करिअर फंडामैथिलीशरण की कविता में छिपे 6 मैनेजमेंट फंडे:साहित्य से समझें टाइम मैनेजमेंट-पॉजिटिव एट्टीट्यूड की TRICKS

9 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

अपनी प्रोफेशनल लाइफ में आप खूबसूरत साहित्य से बहुत मोटिवेशन ले सकते हैं। आज मैं आपको एक ऐसी ही यात्रा पर ले जाने वाला हूं!

करिअर फंडा में स्वागत!

नर हो, न निराश करो मन को

कुछ काम करो, कुछ काम करो, जग में रह कर कुछ नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो, समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को, नर हो, न निराश करो मन को।

संभलो कि सुयोग न जाय चला, कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला
समझो जग को न निरा सपना, पथ आप प्रशस्त करो अपना
अखिलेश्वर है अवलंबन को, नर हो, न निराश करो मन को।

प्रभु ने तुमको कर दान किए, सब वांछित वस्तु विधान किए
तुम प्राप्‍त करो उनको न अहो, फिर है यह किसका दोष कहो
समझो न अलभ्य किसी धन को, नर हो, न निराश करो मन को।

किस गौरव के तुम योग्य नहीं, कब कौन तुम्हें सुख भोग्य नहीं
जन हो तुम भी जगदीश्वर के, सब हैं जिसके अपने घर के
फिर दुर्लभ क्या उसके जन को, नर हो, न निराश करो मन को।

करके विधि वाद न खेद करो, निज लक्ष्य निरन्तर भेद करो
बनता बस उद्‌यम ही विधि है, मिलती जिससे सुख की निधि है
समझो धिक् निष्क्रिय जीवन को, नर हो, न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो।

मैथिली शरण गुप्त का जन्म 4 अगस्त 1886 में हुआ। महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्र कवि की पदवी दी थी। साथ ही भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया
मैथिली शरण गुप्त का जन्म 4 अगस्त 1886 में हुआ। महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्र कवि की पदवी दी थी। साथ ही भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया

महाकवि मैथिली शरण गुप्त की इस कविता का रेफरेंस देने के बाद प्रोफेशनल इम्प्रूवमेंट कैसे करें, आइए देखें

1) नर हो, न निराश करो मन को: निराश होने की बात ही क्या है, हमेशा पॉजिटिव एट्टीट्यूड के साथ होपफुल (आशावान) रहें। ध्यान रखें अच्छा काम और दूसरों की मदद करने वालों के लिए, हमेशा ऑपर्चुनिटी ओपन रहती है। मुझे हॉलीवुड मूवी 'ब्रिज ऑन रिवर क्वाई' याद आती है। यह सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 1942-43 में बने बर्मा रेलवे पर आधारित फिक्शनल मूवी है। इसमें बताया गया है कि कैसे जापानी कुछ ब्रिटिश इंजीनियर्स को न केवल इसलिए जिंदा रहने देते है, बल्कि प्रिजनर कैम्प में उनकी कई मांगों को भी मानते हैं, क्योंकि उन्हें रिवर क्वाई पर रेलवे ब्रिज बनाने के लिए उन इंजीनियर्स की जरूरत होती है।

2) कुछ काम करो, कुछ काम करो, जग में रह कर कुछ नाम करो: चींटी की तरह व्यस्त रहें, हमेशा कुछ-ना-कुछ काम करते रहें। आराम हराम ना सही, उसे साइंटिफिक तरीके से लें। आरामी जीव न बनें। जब लाइफ मिली है तो इसका कुछ उपयोग हो और यह लाइफ वेस्ट ना जाए। अपने टाइम और टैलेंट का क्रिएटिव तरह से उपयोग करते रहें।

3) संभलो कि सुयोग न जाय चला, कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला: टाइम मैनेज करते हुए नई चीजे सीखते रहें - भले ही आज आप वेल सेटल्ड हों, इस बात पर ना भरमाएं, दुनिया बहुत तेजी से बदलती है और ज्यादातर चेंज हमारी चेतना से परे होते हैं। हमेशा बुरी से बुरी अवस्था के लिए तैयार रहें। नई चीजें सीखना करना इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। फैमिली में लर्निंग का ट्रेडिशन बनाएं। नई स्किल्स जैसे कुकिंग, कार्पेन्टिंग कुछ भी सीखने के लिए समय निकालें, उसकी ट्रेनिंग लें और आवश्यकता होने पर उसमें धन भी निवेश करें (याद रखें अच्छे समय में आप ये कर सकते हैं)।

