मान लीजिए आप किसी दूर शहर में या ग्रामीण इलाके में ट्रेवल कर रहे हैं। आपकी कार या बाइक का पेट्रोल अचानक खत्म हो जाता है। आसपास पेट्रोल पंप या कोई दुकान नहीं है। ऐसे हालात में आप क्या करेंगे? जाहिर सी बात है, आपको पैदल शहर जाकर पेट्रोल खरीदना पड़ेगा, लेकिन सोचिए अगर आपको एक फोन कॉल पर उसी जगह पेट्रोल या डीजल मिल जाए, वह भी मार्केट रेट पर तो कैसा रहेगा? है न यूनीक आइडिया... गुजरात के वडोदरा जिले के रहने वाले 4 दोस्तों ने ऐसी ही एक पहल की है। वे गुजरात और उसकी सीमा से लगे राज्यों में ऑन डिमांड पेट्रोल-डीजल की डोर स्टेप डिलीवरी कर रहे हैं। इससे सालाना 3 करोड़ रुपए का वे कारोबार कर रहे हैं।
घूमने के दौरान रास्ते में पेट्रोल खत्म हुआ तो आया बिजनेस का आइडिया
33 साल के सपन पटेल ने अमेरिका से मास्टर्स की पढ़ाई की है। उन्होंने कुछ सालों तक वहां नौकरी भी की है। वे कहते हैं कि कुछ साल पहले मैं अपने दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने गया था। वहां अचानक हमारी कार का पेट्रोल खत्म हो गया, हम लोग बीच सफर में ही फंस गए। आसपास कोई पेट्रोल पंप नहीं था। काफी देर तक इधर-उधर भटकने के बाद एक गांव में हमें पेट्रोल मिला। वह भी दोगुनी कीमत पर। तब हमें ख्याल आया कि इस तरह की दिक्कतें नई नहीं हैं और कई लोगों को ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
50 लाख रुपए के बजट से की बिजनेस की शुरुआत
सपन कहते हैं कि इसके बाद मैंने अपने बाकी तीन दोस्त पूर्वम, अलय और व्योम से बात की। उनसे कहा कि हमें कुछ ऐसा काम शुरू करना चाहिए जिससे लोगों को ऑन डिमांड पेट्रोल या डीजल मिल सके। इस सेक्टर में लोग कम हैं, इस लिहाज से ग्रोथ का बढ़िया स्कोप है। उनके दोस्तों को भी यह आइडिया पसंद आया और सबने मिलकर तय किया कि हमें प्रोफेशनल लेवल पर यह काम करना चाहिए।
इसके बाद सपन ने अमेरिका की अपनी नौकरी छोड़ दी। वहां उन्हें काफी अच्छी सैलरी मिलती थी। पूर्वम और अलय ने बिजनेस की पढ़ाई की है, जबकि व्योम ने MCA की पढ़ाई की है। सभी ने अपने-अपने फील्ड में काम भी किया है। सपन बताते हैं कि हमने पिछले साल अगस्त में Fuely नाम से खुद की कंपनी रजिस्टर की और नवंबर से काम शुरू कर दिया। करीब 50 लाख रुपए हमारे खर्च हुए थे।
सपन बताते हैं कि हम शुरुआत में वडोदरा शहर के अस्पतालों, होटलों और मॉल के अलावा छोटी-मोटी यूनिटों को पेट्रोल-डीजल पहुंचाते थे। धीरे-धीरे लोगों को हमारे बारे में जानकारी होती गई और हमारा नेटवर्क बढ़ता गया। इसके कुछ ही महीनों बाद हमने वडोदरा, भरूच और पंचमहल जिले के ग्रामीण इलाकों में भी छोटी कंपनियों को पेट्रोल और डीजल देना शुरू कर दिया।
कैसे करते हैं काम?
