स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में दो रेव पार्टियां हुई थीं। जिसमें ड्रग्स, शराब, म्यूजिक, डांस और सेक्स सब कुछ था। माना जा रहा कि यहां हुए 'रिस्की सेक्शुअल बिहेवियर' की वजह से विकसित देशों में मंकीपॉक्स फैला है। इसकी तस्दीक डॉ डेविड हेमन ने की है, जो WHO के इमर्जेंसी डिपार्टमेंट के हेड रह चुके हैं।
डॉ. हेमन ने AFP को दिए एक इंटरव्यू में बताया, 'हम जानते हैं कि संक्रमित लोगों से करीबी संपर्क होने पर ही मंकीपॉक्स होता है। ऐसा लग रहा है कि सेक्शुअल इंटरकोर्स ने इंफेक्शन को तेजी से बढ़ा दिया है।'
मंकीपॉक्स का नया पैटर्न क्या है?
पहली बार मंकीपॉक्स 1958 में खोजा गया था। तब रिसर्च के लिए रखे दो बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण सामने आए थे। इंसानों में इसका पहला मामला 1970 में कॉन्गों में 9 साल के बच्चे में पाया गया। आम तौर पर ये बीमारी रोडेंट्स यानी चूहे गिलहरी वगैरह और नर बंदरों से फैलती है।
इतने सालों में ये बीमारी कभी भी बड़े पैमाने पर अफ्रीका के बाहर नहीं गई, लेकिन इस बार बिना अफ्रीका की ट्रैवल हिस्ट्री के विकसित देशों में मैंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसी नए पैटर्न की वजह से दुनिया घबराई हुई है।
विकसित देशों में कैसे फैला मंकीपॉक्स?
स्पेन के वरिष्ठ अधिकारी एनरिक रुईज एस्कुदेरो ने 23 मई को बताया कि राजधानी मैड्रिड में अब तक 30 मामले सामने आ चुके हैं। एस्कुदेरो के मुताबिक हाल ही में केनरी आइलैंड पर हुए गे परेड में 80 हजार से ज्यादा लोग आए थे। हम इस गे परेड और मंकीपॉक्स फैलने के बीच के संबंध को इन्वेस्टिगेट कर रहे हैं।
पुर्तगाल और स्पेन के अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर समलैंगिक सेक्स करने वालों में इंफेक्शन की बात सामने आई है। ये लोग सेक्सुअल हेल्थ क्लिनिक में जख्मों का इलाज कराने गए थे। उसी दौरान उनकी जांच में मंकीपॉक्स संक्रमित होने का पता चला।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ब्रिटेन और यूरोप में संक्रमित हुए ज्यादातर युवा पहले कभी अफ्रीका नहीं गए। हालांकि, इन लोगों ने समलैंगिक सेक्स किया था।
WHO के एडवाइजर एंडी सील ने CNBC से बातचीत में कहा कि मंकीपॉक्स एक यौन रोग यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) नहीं है। इसका मतलब कि यह सीमेन या वजाइनल फ्लुइड्स के जरिए नहीं फैलता है। हालांकि, सेक्स के दौरान संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से इस बीमारी के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
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मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कैसी तैयारी?
पहले कब-कब हुआ मंकीपॉक्स आउटब्रेक?
क्या ये महामारी में बदल सकता है?
यूरोप में WHO की पैथागन थ्रेट टीम के प्रमुख रिचर्ड पेबॉडी के मुताबिक मंकीपॉक्स आसानी से नहीं फैलता और इससे फिलहाल कोई जानलेवा गंभीर बीमारी नहीं हो रही। इसके आउटब्रेक को लेकर कोविड-19 जैसे बड़े वैक्सीनेशन की जरूरत नहीं है। लोग संक्रमण से बचाव के लिए सेफ सेक्स करें, हाइजीन का ध्यान रखें और नियमित तौर पर हाथ धोते रहें।
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के वायरोलॉजिस्ट जोनाथन बाल के मुताबिक शुरुआती मंकीपॉक्स मरीज ने अपने कॉन्टैक्ट में आए 50 लोगों में से सिर्फ एक को इन्फेक्ट किया है। इसका मतलब ये ज्यादा संक्रामक नहीं है। UK हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी का भी मानना है कि इसके देशभर में फैलने का रिस्क बहुत कम है।
डॉ. हेमान का कहना है कि इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि मंकीपॉक्स का वायरस म्यूटेट हो कर और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट विकसित कर रहा है। यह कोविड नहीं है। यह हवा में नहीं फैलता और हमारे पास इसे रोकने के लिए वैक्सीन मौजूद है।
भारत को कितनी चिंता करनी चाहिए?
भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन प्रिकॉशन पूरे लिए जा रहे हैं। 20 मई से सरकार ने सभी इंटरनेशनल एंट्री पॉइंट पर सर्विलांस बढ़ा दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं...
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