4) प्रभु ने तुमको कर दान किए, सब वांछित वस्तु विधान किए: ईश्वर ने गुड हेल्थ से नवाजा है, तो इसका ध्यान रखें। यह आपका सबसे बड़ा एसेट है। अच्छा और संतुलित भोजन नियमपूर्वक आनंद से लें। सलाद और मौसमी सब्जियों का भरपूर सेवन करें। वोकल फॉर लोकल रहें यानी लोकल चीजे खाएं, वो स्वास्थ्य और जेब दोनों के लिए लाभप्रद होती हैं। दुर्व्यसनों से दूर रहे - जैसे सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, शराब आदि। ये आपका स्वास्थ्य, समय, सम्मान, पैसा सब कुछ खा जाते हैं। व्यस्त जीवन में व्यायाम के नए तरीके बनाएं (जैसे योग और एयरोबिक्स को मिलाकर योगाबिक्स), विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें। हेल्थ का ध्यान रख उसका लाइफ बिल्डिंग में उपयोग करें।

5) किस गौरव के तुम योग्य नहीं, कब कौन तुम्हें सुख भोग्य नही: पूरी योजना युद्ध जीतने के लिए बनाएं, हारने वाली बाजी लड़ें ही ना। कभी भी आय के एकमात्र स्त्रोत पर निर्भर ना रहें, भले ही छोटे-छोटे कई सारे स्त्रोत बनाएं। ऐसा करने में अपने परिजनों और दोस्तों का सहयोग लें। परिवार में छोटी-छोटी तालमेल वाली टीमें बनाएं, ये टीमें बाप-बेटे, पति-पत्नी, मां-बेटे, पिता-पुत्री, भाई-बहन, बहन-बहन, भाई-भाई किसी भी हो सकती हैं। जैसे यदि पुत्र धन अर्जित करने में व्यस्त है, तो पिता उसको सही जगह निवेश करने में समय बिताए इत्यादि।

6) करके विधि वाद न खेद करो, निज लक्ष्य निरन्तर भेद करो: लाइफ में आने वाली छोटी-मोटी समस्याओं की शिकायत करते रहने के बजाय, नियमित रूप से छोटे, अल्पकालिक लक्ष्य निर्धारित करें। प्रगति को ट्रैक करने और अपने अनुभवों का नोट करने के लिए डायरी या नोटबुक का उपयोग करें। कुछ उदाहरण - किसी बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करना, विशिष्ट तकनीकी कौशल में सुधार, कोई निश्चित पुरस्कार या मान्यता अर्जित करना, किसी निश्चित पद पर पदोन्नत्ति पाना, किसी निश्चित विषय के बारे में ज्ञान बढ़ाना, पेशेवर संबंध बनाने या सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना, जटिल समस्या का समाधान ढूंढना, किसी रूटीन के लिए प्रतिबद्ध होना, आदि हैं।

कुछ काम करो, कुछ काम करो।

तो आज का करिअर फंडा यह है कि खूबसूरत साहित्य से प्रोफेशनल इम्प्रूवमेंट पॉसिबल है।

कर के दिखाएंगे!

इस कॉलम पर अपनी राय देने के लिए यहां क्लिक करें।

करिअर फंडा कॉलम आपको लगातार सफलता के मंत्र बताता है। जीवन में आगे रहने के लिए सबसे जरूरी टिप्स जानने हों तो ये करिअर फंडा भी जरूर पढ़ें...

1) ये 8 गलतियां दोहराते हैं सभी स्कूल:फीस का लालच और अच्छे रिजल्ट का दबाव बिगाड़ रहा बच्चों का फ्यूचर

2) ANSWER WRITING के 8 पावरफुल टिप्स:UPSC के पेपर्स में आंसर की क्वालिटी के साथ समय पर ध्यान देना जरूरी

3) ये 7 गलतियां तोड़ सकती हैं UPSC का सपना:ज्यादा नहीं, सही पढ़िए...टाइम मैनेजमेंट में छुपा है सफलता का राज

4) नई एजुकेशन पॉलिसी के 7 फायदे:NEP का फोकस 4 बातों पर...इसी से आएंगे बड़े बदलाव

5) जरूरी है इंग्लिश...जानिए अंग्रेजी सीखने के 7 आसान तरीके:इंग्लिश में सोचें, किताबें पढ़ें...अंग्रेजी फिल्मों से सीखें नए शब्द

6) इन 8 टिप्स के जरिए बच्चों से कनेक्शन बनाएं:बदलती दुनिया में टीचर्स लागू करें मॉडर्न डिसिप्लिन

7) पढ़ाई के साथ ये 7 चीजें भी करें:एग्जाम की तैयारी के दौरान माइंड को स्टेबल रखें; गाने सुनें और एक्सरसाइज करें