने की कोशिश करता और वैसे ही कपड़े पहनता था। मैंने सोच रखा था कि अपना जेंडर चेंज कराना ही है।’
ये शब्द 2021 में फाइनल सर्जरी कराकर लड़की से लड़का बने राजस्थान के PT टीचर आरव (पहले मीरा) के हैं। 4 नवंबर 2022 को 30 वर्षीय आरव ने अपनी ही स्टूडेंट 21 साल की कल्पना से हिन्दू रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी कर ली।
भास्कर एक्सप्लेनर में बताएंगे कि ऐसी शादियाें की अलग-अलग मैरिज एक्ट में लीगैलिटी क्या है?
सवाल 1 : सर्जरी से जेंडर बदलवाकर शादी करना कानूनी है या गैर-कानूनी?
जवाब : भारत में अलग-अलग धर्मों में शादी के लिए अलग-अलग कानून है। अगर शादी करने वाले दोनों शख्स हिन्दू हैं तो उनकी शादी हिन्दू विवाह कानून 1955 के तहत होगी। इस कानून के तहत शादी केवल पुरुष और महिला के बीच ही हो सकती है। शादी के वक्त महिला की उम्र 18 साल और पुरुष की 21 साल होनी चाहिए।
कानून में इसका कोई जिक्र नहीं कि शादी से पहले शादी करने वाले दोनों बालिग शख्स अपना जेंडर बदलवाकर पुरुष या महिला बने हैं। ऐसे में मीरा से आरव बने राजस्थान के टीचर की उसकी स्टूडेंट कल्पना से शादी हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत कानूनी मानी जाएगी।
सवाल 2 : अगर राजस्थान में जेंडर बदलकर हुई शादी करने वाले किसी और धर्म के होते, तो भी क्या यह शादी लीगल होती?
जवाब : जैन, बौद्ध और सिख धर्म की शादियां भी हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 के तहत होती हैं। इन धर्मों के मामले में भी दो महत्वपूर्ण शर्ते हैं। पहली- शादी करने वाली स्त्री और पुरुष होने चाहिए और दूसरी- शादी के वक्त लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की 21 साल होनी चाहिए।
इसके अलावा सिखों की शादी आनंद कारज विवाह अधिनियम 2012 के तहत भी होती है। इसके तहत सिखों की शादी का रजिस्ट्रेशन हिन्दू विवाह एक्ट के तहत न होकर आनंद कारज विवाह एक्ट, 2012 के तहत होता है।
क्रिश्चियन : इंडियन क्रिश्चिन मैरिज एक्ट 1872 के मुताबिक पहली शर्त - शादी करने वाली स्त्री और पुरुष होने चाहिए और दूसरी- शादी के वक्त लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की 21 साल होनी चाहिए।
सवाल 3 : क्या ऐसी शादियां मुस्लिमों में मान्य हैं?
जवाब : मुस्लिम लड़के-लड़कियों की शादी उनके मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होती है, जिसके बारे में संसद से कानून नहीं बना है।
लॉयर और LGBTQ+ एक्टिविस्ट सौम्या सक्सेना कहती हैं कि क्या कजियात यानी इस्लामिक कोर्ट जेंडर चेंज को मानती है या नहीं। अगर वो नहीं मानती है तो कजियात से जेडर चेंज होने के बाद निकाह होना मुश्किल हो जाएगा। यदि वो इससे बाहर शादी करते हैं तो यह कानूनी रूप से मान्य नहीं होगी। देखा जाए तो अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
सवाल 4 : क्या अलग-अलग धर्म या देशों के शख्स जेंडर चेंज के बाद लीगल शादी कर सकते हैं?
जवाब : अलग-अलग धर्म या देशों के दो लोगों की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत रजिस्टर कर सकते हैं।
सवाल 5 : जेंडर चेंज करवाने के बाद शादी के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं?
जवाब : लॉयर सौम्या सक्सेना कहती हैं कि सेक्स सर्जरी के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट और हलफनामे की मदद से सरकारी डॉक्यूमेंट जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड में नाम और जेंडर बदलवाया है कि नहीं। यदि ऐसा नहीं किया गया है तो शादी कानूनी रूप से मान्य नहीं होगी, क्योंकि देश में समलैंगिक शादी मान्य नहीं है। यदि किसी ट्रांसजेंडर ने अपना डॉक्यूमेंट चेंज करवाकर उसमें अपना सेक्स फीमेल से मेल कर लिया है तो वह हिन्दू रीति-रिवाजों से शादी कर सकता है।
सवाल 6 : लड़की से लड़का बनकर शादी करने वाले आरव का मामला क्या है?
