सबसे पहले मेरा आपसे सवाल - क्या आपने ‘AI’, ‘मशीन लर्निंग’, ‘डीप लर्निंग’, ‘वेब 3.0’, ‘मेटा वर्स’ सुना है? अगर हां, तो बधाई, आप एक जागरूक इंसान हैं जो अपने आस-पास के बदलाव को देख पा रहा है।
हर दस साल में टोटल चेंज
जिस IT और कम्प्यूटर्स फील्ड को हम 1990 के दशक में जानते थे, वो 2000 के दशक में वैसी नहीं रही - सब बदल गया
2010 के दशक में 2000 के दशक के सारे नियम और टेक्नोलॉजी बदल गईं
और अब 2020 के दशक में एक बिलकुल नई दुनिया बन रही है!
आज हम देखेंगे क्या नया हो रहा है, और आपके लिए चान्सेस क्या बन रहे हैं।
प्रसिद्ध विचारक अल्बर्ट आइंस्टीन ने क्या कहा था - ‘कंप्यूटर बहुत तेज, सटीक और बेवकूफ हैं। मनुष्य बहुत धीमा, असटीक और प्रतिभाशाली है। एक साथ वे कल्पना से परे शक्तिशाली हैं।’ अगर आज आइंस्टीन जिंदा होते, तो मुस्कुरा कर कहते ‘देखो अब दोनों का मर्जर हो रहा है!’
1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: AI यानी कृत्रिम मेधा। फेमस कंप्यूटर कोडिंग लैंग्वेज ऐल्गॉल डेवलप करने वाले और ट्यूरिंग अवार्ड 1966 के विजेता एलन पर्लिस के अनुसार ‘कृत्रिम मेधा में बिताया गया एक वर्ष भगवान में विश्वास करने के लिए पर्याप्त है।’ AI मशीनों, खासतौर से कंप्यूटर सिस्टम द्वारा ह्यूमन वर्किंग की नकल होती है। AI के स्पेशल एप्लिकेशन्स में एक्सपर्ट सिस्टम्स, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और स्पीच रिकॉग्निशन और मशीन विजन शामिल हैं।
AI से चैटबॉट बनते हैं जो आज बड़ी फाइनेंस और बैंकिंग कंपनियां अपने कस्टमर के सवालों को सॉल्व करने के लिए यूज करती हैं।
स्टूडेंट्स को AI कोर्स के लिए दसवीं के बाद साइंस स्ट्रीम चुनना चाहिए। बारहवीं कक्षा, मैथ्स और फिजिक्स के साथ में कम से कम 50% अंकों के साथ पास करें। स्टूडेंट्स बारहवीं के बाद इंडिया में कई कोर्सेज की तलाश कर सकते हैं, जो कंप्यूटर साइंस कोर्सेज के साथ, या भीतर उपलब्ध हैं - AI में बीटेक या एमटेक, यूजी और पीजी में सबसे उन्नत पाठ्यक्रम हैं और इनमें प्रवेश के लिए जेईई मेन्स या गेट एग्जाम में पर्याप्त स्कोर चाहिए।
2. डेटा साइंस: डेटा साइंस आज कई इंडस्ट्रीज का एक जरूरी हिस्सा है, जहां भारी मात्रा में डेटा का उत्पादन किया जाता है। कंपनियों ने अपने बिजनेस को बढ़ाने और कस्टमर सैटिस्फैक्शन बढ़ाने के लिए डेटा साइंस तकनीक लागू करना शुरू कर दिया है। डेटा साइंस प्रेडिक्टिव मॉडल बनाने के लिए जटिल मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है। डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम करने के लिए, किसी बिजनेस इनफार्मेशन सिस्टम, कंप्यूटर साइंस, अर्थशास्त्र, इनफार्मेशन मैनेजमेंट, मैथ्स और स्टेटिस्टिक्स विषयों में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए। भारत में डेटा साइंस के स्टडी के लिए अनेक बड़े संस्थान हैं।
