करिअर फंडाघर से दूर कॉम्पिटिशन की तैयारी... 4 तरीके पैसे बचाएंगे:अनावश्यक आदतों से बचें, खाना बाहर ना खाकर खुद बनाएं

7 महीने पहले
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बिद्या धन उद्यम बिना कहौ जु पावै कौन।

बिना डुलाए ना मिले ज्यों पंखा की पौन॥

- वृन्द

करिअर फंडा में स्वागत!

ऊपर दोहे में कवि वृन्द कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है, बिना परिश्रम किए नहीं। जिस प्रकार पंखा हिलाए-डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

आज मैं एक ज्वलंत प्रॉब्लम पर बात करूंगा - कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी में पैसे की प्रॉब्लम। ये लाखों परिवारों को फेस करनी पड़ती है, लेकिन समाधान हैं, जो आपको समझने चाहिए।

धन की वास्तविकता

1) मैं अक्सर अपने स्टूडेंट्स को यह उदाहरण देता हूं, मान लीजिए आपको एक 15 फीट x 15 फीट के कमरे में छत से लेकर जमीन तक नोटों से पूरा कमरा भरकर, केवल इतनी जगह छोड़ दूं कि आप उसमें चल-फिर सो सकें, तो कितने दिन जीवित रह सकते है?

2) मुश्किल से 15/20 दिन या उससे थोड़ा ज्यादा (जी हां वहां आपके पीने के लिए पानी भी नहीं है)

3) अब विचार कीजिए यदि आपको उसी कमरे में एक छोटा सा किचन बना दूं (राशन की सप्लाई समय-समय पर होती हो), एक टॉयलेट हो, सोने के लिए बिस्तर, पीने और उपयोग करने के लिए पानी का कनेक्शन हो, एक टीवी और मोबाइल फोन हो तो शायद आप पूरा जीवन भी उस कमरे में काट सकते हैं। और यह सब जुटाने के लिए उतने पैसों (कमरा भर के) की जरूरत भी नहीं है!

4) यह धन की वास्तविकता है की उसका इम्पॉर्टेंस तभी तक है जब तक वह आपको वो रिसोर्सेस उपलब्ध करने में मदद करे, जिनकी वास्तविक वैल्यू है।

आइए देखते हैं किस प्रकार धन की कमी के बावजूद अच्छे से कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं

होमटाउन से आर्थिक प्रॉब्लम के बावजूद एग्जाम प्रिपरेशन

अपने परिवार में रह कर तैयारी करने वाले छात्रों को इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, इसलिए इस लेख में सुझाव अपने शहर से बाहर रह कर तैयारी करने वालों को ध्यान में रखकर दे रहा हूं।

इस मुद्दे के दो पहलू हैं (1) पहला पैसे को बचाना और (2) दूसरा जरूरी पैसों का इंतजाम करना

1) पैसा बचाना: इसके चार तरीके हैं

A) बुरी और अनावश्यक आदतों से बचें: आपको अच्छे से पता है कि सिगरेट या गुटखा महंगा है, और आप चाहें तो 'दो सिगरेट या गुटखे' के पैसे से रोजमर्रा की आवश्यकता (लगभग 250 मिली दूध) ले सकते हैं। शराब की तो मैं बात भी नहीं करूंगा, क्योंकि वो सबसे खर्चीली आदत है। छोड़ दें। हर तरह की लग्जरी त्याग दें।

B) जितने हो सके उतने काम खुद करें: पैसे बचाने का एक अच्छा तरीका है जितने हो सके उतने काम खुद करना। इन कामों में कमरे की सफाई, कपड़े प्रेस करना और कुकिंग आदि है।

C) कुकिंग स्किल सीखें: यदि आप परिवार के साथ नहीं हैं और दूसरे शहर से कोचिंग कर रहे हैं तो अपना खाना खुद बनाने के फायदे हैं। प्राय: रोज-रोज बाहर का खाना पैसे की तुलना में सेहत के लिए महंगा होता है। रोटी बनाना एक कठिन और प्रैक्टिस का काम है, लेकिन इसके बजाय कई ऐसी डिशेस हैं जो जल्दी और आसानी से बन सकती हैं, जैसे कोई भी सब्जी, दाल-चावल, खिचड़ी, उपमा, पोहा, दलिया आदि!

