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आज की पॉजिटिव खबर:आकांक्षा ने दादी-मां के नुस्खे को बिजनेस में बदला, अब सालाना 4 करोड़ रुपए टर्नओवर, विदेशों में भी मार्केटिंग

नई दिल्लीएक वर्ष पहलेलेखक: इंद्रभूषण मिश्र
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आप सभी ने दादी-मां के घरेलू नुस्खों के बारे में जरूर सुना होगा। जब अलग-अलग डॉक्टर्स से दिखाने और ट्रीटमेंट के बाद भी कोई बीमारी ठीक नहीं होती हैं, तब अक्सर घरेलू नुस्खे काम आ जाते हैं। ज्यादातर लोग घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल भी करते हैं। पिछले कुछ सालों में ऐसे प्रोडक्ट की डिमांड भी बढ़ी है। कई लोगों ने तो प्रोफेशनल लेवल पर भी इसका काम शुरू किया है।

कोलकाता की रहने वाली आकांक्षा मोदी भी उनमें से एक हैं। उन्होंने महज एक हजार रुपए की लागत से घर से ही स्किन केयर प्रोडक्ट की मार्केटिंग की शुरुआत की थी। आज 7 साल बाद उनका टर्नओवर 4 करोड़ रुपए पहुंच गया है। भारत के साथ-साथ सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई देशों में उनके कस्टमर्स हैं।

डॉक्टर से दिखाने के बाद भी नहीं हो रहा था फायदा

आकांक्षा की पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई है। उन्होंने इंग्लिश से ग्रेजुएशन और फिर कॉस्मेटिक केमिस्ट की पढ़ाई की है। वे कहती हैं, 'शुरुआत से ही घरेलू नुस्खों को लेकर मेरी रुचि रही है। घर में दादी से मैं उबटन बनाना सीखा था। उसके बाद आयुर्वेद की किताबें पढ़कर अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनाती रहती थी और उनका इस्तेमाल भी करती थी। इससे मुझे काफी फायदा होता था और मैं मार्केट का प्रोडक्ट इस्तेमाल नहीं करती थी।'

कोलकाता में रहने वाली आकांक्षा ने इंग्लिश से ग्रेजुएशन और फिर कॉस्मेटिक केमिस्ट की पढ़ाई की है।
कोलकाता में रहने वाली आकांक्षा ने इंग्लिश से ग्रेजुएशन और फिर कॉस्मेटिक केमिस्ट की पढ़ाई की है।

वे कहती हैं, 'जहां तक बिजनेस की बात है, मैंने कभी इसको लेकर न कुछ सोचा था न कुछ प्लानिंग की थी। मेरी सास को स्किन रिलेटेड कुछ दिक्कत थी। वे काफी समय से डॉक्टर से इसका ट्रीटमेंट करा रही थीं, लेकिन कुछ खास फायदा नहीं हो रहा था। इसको लेकर वे परेशान रहती थी। मैं उनके साथ एक बार डॉक्टर यहां गई तो देखा कि ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें कोई न कोई स्किन से रिलेटेड प्रॉब्लम है।'

इस तरह हुआ स्टार्टअप का सफर

आकांक्षा कहती हैं, 'जब कहीं बेहतर रिजल्ट नहीं मिला तो मैंने अपनी सास को खुद का बनाया उबटन दिया। यह पूरी तरह आयुर्वेदिक था और इसमें अलग-अलग हर्ब्स मिलाए गए थे। कुछ दिनों बाद ही उन्हें इसका फायदा हुआ। जो काम लंबे वक्त तक इलाज के बाद भी नहीं हो रहा था, वह उस उबटन ने कर दिखाया। इसके बाद उन्होंने इसे अपनी रूटीन लाइफ में शामिल कर लिया। फिर मैं एक डर्मेटोलॉजिस्ट के पास गई। वहां ट्रीटमेंट के लिए आए लोगों से उनकी परेशानी जानी और उनके घर का पता लिया।'

शुरुआती दिनों में आकांक्षा स्टॉल लगाकर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती थी।
शुरुआती दिनों में आकांक्षा स्टॉल लगाकर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती थी।

इसके बाद आकांक्षा ने मुफ्त में ही उन लोगों के घर अपने बनाए उबटन भेजे। वे कहती हैं कि जिन महिलाओं को मैंने उबटन भेजा था, उन्हें वह काफी पसंद आया। और वे फिर से इसकी डिमांड करने लगीं। तब उनके पति ने उन्हें सुझाव दिया कि वे इसे प्रोफेशनल लेवल पर शुरू करें। आकांक्षा को भी यह सुझाव अच्छा लगा।