जवाब : राजस्थान के भरतपुर जिले में 2013 में मीरा (अब आरव) की नगला के राजकीय माध्यमिक स्कूल में PTI की नौकरी लगी थी। वहीं कल्पना इसी स्कूल में पढ़ती थी। साल 2016 में कल्पना 10वीं क्लास में थी और इसी दौरान उसने कबड्डी में हिस्सा लिया। यहीं से मीरा (आरव) और कल्पना के बीच दोस्ती होती है।
दो साल तक दोनों के बीच ये दोस्ती चलती रही। साल 2018 में मीरा ने कल्पना को शादी के लिए प्रपोज किया तो वह मान गई। लेकिन, सबसे बड़ी दुविधा थी कि यदि दोनों लड़कियां शादी करती तो न तो समाज और न परिवार मानता। कानूनी रूप से भी ये गलत होता।
ऐसे में 2019 में मीरा ने अपना जेंडर चेंज करने की सोची। आरव (पहले मीरा) बताते हैं कि शुरू से ही मेरे अंदर लड़कों जैसी फीलिंग आती थी। 2010 में जब मैं 12वीं में था, तब मैंने जेंडर चेंज करने की न्यूज पढ़ी थी। तभी से मेरा माइंड सेट हो गया था कि मुझे अपना जेंडर चेंज कराना है। ऐसे में जब कल्पना ने शादी का प्रपोजल एक्सेप्ट किया तो जेंडर चेंज का इरादा पक्का कर लिया।
इसके बाद हमने अपने घरवालों को बताया और शादी करने की ठानी। करीब 2 साल पहले 2020 में अपना जेंडर चेंज करवा दिया। आरव ने बताया कि सर्जरी करवाने से पहले घरवालों को हमने बताया कि हम शादी करना चाहते हैं तो वे राजी हो गए। मैंने पहले ही बता दिया था कि मैं जेंडर चेंज करवा रहा हूं। इसलिए किसी को आपत्ति नहीं हुई। इसके बाद डॉक्टर से कॉन्टैक्ट किया और 25 दिसंबर 2019 को पहली सर्जरी हुई। इसके बाद 2020 में दूसरी और दिसंबर 2021 में तीसरी फाइनल सर्जरी की गई।
सवाल 7 : क्या ऐसा कोई मामला पहले कभी कोर्ट में पहुंचा है? अगर हां तो कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था?
जवाब : हां पहुंचा था। 2019 में मद्रास हाईकोर्ट ने भी अरुण कुमार और श्रीजा के मामले में ऐसी शादी को हिन्दू विवाह एक्ट के तहत मान्यता दी थी। अरुण कुमार और श्रीजा ने अक्टूबर 2018 में तूतीकोरिन के एक मंदिर में शादी थी। लेकिन उन्हें अपनी शादी को रजिस्टर भी कराना था। जब वो शादी को रजिस्टर कराने के लिए रजिस्ट्रार के पास पहुंचे तो उन्होंने श्रीजा के ट्रांसजेंडर होने की वजह से शादी को रजिस्टर करने से मना कर दिया। इसके बाद दोनों कोर्ट पहुंचे।
जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘कई बार कुछ फैसलों को सुनाते हुए सिर्फ बाहरी आंखों की नहीं अंदरुनी, प्यार की आंखों की जरूरत होती है।’ उन्होंने कहा कि यह फैसला देते हुए हम किसी कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेक्स और जेंडर दो अलग बातें हैं। सेक्स वो है जो जन्म के समय होता है जबकि जेंडर चुनने का हक हर किसी को है। सुप्रीम कोर्ट ने यह हक हर किसी को दिया है कि वो महिला बनकर रहना चाहता है या पुरुष।
सवाल 8 : इस तरह की शादियों का क्या कोई इतिहास है?
जवाब : महिला से पुरुष बनने के बाद शादी करने का मामला महाभारत में शिखंडी के रूप में देखने को मिलता है। शिखंडी का जन्म पंचाल नरेश द्रुपद के घर लड़की के रूप में हुआ था।
मान्यता है कि उसके जन्म के समय एक आकाशवाणी हुई थी। इसमें कहा गया कि शिखंडी का पालन-पोषण लड़की नहीं बल्कि एक लड़के के रूप में हो। इसलिए शिखंडी को लड़के की तरह पाला गया। उसे युद्धकला का प्रशिक्षण दिया गया। बाद में उसका विवाह भी किया गया।
लेकिन विवाह के बाद पहली रात को जब उसकी पत्नी काे पता चला कि वह तो जन्म से लड़की है तो उसने शिखंडी को अपमानित किया। इससे आहत शिखंडी के मन में आत्महत्या का विचार आता है और वह पंचाल से भाग जाती है।
इस दौरान उसे एक यक्ष बचाते हैं और अपना सेक्स चेंज कर अपना पुरुषत्व शिखंडी को दे देते हैं। इस प्रकार शिखंडी एक पुरुष बनकर पंचाल वापस लौटता है और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सुखी वैवाहिक जीवन बिताता है।
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