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आज की पॉजिटिव खबर:5 साल से इंदौर में डिजिटल मार्केटिंग पढ़ा रहे थे राज, कोरोना में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हुए, अब सालाना 2 करोड़ टर्नओवर

नई दिल्ली2 वर्ष पहलेलेखक: इंद्रभूषण मिश्र
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मुंबई के रहने वाले राज पढ़ियार पिछले 5 साल से डिजिटल गुरुकुल नाम से स्टार्टअप चला रहे हैं। वे स्टूडेंट्स को डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट राइटिंग, वीडियो एडिटिंग जैसे कोर्सेज की ट्रेनिंग ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही प्लेटफॉर्म के जरिए प्रोवाइड करा रहे हैं। अब तक वे 45 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दे चुके हैं। उनके ज्यादातर स्टूडेंट्स अच्छी जगहों पर जॉब कर रहे हैं। कई कॉलेजों से उनका टाइअप भी है। इससे सालाना 2 करोड़ रुपए का टर्नओवर वे हासिल कर रहे हैं।

31 साल के राज एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। साल 2010 में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने करीब 2 साल तक गवर्नमेंट जॉब की तैयारी की, लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा। फिर तय किया कि अब MBA करेंगे। उन्होंने 2014 में मुंबई से MBA की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे एक बैंक से जुड़ गए। हालांकि इस दौरान उनका मन नहीं लग रहा था। वे खुद का कुछ करना चाहते थे। कुछ ऐसा जिसमें उनका इंटरेस्ट हो।

मुंबई के रहने वाले राज पढ़ियार पहले बैंक में जॉब करते थे। अब वे डिजिटल मार्केटिंग का स्टार्टअप चला रहे हैं।
मुंबई के रहने वाले राज पढ़ियार पहले बैंक में जॉब करते थे। अब वे डिजिटल मार्केटिंग का स्टार्टअप चला रहे हैं।

दैनिक भास्कर से बातचीत में राज बताते हैं कि कॉलेज के टाइम से ही डिजिटल फील्ड में मेरी दिलचस्पी रही है। कॉलेज लेवल पर मैंने इस तरह के कई प्रोजेक्ट किए थे। बैंक में नौकरी के दौरान मुझे रियलाइज हुआ कि बिना डिजिटल नॉलेज के कुछ काम नहीं हो सकता है। उसी दौरान डिजिटल इंडिया अभियान भी जोर पकड़ रहा था। लिहाजा मुझे लगा कि यही सही मौका है। इसी सेक्टर में मुझे खुद का काम शुरू कर देना चाहिए और नौकरी छोड़ दी।

इंदौर में 6 बच्चों के साथ शुरू की कोचिंग

राज कहते हैं कि इंदौर को स्टूडेंट हब के रूप में देखा जाता है। खास करके टेक्नोलॉजी के लिहाज से यहां स्कोप ज्यादा है। कई कंपनियां यहां काम कर रही हैं। इसलिए मैंने तय किया कि अपने काम की शुरुआत हम इंदौर से करेंगे। सबसे पहले हम अलग-अलग कॉलेजों में गए। वहां स्टूडेंट्स के साथ बातचीत की। तब ज्यादातर स्टूडेंट्स डिजिटली अवेयर नहीं थे। उन्हें हमारा आइडिया पसंद आया। इसके बाद हमने कॉलेज प्रशासन से बात की, वहां से अनुमति मिलने के बाद सेमिनार और वर्कशॉप करने लगे। इसका हमें फायदा भी मिला।

राज शुरुआत में ऑफलाइन लेवल पर बच्चों को डिजिटल मार्केटिंग की कोचिंग देते थे। कोरोना के बाद उन्होंने ऑनलाइन लेवल पर भी पढ़ाना शुरू कर दिया।
राज शुरुआत में ऑफलाइन लेवल पर बच्चों को डिजिटल मार्केटिंग की कोचिंग देते थे। कोरोना के बाद उन्होंने ऑनलाइन लेवल पर भी पढ़ाना शुरू कर दिया।

इसके बाद राज ने इंदौर में किराए पर एक कमरा लिया और 6 स्टूडेंट्स के साथ अपनी कोचिंग की शुरुआत की। वे स्टूडेंट को सोशल मीडिया मार्केटिंग, डिजिटल मीडिया मार्केटिंग, गूगल एनालिटिक्स जैसे टॉपिक पढ़ाने लगे। राज बताते हैं कि तब हमारे पास बजट काफी कम था। लिहाजा हमें सीमित संसाधनों से ही काम करना था। प्रोजेक्टर की बजाय हम व्हाइट बोर्ड पर ही स्टूडेंट को पढ़ा रहे थे। प्रैक्टिकल के लिए भी स्टूडेंट्स अपने लैपटॉप एक दूसरे से शेयर कर रहे थे। इतना ही नहीं तब हम क्रैश कोर्स मॉडल पर कोचिंग प्रोवाइड करा रहे थे, ताकि स्टूडेंट्स को ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ें।

जल्द ही जम गया बिजनेस, स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने लगी