एक हजार रुपए की लागत से शुरू किया स्टार्टअप

आकांक्षा कहती हैं कि प्रोफेशनल लेवल पर इस काम को करने से पहले उन्होंने रिसर्च किया। अलग-अलग हर्ब्स को लेकर स्टडी की। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद एक हजार रुपए खर्च करके हमने मार्केट से रॉ मटेरियल खरीदा और 250-250 रुपए का पैक बनाकर सबसे पहले उन लोगों को दिया जिन्हें पहले फ्री में दिया था। उसके बाद तो दिन पर दिन डिमांड बढ़ती गई। हमें कोई खास प्रचार भी नहीं करना पड़ा। माउथ पब्लिसिटी के जरिए हमारा काम आगे बढ़ता गया। लोग एक दूसरे को सजेस्ट करते गए।

आकांक्षा ने प्रोडक्ट बनाने के लिए अपने साथ एक्सपर्ट की टीम रखी है। उन्होंने खुद की फैक्ट्री खोल ली है।
आकांक्षा ने प्रोडक्ट बनाने के लिए अपने साथ एक्सपर्ट की टीम रखी है। उन्होंने खुद की फैक्ट्री खोल ली है।

वे कहती हैं कि बजट को लेकर भी हमें खास दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि हमने धीरे-धीरे इस काम को आगे बढ़ाया। जो कुछ सेल हम करते थे, उसे अपने काम में इन्वेस्ट करते गए और आज भी हम वही काम कर रहे हैं। शुरुआत में तो हम हर दिन दो किलो ही उबटन बना पाते थे। बाद में हमने इसका दायरा बढ़ाया।

8 प्रोडक्ट से शुरुआत, आज 80 प्रोडक्ट तक पहुंचा

आकांक्षा बताती हैं कि हमने अपने काम की शुरुआत 8 प्रोडक्ट से की थी। बाद में जैसे-जैसे लोगों की डिमांड बढ़ी, हम अपने प्रोडक्ट भी बढ़ाते गए। आज हमारे पास अलग-अलग तरह के करीब 80 प्रोडक्ट हैं। इसमें स्किन केयर और ब्यूटी केयर से संबंधी प्रोडक्ट हैं, जो पूरी तरह आयुर्वेदिक और केमिकल फ्री हैं। जिसकी कीमत करीब 650 रुपए से शुरू होती है।

मार्केटिंग को लेकर वे बताती हैं कि हम अभी सोशल मीडिया के साथ अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसे बड़े इकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर हमारे प्रोडक्ट बिकते हैं। इसके साथ ही ऑफलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी हम मार्केटिंग कर रहे हैं। फिलहाल हमारी टीम में 52 लोग काम करते हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। अब कोलकाता में हमने अपना खुद का ऑफिस भी तैयार कर लिया है।

आकांक्षा बताती हैं कि हमने 52 लोगों को नौकरी दी है। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं।
आकांक्षा बताती हैं कि हमने 52 लोगों को नौकरी दी है। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं।

आप इस तरह का बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं?

कोरोनाकाल में हेल्थ सप्लीमेंट्स की डिमांड बढ़ी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान हेल्थ सप्लीमेंट के मार्केट में दोगुना बढ़त दर्ज की गई है। अगर आप इस सेक्टर में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो बेहतर स्कोप है, लेकिन उसके पहले आपको रिसर्च और स्टडी की जरूरत होगी। किन-किन प्रोडक्ट्स से हेल्थ सप्लीमेंट्स बनाए जा सकते हैं और उन्हें तैयार करने का तरीका क्या होगा, यह आपको पता करना होगा। इसके लिए आप किसी हेल्थ एक्सपर्ट की राय ले सकते हैं।

अभी एलोवेरा, सहजन, लेमन ग्रास, तुलसी के पत्ते, हल्दी-काली मिर्च जैसी नेचुरल चीजों से बड़े लेवल पर हेल्थ सप्लीमेंट्स तैयार किए जा रहे हैं। कई लोग तो घर में ही इस तरह के प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं। इसे तैयार करने का तरीका और इन प्रोडक्ट्स की उपलब्धता भी बहुत मुश्किल नहीं है। इसके लिए बहुत अधिक बजट की भी जरूरत नहीं होती है। अगर बेहतर तरीके से मार्केटिंग की जाए तो बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है।

अगर हर्बल प्रोडक्ट के स्टार्टअप में आपकी दिलचस्पी है तो ये खबर जरूर पढ़ें

मुंबई में रहने वाली हिना योगेश ने MBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ सालों तक नौकरी की। इसके बाद किसी कारणवश उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। पिछले साल अगस्त में उन्होंने घर से ही हेल्थ सप्लीमेंट्स का स्टार्टअप शुरू किया। आज उनके पास 20 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं, देशभर में मार्केटिंग कर रही हैं। हर महीने 2.5 लाख का टर्नओवर वे हासिल कर रही हैं। (पढ़िए पूरी खबर)