D) कम्यूटेशन कम से कम: कम्यूटेशन अर्थात एक ही शहर में एक जगह से दूसरी जगह रोज-रोज या दिन में कई बार आना जाना, इसे कम से कम रखें। यह पैसा और समय खाता है, तो अपनी कोचिंग या कार्यस्थल से 'वाकिंग डिस्टेंस' पर ही रूम का इंतजाम करें।

E) इसके अलावा सामाजिकता में बहुत पैसा खर्च होता है, थोड़े दिन का एकांतवास, वनवास धारण करें, बालों को एकदम छोटा-छोटा कराएं और फिर बहुत लम्बे होने तक बढ़ने दें और रूम शेयरिंग करें।

2) जरूरी पैसों का इंतजाम करना: कुछ मिनिमम पैसा कोचिंग/कॉलेज की फीस, किताबों, पढाई की सामग्री और डेली जरूरतों के लिए चाहिए ही।

A) रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार: जीवन के इस स्तर पर यह पैसे के इंतजाम का सबसे बढ़िया तरीका होता है, क्योकि कोई ब्याज नहीं चुकाना होता और आप अपनी सहूलियत से पैसा वापस कर सकते हैं। यदि आप मेहनत करते हुए दिखते हों तो आपका कोई वास्तविक हितार्थी थोड़ा-बहुत पैसा वापस मांगता भी नहीं है, लेकिन उसे पूरा चुकाना आपकी जिम्मेदारी है।

B) खुद पढ़ा कर: वही सब्जेक्ट्स पढ़ाएं, जिन्हे आप पढ़ रहे हैं। इसका एक फायदा है वही चीज पढ़ाने से आपका रिवीजन होता रहेगा और किसी और को समझाने से कॉन्सेप्चुअल क्लैरिटी भी आती है। वास्तव में आप ऐसा कोई भी काम कर सकते हैं जो आपको आपके लक्ष्य से दूर ना करे, जैसे आप किसी मैगजीन या वेबसाइट के लिए अपने विषय से सम्बंधित आर्टिकल्स लिख सकते हैं, इत्यादि।

C) सामाजिक ट्रस्ट और NGO: प्रत्येक समाज जैसे, गुजराती समाज, पंजाबी समाज में इस तरह के ट्रस्ट होते हैं जो पढ़ने में मदद करते हैं। मेरे एक परिचित हैं, जिन्होंने फायनेंशियल समस्या के चलते अपने भतीजों की पूरी इंजीनियरिंग का खर्चा इस प्रकार के ट्रस्टों इत्यादि के माध्यम से लिया। NGO से संपर्क किया जा सकता है। एक बार काबिल बनने के बाद समाज से जो लिया है वह वापस लौटना ना भूलें।

D) बैंक लोन: आखिरी तरीका, यदि मिल जाए, तो बैंक लोन का हो सकता है। हालांकि, इस स्तर पर ऐसा केवल आपके क्रेडेंशियल्स पर होना मुश्किल है, लेकिन आपके पेरेंट्स इत्यादि के नाम पर या उनके साथ मिलकर लिए जा सकते हैं।

यदि आप में जज्बा है, तो रास्ता साफ है। हर सुझाव पर विचार कर अपना प्लान बनाइए। आपका फ्यूचर आपका इंतजार कर रहा है।

आज का करिअर फंडा है कि अनेकों बार पैसे की विजिबल कमी से घबराकर हम गोल छोड़ देते हैं, ये बेहद गलत है, और हमें हर संभव तरीका अपना कर रास्ता निकालना चाहिए।

कर के दिखाएंगे!