BBC ने हाल में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के दो एपिसोड रिलीज किए हैं। केंद्र सरकार ने इसके पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया था। इसके ड्रिस्क्रिप्शन में लिखा गया है कि डॉक्यूमेंट्री PM नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव को दिखाती है।
गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमिटी ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी है। दूसरी ओर कांग्रेस और कई स्टूडेंट यूनियन इस डॉक्यूमेंट्री को यूनिवर्सिटी में दिखा रहे हैं, जिससे विवाद और बढ़ गया है।
गोधरा कांड के 21 साल बाद डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' क्यों बनाई? इसमें कितनी सच्चाई है और इसके पीछे कौन था? डॉक्यूमेंट्री में कई धागों को बुना गया है। ब्रिटेन के तब विदेश मंत्री रहे जैक स्ट्रॉ से लेकर गुजराती मूल के लॉर्ड आदम पटेल इससे जुड़े हुए हैं। जफर सरेशवाला इन सभी लोगों के बीच की कड़ी थे।
इन सवालों के जवाब भास्कर ने जफर सरेशवाला से जानने की कोशिश की है। जफर सरेशवाला भारतीय कारोबारी और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर हैं। वे कहते हैं कि डॉक्यूमेंट्री में मोदी का जिक्र है, लेकिन प्रवीण तोगड़िया और हरेन पंड्या का क्यों नहीं।
गुजरात दंगों के पीड़ित जफर सरेशवाला अब BJP के साथ
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर जफर सरेशवाला मोदी और BJP के साथ मुस्लिमों की सोशल इंजीनियरिंग करते हैं। 2002 के सांप्रदायिक दंगों के बाद जब मुसलमान मोदी के खिलाफ हुए, तो सरेशवाला उनमें से एक थे। उन्होंने अहमदाबाद से लंदन तक उनका पुतला फूंका।
17 अगस्त 2003 को लंदन के सेंट जेम्स में वे पहली बार नरेंद्र मोदी से मिले। मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने जफर सरेशवाला से हाथ मिलाया और कहा, चलो यार। अंदर आ जाओ। सरेशवाला भी मोदी के साथ बैठे। वहां 8-10 लोग ही मौजूद थे। इनमें मशहूर पत्रकार रजत शर्मा भी थे। शर्मा ने ही फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट के कहने पर मोदी और मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा का आयोजन किया था।
इसके बाद जफर सरेशवाला मोदी के सहयोगी बन गए। सरेशवाला ने सांप्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने के लिए मोदी से मुलाकात की और फिर मोदी विरोधी से मोदी समर्थक बन गए।
पढ़िए जफर सरेशवाला से खास बातचीत...
सवाल: डॉक्यूमेंट्री जिस रिपोर्ट पर बनी है, उसके बारे में क्या जानते हैं?
जवाब: BBC की इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की ब्रिटिश सरकार की जांच में हिंसा के लिए नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं (इसकी रिपोर्ट कई साल तक पब्लिश नहीं की गई थी)। इन दंगों में तीन मुस्लिम ब्रिटिश नागरिक भी मारे गए थे।
इसके बाद, भरूच के पिरामना गांव में रहने वाले लॉर्ड आदम पटेल ने ब्रिटिश फॉरेन सेक्रेटरी जैक स्ट्रॉ से मामले की जांच करने के लिए कहा। जैक स्ट्रॉ ब्लैकबर्न के सांसद थे और आदम पटेल भी वहीं रहते थे। गोधरा कांड के बाद लॉर्ड आदम पटेल भी मोदी के कट्टर विरोधी हो गए। हालांकि, समय के साथ वे मोदी से मिले और उनका समर्थन करने आए।
सवाल: इस डॉक्यूमेंट्री के पीछे कौन है?
जवाब: डॉक्यूमेंट्री में जो फुटेज दिखाया गया है, वह उसी समय का है। ये सब चीजें BBC ने उन दिनों दिखाई थी। उस वक्त मेरे दोनों भाइयों के बयान भी लिए गए थे। हमारी फैक्ट्री जला दी गई। इस डॉक्यूमेंट्री में जो दिखाया गया है, वह उस वक्त BBC की रिपोर्टिंग में भी था। तब BBC की टीम नरोदा पटिया गई थी, वहां कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी साहब (गुलबर्ग सोसाइटी) की मौत हुई थी। डॉक्यूमेंट्री में यह फुटेज वहीं की है।
यह रिपोर्ट 2002 की है, इसमें कोई नई बात नहीं है। हमने 2003 में मोदी के खिलाफ रिपोर्ट किए सभी मुद्दे उठाए थे। मैंने सब कुछ पूछा और उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए। SIT के सवाल और इस रिपोर्ट में कोइ अंतर नहीं है, ये सब कुछ पूछा गया। रजत शर्मा भी उस वक्त मौजूद थे। मैने महेश भट्ट को मोदी की मुलाकात के लिये कहा था, उन्होंने रजत शर्मा से बात की और फिर यह मुलाकात हुई थी।
सवाल: जैक स्ट्रॉ इस डॉक्यूमेंट्री में दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं?