3. मशीन लर्निंग: ये फील्ड AI और कंप्यूटर साइंस की एक ब्रांच हम इंसानों के लर्निंग पैटर्न्स की कॉपी करने के लिए डेटा और एल्गोरिदम यूज करके, धीरे-धीरे इसकी प्रिसिशन (सटीकता) में सुधार करती है। मशीन लर्निंग डेटा साइंस के बढ़ते एरिया का एक महत्वपूर्ण पार्ट है। किसी एल्गोरिदम को डेटा माइनिंग परियोजनाओं के भीतर प्रमुख इनसाइट्स को उजागर करते हुए, वर्गीकरण या भविष्यवाणियां करने के लिए ट्रेन किया जाता है। ये इनसाइट्स बाद में एप्लीकेशन्स और व्यवसायों के भीतर निर्णय लेने को प्रेरित करती हैं। गूगल ईमेल स्पैम फिल्टर इसी तकनीक से चलता है।
मशीन लर्निंग इंजीनियरों से आम तौर पर कम से कम मास्टर डिग्री, और कभी-कभी कंप्यूटर विज्ञान या संबंधित क्षेत्रों में पीएचडी होने की उम्मीद की जाती है। मैथ्स का एडवांस नॉलेज और डेटा एनालिसिस स्किल्स एक मशीन लर्निंग इंजीनियर के लिए जरूरी हैं।
4. वेब डेवलपमेंट: वेब डेवलपमेंट वेबसाइट बनाने और उन्हें ऑनलाइन करने की प्रक्रिया है। वेबसाट प्लेन टेक्स्ट के सिंगल स्टैटिक पेज से लेकर जटिल इंटरेक्टिव वेब एप्लिकेशन तक हो सकती हैं। वेब विकास के लिए (i) एचटीएमएल, (ii) सीएसएस और (iii) जावास्क्रिप्ट की बुनियादी समझ की आवश्यकता होती है, जो वेब के केंद्र में तीन तकनीक हैं।
अब बात होने लगी है वेब 3.0 की, जिसमें एक डिसेंट्रलाइज्ड डेटाबेस पर यूजर्स खुद पूरे सिस्टम को कंट्रोल कर सकेंगे, और अपना डेटा प्रोटेक्शन भी।
5. मेटा वर्स: ये उभरती फील्ड है जिसमें जिंदा इंसान (आप और मैं) एक वर्चुअल एनवायरनमेंट में अपने अवतार के साथ उतरेंगे, और कई घंटों तक अपना जीवन वहीं जीएंगे। फेसबुक ने तो इसकी सक्सेस पॉसिबिलिटी देखते हुए अपना नाम ही मेटा कर लिया!
तो समय के साथ नई टेक्नोलॉजी आपको बुला रही हैं, सीखिए और आगे बढ़ते रहिए।
कर के दिखाएंगे
इस कॉलम पर अपनी राय देने के लिए यहां क्लिक करें।
करिअर फंडा में ये भी जरूर पढ़ें
4 बातें जिनसे वोकेशनल कोर्स नहीं हो सके पॉपुलर:सुरक्षित करिअर का आधार बन सकती है वोकेशनल ट्रेनिंग
एलन मस्क की जिंदगी से सीखिए 5 बड़े सबक:ट्रेडिशन तोड़ सक्सेस की कहानी लिखना बनाइए स्वभाव
परफॉरमेंस, प्रैक्टिस और परफेक्शन का 3-पी फार्मूला:सक्सेस के सबक बहरे मेंढक और माउंटेन मैन से सीखिए
जानिए, 7 डेली स्किल्स जो रखेंगी आपको आगे:करिअर से जीवन तक छोटी-छोटी बातों का बड़ा इम्पैक्ट
ठोस कारण हैं मैनेजमेंट स्टडीज पॉपुलर होने के:लोग क्यों करते हैं एम.बी.ए.
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.