25 अक्टूबर 2022 को 1300 साल बाद दीपावली पर सूर्यग्रहण चार ग्रहों के दुर्लभ योग में लग रहा है। दुनिया के कई देशों में सूर्य ग्रहण का नाम सुनते ही लोगों को डर का अहसास होता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि इस डर के तार हमारे पूर्वजों से जुड़े हैं?
30 हजार साल पहले की बात है, जब हम आदि मानव थे। इस वक्त इंसान खुले आसमान में तारों के नीचे सोता था। ये तारे ही इंसान को आने वाली बारिश, ठंड और दिशा की जानकारी देते थे। आसमान में होने वाली ये खगोलीय घटनाएं कभी उन्हें डराती थीं, तो कभी मजेदार किस्से गढ़ने का मौका देती थीं। इन्हीं घटनाओं में से एक सूर्य ग्रहण भी है।
ऐसे में सूर्य ग्रहण की शुरुआत से लेकर अब तक के सफर और उससे जुड़े किस्सों को माइथोलॉजी और ग्रंथों के जरिए 7 स्लाइड में जानते हैं…
ग्राफिक्स: श्याम अय्यर
भास्कर एक्सप्लेनर के नॉलेज बढ़ाने वाले कुछ और ऐसे ही रोचक आर्टिकल हम नीचे पेश कर रहे हैं...
24 अक्टूबर को दीपावली और 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है। हर साल दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, क्योंकि 25 अक्टूबर की शाम आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
इन दो पर्वों के बीच सूर्य ग्रहण और बुध, गुरु, शुक्र, शनि का अपनी-अपनी राशि में होना, ऐसा योग पिछले 1300 सालों में नहीं बना है। ये ग्रहण भारत के अधिकतर हिस्सों में दिखेगा। इस कारण इसका सूतक रहेगा, सभी धार्मिक मान्यताओं का पालन किया जाएगा। दिवाली की रात पूजन के बाद लक्ष्मी जी की चौकी सूतक लगने से पहले हटा लें या 25 को ग्रहण खत्म होने के बाद हटाएं।
2. हिजाब पर सुप्रीम बहस:वकील- स्कूलों में पगड़ी, तिलक, क्रॉस पर रोक नहीं तो हिजाब पर क्यों? SC में 6 दिनों की रोचक दलीलें
मुस्लिम लड़कियां स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहन सकती हैं या नहीं, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 10 दिन जबर्दस्त बहस हुई। शुरुआती 6 दिन के करीब 19 घंटे की पूरी जिरह को हमने पढ़ा और समझा। इस बहस में तिलक, पगड़ी और क्रॉस का भी जिक्र आया। कुरान का भी जिक्र आया और संविधान का भी। शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध रहे या नहीं? अब इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी
हिजाब मामले पर कोर्ट में शुरुआती 6 दिनों में हुई बहस की रोचक दलीलें और न्यायाधीशों की सख्त टिप्पणियों के साथ ही विवाद की कहानी जानने के लिए पढ़ें।
14 अक्टूबर यानी शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी में INS अरिहंत पनडुब्बी तैनात थी। भारतीय नौसेना के अधिकारियों के ट्रिगर दबाते ही इस पनडुब्बी से K-15 SLBM मिसाइल लॉन्च हुई, जिसने 750 किलोमीटर दूर टारगेट को तबाह कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत अब पानी के अंदर से भी परमाणु हमला करने में सक्षम है। इस तरह भारत दुनिया का छठा ‘न्यूक्लियर ट्रायड’ देश बन गया है।
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