राज बताते हैं कि हमारा कॉन्सेप्ट नया था। तब देश में गिनी चुनी जगहों पर ही डिजिटल सब्जेक्ट की पढ़ाई हो रही थी। लिहाजा जैसे-जैसे लोगों को हमारे बारे में पता चला, हमारा दायरा वैसे ही बढ़ता गया। एक के बाद एक स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती गई। साथ ही हम कोर्स और फैसिलिटी भी बढ़ाते गए। कभी हम स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री विजिट पर ले जाते थे तो कभी एक्सपर्ट को ही गेस्ट लेक्चर के लिए अपने यहां बुलाते थे। इससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा हुआ, क्योंकि ज्यादातर जगहों पर स्टूडेंट्स को डिग्री तो मिल जाती है, लेकिन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग नहीं मिल पाती है। हमारे यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद उन्हें नौकरी में अच्छा खासा एक्सपोजर मिलने लगा।

कोविड के दौरान ऑनलाइन ऐप की शुरुआत

राज की टीम में फिलहाल 20 लोग काम करते हैं। ये लोग डिजिटल सेक्टर में अच्छी खासी समझ रखते हैं।
राज की टीम में फिलहाल 20 लोग काम करते हैं। ये लोग डिजिटल सेक्टर में अच्छी खासी समझ रखते हैं।

राज कहते हैं कि 2019 के अंत तक हमारा स्टार्टअप ठीक-ठाक पोजिशन में था। हम अच्छा खासा रेवेन्यू जेनरेट कर रहे थे। स्टूडेंट्स की संख्या भी ठाक-ठाक थी, लेकिन जैसे ही हमने नए साल में एंटर किया कोविड की चपेट में आ गए। लॉकडाउन लग गया और हमें कोचिंग बंद करनी पड़ी। कुछ दिनों तक तो हमारे लिए पैनिक टाइम रहा, लेकिन बाद में हमारे बिजनेस के लिहाज से फायदेमंद रहा। तब ज्यादातर कोचिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो रहे थे। हमने भी अपना ऐप लॉन्च किया और ऑनलाइन स्टूडेंट्स को पढ़ाने लगे।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट होने के बाद हमारा दायरा काफी बढ़ गया। इंदौर और मध्य प्रदेश के बाहर के भी स्टूडेंट्स हमारे साथ जुड़ गए। इसके बाद हमने टीम मेंबर्स की संख्या बढ़ा दी और डेडिकेटेड वे में ऐप के जरिए स्टूडेंट्स को पढ़ाने लगे। फिलहाल राज के साथ 20 लोगों की टीम काम करती है। वे देशभर के स्टूडेंट्स को डिजिटल फील्ड से जुड़े टॉपिक और सब्जेक्ट पढ़ाते हैं।

सर्टिफिकेट लेवल से लेकर डिग्री लेवल के कोर्सेज

राज बताते हैं कि हमारे पास सर्टिफिकेट लेवल से लेकर डिग्री लेवल तक के कोर्सेज उपलब्ध हैं। ये सभी कोर्सेज भारत सरकार से मान्यता प्राप्त हैं। इसके लिए फीस भी अलग-अलग है। अगर औसत फीस की बात की जाए तो 5 हजार रुपए से इसकी शुरुआत की जा सकती है। इसमें हम स्टूडेंट्स को न सिर्फ डिजिटल सब्जेक्ट पढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें प्रैक्टिकल लेवल पर ट्रेनिंग भी देते हैं, ताकि वे प्रोफेशनल लेवल पर अपनी स्किल डेवलप कर सकें। उन्हें काम के दौरान किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।

राज को इस स्टार्टअप के लिए देशभर में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। तस्वीर में फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना राज को सम्मानित कर रहे हैं।
राज को इस स्टार्टअप के लिए देशभर में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। तस्वीर में फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना राज को सम्मानित कर रहे हैं।

फिलहाल राज के पास एक दर्जन से ज्यादा कोर्सेज हैं। वे सोशल मीडिया मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग, वीडियो एडिटिंग, ग्राफिक डिजाइन से लेकर हर उस टॉपिक के बारे में स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं, जिसकी जरूरत आज के दौर में है।

करियर के लिहाज से डिमांडिंग है डिजिटल मार्केटिंग

डिजिटल मार्केटिंग में अवसर की भरमार है। आज कोई भी ऐसा सेक्टर नहीं है, जहां डिजिटल मार्केटिंग की डिमांड न हो। चाहे मीडिया हो, मार्केटिंग हो, एजुकेशन हो या एंटरटेनमेंट, यहां तक कि पॉलिटिक्स में भी इस फील्ड की भरपूर डिमांड है। पार्टी लेवल से लेकर व्यक्तिगत लेवल पर लोग अपनी इमेज बनाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग की मदद ले रहे हैं। लिहाजा इस सेक्टर में नौकरियां बहुत हैं।

अगर कोई इस फील्ड में करियर बनाना चाहता है तो सबसे पहले उसे डिजिटल मार्केटिंग की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कई संस्थान डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स कराते हैं। इसमें सर्टिफिकेट लेवल से लेकर डिप्लोमा और डिग्री लेवल तक कोर्सेज होते हैं। सबसे अच्छी बात है कि इसमें लागत भी बहुत ज्यादा नहीं होती है। अगर किसी को डिजिटल मार्केटिंग की अच्छी समझ हो जाए तो वह अच्छी कंपनियों में नौकरी के साथ ही खुद का भी स्टार्टअप लॉन्च कर सकता है। आजकल तो कुछ एक हजार रुपए में ऐप और वेबसाइट बन जाती है।

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