केवल वही दिखाओ, जो लोग देखना चाहते हैं... अर्पिता मुखर्जी के इंस्टाग्राम पर लिखी ये पोस्ट उनकी पर्सनैलिटी के बारे में बहुत कुछ कहती है। लोगों को सिर्फ एक साधारण मॉडल और एक्ट्रेस दिखने वाली अर्पिता असल में नोट और गहनों के ढेर पर बैठी थीं।
आज हम आपको बंगाल की राजनीति को झकझोर देने वाली अर्पिता मुखर्जी की कहानी बता रहे हैं। वो मंत्री पार्थ चटर्जी के करीब कैसे आईं और इससे पहले उनकी शुरुआती जिंदगी कैसी थी?
शुरुआतः नौकरी और पति को छोड़ मॉडलिंग को चुना
अर्पिता कोलकाता के बेलघरिया इलाके के एक मिडिल क्लास परिवार से आती हैं। कॉलेज के दिनों से ही उन्हें मॉडलिंग का शौक था। पिता केंद्र सरकार के कर्मचारी थे।
पिता की मौत के बाद अर्पिता की शादी झारग्राम के एक बिजनेसमैन से कर दी गई। अर्पिता को पिता की जगह नौकरी भी ऑफर की गई। अर्पिता ने नौकरी और पति दोनों को छोड़कर मॉडलिंग को चुना और कोलकाता में आकर रहने लगीं।
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एक इंटरव्यू में संघमित्रा बताती हैं, 'वो बहुत क्यूट थी। जब उसने मेरे साथ काम करना शुरू किया, उसके पास कार तक नहीं थी। वो बेलघरिया से टैक्सी से शूटिंग के लिए आया करती थी। बाद में एक सेकेंड हैंड कार खरीदी। हालांकि मुझे पता नहीं कि वो उसने खुद खरीदी या किसी ने गिफ्ट की।'
अर्पिता की महत्वाकांक्षाएं फिल्मों से भी पूरी नहीं हुईं। संघमित्रा के मुताबिक, 'जब मैं उसके साथ तीसरी फिल्म कर रही थी, तो उसके व्यवहार में कई बदलाव देखे। वो अक्सर जल्दी शिफ्ट करके घर जाने लगी। हालांकि मैंने उसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा। आज टीवी पर उसके बारे में न्यूज देखी तो बहुत दुख हुआ। '
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स्कैम कनेक्शनः 10 साल पहले पार्थ से नजदीकियां बढ़ीं
2019-20 के दौरान पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी कई मौकों पर साथ नजर आए। दरअसल, अर्पिता मुखर्जी कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समिति नकतल उदयन संघ के प्रमोशनल कैंपेन का चेहरा थीं। पार्थ चटर्जी इसके चीफ पैट्रन थे।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल चुनाव में भी पार्थ के लिए अर्पिता इलेक्शन कैंपेन करती दिखाई दी थीं। दो साल पहले दोनों भले ही सार्वजनिक रूप से साथ दिखे, लेकिन इनकी नजदीकियां 10 साल पहले ही शुरू हो चुकी थीं।
ED के अधिकारियों ने बरामद कागजात के आधार पर दावा किया है कि पार्थ और अर्पिता ने 21 जनवरी 2012 को एक साझा प्लॉट खरीदा था। ये दिखाता है कि दोनों का रिश्ता कितना पुराना है और दोनों कितने करीबी हैं।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मई 2012 में पार्थ चटर्जी के सिंगापुर दौरे में अर्पिता भी उनके साथ थीं। सरकारी टूर पर अर्पिता को ले जाने पर ममता ने नाराजगी भी जाहिर की थी।
लंबे समय से साथ रहने की वजह से अर्पिता पर पार्थ को पूरा भरोसा था। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक पूछताछ में अर्पिता ने कबूल किया है कि उसके घर को पार्थ मिनी बैंक की तरह इस्तेमाल करते थे।
मां का रिएक्शनः बेटी के कारनामों से हैरान हूं
अर्पिता अक्सर अपने इंस्टाग्राम पर मां मिंटी की तस्वीरें पोस्ट करती हैं। मां के घर भी अधिकारी जांच पड़ताल के लिए गए थे। मिंटी का कहना है कि मैंने सब कुछ खबरों में देखा। मुझे नहीं पता कि क्या करना चाहिए। मुझे नहीं पता कि किसने और कहां पैसे रखे हैं, लेकिन चाहे मेरी बेटी हो या कोई और, जिसने गलत किया है, उसे सजा मिलनी चाहिए।
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