जवाब: उस समय BBC की टीम आई और मैंने तभी रिपोर्ट पढ़ी। तब रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थी। मैंने पब्लिक मीटिंग में जैक स्ट्रॉ को यह सब बताया। उस समय ब्लैकबर्न में एक पब्लिक मीटिंग में रिपोर्ट के अंश जारी किए गए थे। इराक युद्ध को भी जैक स्ट्रॉ ने ही मंजूरी दी थी।
सवाल: आपको क्या लगता है, गोधरा के बाद के दंगों में कौन शामिल था?
जवाब: यह गलत है कि ये मोदी ने किया है, हम कह सकते हैं कि मोदी मुख्यमंत्री थे और वह इसे काबू नहीं कर सके। इस पूरे दंगे में प्रवीण तोगडिया, के. के. शास्त्री, गोरधन झडफिया और हरेन पंड्या ने मुख्य भूमिका निभाई थी। वेस्टर्न अहमदाबाद में हरेन पंड्या ने भीड़ का नेतृत्व किया था, लेकिन पूरी रिपोर्ट में उनका कहीं जिक्र नहीं है। ईस्टर्न अहमदाबाद में बाबू बजरंगी ने जिम्मेवारी ली थी। जयदीप पटेल सहित ये लोग मुख्य किरदार थे।
तब मैंने कहा था कि आपने मोदी के खिलाफ SIT जांच कराई और इन लोगों के खिलाफ कोई FIR नहीं हुई। वासणा इलाके में प्रभुदास ठक्कर रोड पर डिलाइट अपार्टमेंट में हमारा घर जला दिया गया। ये सब हुआ, तब हरेन पंड्या वहां थे। हमारे लोग हरेन पांड्या से मिले और कहा कि आपकी मौजूदगी में ये हुआ, तो उन्होंने कहा कि मैंने इसे कंट्रोल कर लिया है, नहीं तो पूरा अहमदाबाद जल जाएगा।
सवाल: लॉर्ड आदम पटेल मोदी से कब और कैसे मिले?
जवाब: लॉर्ड आदम पटेल हमारे मेंटर थे। 2003 में जब मैं मोदी से मिला, तो आदमभाई मुझसे बहुत नाराज हुए थे। मैंने कहा कि आप तो इंग्लैंड में रहेंगे, यहां 60 लाख मुसलमान हैं। अगर हम सरकार से बात नहीं करते, तो किससे बात करें? मैंने उनसे कहा कि मैं मोदी की दुश्मनी में कोई दुकान नहीं चलाना चाहता।
मैं लॉर्ड आदम पटेल से मिलता था, वह साल में दो महीने नवंबर-दिसंबर में यहां आते थे। 2011 में उन्होंने मुझसे कहा, 'आपने मोदी से मिलकर अच्छा किया, आपने मुसलमानों के लिए बातचीत का एक रास्ता खोल दिया'। मैंने उनसे कहा कि आप भी उनसे मिलें। उन्होंने कहा, 'हम अगली बार जब आएंगे तब मिलेंगे।'
दिसंबर 2012 में वे आए थे, तब चुनाव खत्म हुआ था। उस वक्त मैंने उनसे दोबारा मोदी से मिलने के लिए कहा, लेकिन जो लोग उस समय मौजूद थे, उन्होंने कहा, 'नहीं, नहीं...नहीं...नहीं आदमभाई को मोदी से नहीं मिलना चाहिए।' सब का यही कहना था कि अगर आदमभाई मोदी से मिलेंगे तो लोग यही कहेंगे के आप भी बिक गए।.
मैंने उनसे कहा कि आदमभाई मुसलमानों के लिए मोदी से मिलिए, आप ब्रिटेन के जाने-माने चेहरे और एशियाई लॉर्ड हैं। वे आपकी बात सुनेंगे। उन्होंने कहा कि 'आप फोन लगाओ', तो मैंने मोदी को कॉल किया और कहा कि लॉर्ड आदम आपसे मिलना चाहते हैं। मोदी साहब ने कहा, आप कब आ रहे हैं? फिर 4 या 5 जनवरी, 2013 को हम गांधीनगर में मोदी से मिले।
सवाल: लॉर्ड आदम पटेल से मुलाकात के दौरान मोदी ने क्या कहा?