सपन और उनके साथी बताते हैं कि हम लोग लोकल मार्केट या पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं खरीदते हैं। हमने कुछ ऑइल सप्लाई करने वाली कंपनियों से टाइअप किया है, हम सीधे उनसे पेट्रोल खरीद लेते हैं। हमारे पास अलग-अलग साइज के टैंकर हैं। इसमें हम लोग पेट्रोल और डीजल पहले से भरकर स्टोर करके रखते हैं। यहीं से लोगों की डिमांड के मुताबिक पेट्रोल या डीजल की सप्लाई हम करते हैं। ग्रामीण इलाकों के लिए हमने अलग से एक टैंकर रिजर्व रखा है जो गांवों में ही रहता है, ताकि कम वक्त पर लोगों को पेट्रोल मिल सके।
ऑर्डर की प्रोसेस को लेकर सपन बताते हैं कि फोन कॉल या वॉट्सऐप के माध्यम से ऑर्डर किया जा सकता है। लोग हमारी वेबसाइट पर जाकर भी ऑर्डर कर सकते हैं। इसमें अपनी लोकेशन और क्वांटिटी बतानी होगी। अलग-अलग क्वांटिटी के हिसाब से अलग-अलग डिलीवरी रेट हैं, जो बेहद कम हैं। आप यह समझ सकते हैं कि हम लोग बाजार के दाम पर ही पेट्रोल या डीजल की होम डिलीवरी करते हैं।
जहां तक पेमेंट की बात है, लोग हमें कैश या ऑनलाइन दोनों ही मोड में भुगतान कर सकते हैं। एक बार बुकिंग हो जाने के बाद हम लोग 30 मिनट के भीतर उस लोकेशन पर फ्यूल पहुंचा देते हैं। इसके लिए अलग-अलग लोकेशन पर हमारे टीम के लोग काम करते हैं।
जल्द ही देशभर में फैलाएंगे नेटवर्क
कंपनी के सीएफओ व्योम अमीन बताते हैं कि हम कभी भी क्वालिटी से समझौता नहीं करते हैं। हम अपने फ्यूल में किसी तरह की मिलावट नहीं करते हैं। इसीलिए लोग हमारी सर्विस को पसंद भी कर रहे हैं। कई लोग हमसे फ्रेंचाइजी मांग रहे हैं। हम लोग भी फ्रेंचाइजी मॉडल पर देशभर में अपना नेटवर्क फैलाना चाहते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सके। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले 4 से 5 साल में हम देश के ज्यादातर हिस्सों में काम शुरू कर देंगे।
ग्राहकों का पैसा और समय दोनों ही बचता है
कंपनी के ऑपरेशन एंड लॉजिस्टिक्स डायरेक्टर अलय पटेल का कहना है कि समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है, इसलिए हम भी समाज को कुछ देना चाहते थे। इसलिए अपने इस स्टार्टअप के जरिए हम गांवों में घर-घर जाकर डीजल की डिलीवरी करते हैं। वर्तमान में हमारे पास 3 टैंकर हैं, जिनमें से 1 हमेशा गांवों में डीजल सप्लाई करने के लिए रहता है। वे बताते हैं कि हमारे तीनों टैंकर सिक्योरिटी फीचर्स से लैस हैं। हमने इसमें CCTV कैमरा लगा रखा है, ताकि किसी तरह की हरकत हो, तो उस पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा डीजल की गुणवत्ता मापने की मशीन भी लगी है।
सपन कहते हैं कि गांवों में खेती करने वाले किसानों को डीजल की जरूरत पड़ती है। उन्हें दूर शहर से डीजल खरीदना पड़ता है। ऐसे में उनका वक्त जाया होता है। कई बार तो डीजल खत्म होने या नहीं होने से उनका काम भी प्रभावित होता है। इस स्टार्टअप से किसानों को मदद मिली है। अब उन्हें गांव में ही मार्केट रेट पर डीजल मिल रहा है।
इसी कॉन्सेप्ट पर देश में और भी स्टार्टअप काम कर रहे हैं
देश के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह के कुछ स्टार्टअप काम कर रहे हैं। हाल ही में भारत पेट्रोलियम ने भी होम डिलीवरी फ्यूल की सर्विस शुरू की है। फ्यूलकार्ट के नाम से शुरू की गई यह सर्विस बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में काम कर रही है। इसके लिए कंपनी ने 63 मोबाइल पेट्रोल पंप शुरू किए हैं। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, रेपोस एनर्जी, माई पेट्रोल पंप, पेप फ्यूल्स, हमसफर और फ्यूलबडी जैसी स्टार्टअप कंपनियां भी देश में फ्यूल की होम डिलीवरी कर रही हैं।
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