जवाब: हमारी मीटिंग डेढ़ घंटे तक चली। नरेंद्रभाई ने 2003 में मुझसे कहा था कि अगर तुम मुझे वोट नहीं देते हो तो कुछ मत करो बस काम करवाओ। में पूरे गुजरात का और तुम्हारा भी मुख्यमंत्री हूं।
देखिए, मुसलमानों को अब इन सब बातों में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं पीड़ित हूं, मेरा घर जल गया, मेरा ऑफिस चला गया। लॉर्ड आदम को मोदी से मिलने से क्या हासिल होना था? फिर भी मुसलमानों के लिए मिले। उन्होंने मोदी को न्यौता दिया कि आप प्रधानमंत्री बनकर UK आएं।
2019 में लॉर्ड आदम का निधन हो गया। लॉर्ड आदम के साथ भरूच से 2 बार विधायक रहे मोहम्मद पटेल फांसीवाला ने भी मोदी से मुलाकात की। उन्हें नर्सिंग कॉलेज बनाने की इजाजत नहीं थी, मैं उन्हें ले गया। मोदी बोले, 'इसके लिए मोहम्मद भाई, आपको आने की क्या जरूरत थी?'
मैं आपको लॉर्ड आदम और मोदी की एक और बात बताता हूं। 2013 में व्हार्टन यूनिवर्सिटी ने मोदी को व्याख्यान के लिए बुलाया था, लेकिन दो दिन पहले कार्यक्रम रद्द कर दिया। लार्ड आदम पटेल ने यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा कि 2002 में जो हुआ, मुझे भी पता है। मैंने भी मोदी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन आमंत्रण रद्द करना बहुत गलत है। आपने जब आमंत्रित किया था, तब आपको 2002 के बारे में नहीं पता था क्या? क्या आपको अभी पता चला? एक ब्रिटिश सांसद के रूप में, मुझे इस पर आपत्ति है।
सवाल: महेश भट्ट की छवि मोदी विरोधी है, तो उन्होंने आपको मोदी से मिलने में मदद क्यों की?
जवाब: सबसे पहले मैंने महेश भट्ट से पूछा कि उन्हें मोदी से मिलना चाहिए या नहीं। तो उन्होंने कहा, 'हमारी मोदी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। हम एक मुद्दे के खिलाफ लड़ रहे हैं।’
भट्ट साहब ने कहा - कभी तो आप को एक मंच पर उनसे मिलना ही होगा, जहां आपको उनके सामने टेबल पर बैठना होगा। भट्ट साहब ने कहा, 'विरोध ठीक है, पर मिलना तो पड़ता है ना।'
महेश भट्ट और दूसरे विरोधियों में यही फर्क है। महेश भट्ट ने कहा, 'मोदी से मेरी लड़ाई अपनी जगह है, लेकिन आप मोदी से नहीं मिले तो क्या मुशर्रफ से मिलेंगे?'
सवाल: BJP गुजरात में मुसलमानों को टिकट क्यों नहीं दे रही है?
जवाब: मुसलमानों के लिए यह अब कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। इसके अलावा और भी कई बड़े मुद्दे हैं।
सवाल: कभी राहुल गांधी से बात की है?
जवाब: हम कई स्टेट में शिक्षा पर एक इनीशिएटिव चलाते हैं, जिसमें बच्चों को कैपिटल मार्केट और आंत्रप्रेन्योरशिप सिखाते हैं। हमने ये कार्यक्रम 55 शहरों में किए हैं। इस प्रोग्राम में हम उस स्टेट के मुख्यमंत्री और केंद्र के कोई एक मंत्री को न्योता देते है। जहां कांग्रेस की सरकार है, उस राज्य में हमने मुख्यमंत्री को न्यौता भी दिया है, जैसे राजस्थान में CM अशोक गहलोत को आमंत्रित किया। आपको यकीन नहीं होगा कि कांग्रेसी जवाब तक नहीं दे रहे हैं।
सवाल: अभी कांग्रेस और TMC डॉक्यूमेंट्री दिखा रही हैं, इस क्या कहते हैं?
जवाब: राजनीति और हमें क्या करना है, इसे छोड़कर शिक्षा और कारोबार में हमें कितना आगे जाना है, यह देखना होगा। यह हमारी जरूरत है।
सवाल: अब आप PM मोदी या फिर सरकार के लिए कोई नया काम करने वाले हैं?
जवाब: मैं देशभर के मुसलमान नेताओं से मिलता रहता हूं। अब इन मुस्लिम लीडर्स के साथ अलग-अलग स्टेट के मुखिया का मिलना शुरू किया है। हम समुदाय की समस्या उन्हें बताते है। हमारी कौम और सरकार को पास लाने का काम करता हूं। उनकी समस्या का समाधान करना शुरू किया है।
मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर ली है। उनसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मेरी बात हुई है । उसके बाद उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करुंगा।
कुछ स्टूडेंट्स यूनियन BBC की डॉक्यूमेंट्री यूनिवर्सिटीज में दिखा रही हैं, इससे विवाद हो रहा है, पढ़िए ये रिपोर्ट...
BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में हंगामा, धारा 144 लगी
BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस में ठन गई। छात्रों का कहना था कि पुलिस उन्हें ये डॉक्यूमेंट्री देखने से रोक रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लिहाजा इसकी स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती। पुलिस ने कहा कि यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के पास धारा 144 लागू है। यहां भीड़ जमा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हंगामे के बाद कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया।
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