दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देते हुए रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को 30 दिन पूरे हो गए हैं। 23 अप्रैल को उन्होंने बृजभृषण शरण सिंह को WFI के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए प्रोटेस्ट शुरू किया था। अब बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल खत्म हो चुका है। WFI के सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह छोटे बेटे करण भूषण सिंह को फेडरेशन का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।
अगर करण भूषण सिंह पर सहमति नहीं बन पाती है, तो फेडरेशन के ट्रेजरर रहे सतपाल सिंह देशवाल अगले अध्यक्ष हो सकते हैं। मेरठ के रहने वाले सतपाल सिंह उत्तराखंड कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष और बृजभूषण शरण सिंह के दोस्त हैं। पूर्व ओलिंपियन जयप्रकाश गुर्जर का नाम भी इस रेस में है। वे भी बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं।
रेसलर्स के प्रोटेस्ट के बाद खेल मंत्रालय ने 24 अप्रैल को इंडियन ओलिंपिक संघ (IOA) को एडहॉक कमेटी बनाकर 45 दिन में चुनाव कराने के लिए कहा था। IOA ने 4 मई को एडहॉक कमेटी बना दी है। कमेटी जल्द ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के पदाधिकारी चुनते हैं अध्यक्ष
WFI के पदाधिकारियों का चुनाव जनरल काउंसिल की बैठक में होता है। चुनाव में फेडरेशन से एफिलिएडेट एसोसिएशन के पदाधिकारी वोट डालते हैं। हर स्टेट फेडरेशन से प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी यानी दो वोट होते हैं। दिल्ली से दो और बाकी केंद्रशासित प्रदेश के एक-एक वोट होते हैं।
अगर एक पद के लिए एक से ज्यादा दावेदार हैं, तो ही वोटिंग होती है। ऐसा न हो, तो पदाधिकारी निर्विरोध चुन लिए जाते हैं। 2019 में बृजभूषण शरण सिंह निर्विरोध ही अध्यक्ष बने थे।
4 साल में एक बार चुनाव, एक व्यक्ति 3 बार ही बन सकता है अध्यक्ष
WFI का चुनाव चार साल में एक बार होता है। एक व्यक्ति तीन बार या 12 साल से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता। सेक्रेटरी जनरल या कोषाध्यक्ष दो कार्यकाल या 8 साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकते।
WFI का मैनेजमेंट
स्टेट फेडरेशन बृजभूषण शरण सिंह के साथ
सूत्रों के मुताबिक, 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 75% फेडरेशन बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं। इनमें बिहार, UP, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, राजस्थान के अलावा नॉर्थ ईस्ट के राज्य और दिल्ली सहित केंद्रशासित प्रदेशों की ज्यादातर फेडरेशन शामिल हैं।
ज्यादातर स्टेट फेडरेशन का चुनाव बृृजभूषण शरण सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद हुआ है। इसलिए स्टेट बॉडी के पदाधिकारी उनकी सहमति पर चुने गए हैं। ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह के लिए अपने पसंदीदा कैंडिडेट को WFI का अध्यक्ष बनवाना आसान है।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के स्टेट की फेडरेशन भी बृजभूषण शरण सिंह के साथ है। हरियाणा कुश्ती फेडरेशन के सेक्रेटरी राकेश कुमार प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं।
वहीं झारखंड कुश्ती संघ के सेक्रेटरी रजनीश कुमार का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह के प्रेसिडेंट बनने के बाद कुश्ती ने ऊंचाईयों को छुआ है। कुश्ती एक खास एरिया से निकलकर दूसरे राज्यों में फैली है।
मध्यप्रदेश कुश्ती संघ के एक पदाधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर बताया कि बृजभूषण शरण सिंह के प्रेसिडेंट बनने से पहले कुश्ती फेडरेशन ऑफ इंडिया पर हरियाणा का राज होता था। नेशनल कैंप में वहीं के पहलवान होते थे। कई पहलवान तो हरियाणा में मौका न मिलने पर दूसरे राज्यों, खासतौर से नॉर्थ ईस्ट में उम्र कम करवाकर नेशनल चैंपियनशिप में उतरते थे। बृजभूषण शरण सिंह ने ऐसे नियम बनाए कि सभी स्टेट के पहलवानों को मौका मिला।
बृजभूषण के इन नियमों की वजह से मध्यप्रदेश, UP, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों के पहलवान इंटरनेशनल लेवल पर खेल पाए। यही वजह है कि ज्यादातर राज्य बृजभूषण शरण सिंह के सपोर्ट में हैं। ऐसे में वे जिसके साथ होंगे, वही WFI का प्रेसिडेंट बनेगा।
बृजभूषण के बेटे करण भूषण सिंह WFI के वाइस प्रेसिडेंट रहे
बृजभूषण भूषण सिंह के दो बेटे हैं। प्रतीक भूषण सिंह और करण भूषण सिंह। बड़े बेटे प्रतीक भूषण सिंह UP की गोंडा सदर सीट से विधायक हैं। करण भूषण सिंह WFI में वाइस प्रेसिडेंट थे, अभी UP कुश्ती संघ के वाइस प्रेसिडेंट हैं।
सतपाल सिंह देशवाल बृजभूषण के खास, धोखाधड़ी में जेल जा चुके
दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे पहलवान आरोप लगा चुके हैं कि बृजभूषण शरण सिंह अपनी जगह बेटे को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। पहलवान चाहते हैं कि फेडरेशन में बृजभूषण के परिवार से कोई न हो। अगर बेटे या किसी रिश्तेदार के नाम पर आपत्ति आती है, तो वे सतपाल सिंह देशवाल का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।
मेरठ के रहने वाले सतपाल सिंह उत्तराखंड कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हैं। उनके उत्तराखंड और UP के कुछ जिलों में स्कूल-कॉलेज हैं। सतपाल सिंह 2021 में 250 करोड़ की धोखाधड़ी में जेल जा चुके हैं।
सतपाल सिंह जाट समुदाय से, इसलिए बन सकती है सहमति
सतपाल सिंह देशवाल जाट समुदाय से आते हैं। धरना दे रहे ज्यादातर पहलवान भी इसी कम्युनिटी से हैं। सभी हरियाणा से हैं। हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव हैं। रेसलर्स के प्रदर्शन का असर जाट वोटबैंक पर पड़ सकता है।
BJP सरकार में मंत्री अनिल विज के अलावा हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह जैसे पार्टी के बड़े नेता पहलवानों का समर्थन कर चुके हैं। जाट समुदाय की खाप पंचायतें भी पहलवानों का सपोर्ट कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि सतपाल सिंह देशवाल को अध्यक्ष बनाकर पहलवानों को शांत करने के साथ ही जाट समुदाय की नाराजगी को भी कम किया जा सकता है। इसलिए उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत है।
पूर्व ओलिंपियन जयप्रकाश गुर्जर का नाम भी रेस में
पूर्व ओलिंपियन जयप्रकाश गुर्जर का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में है। जयप्रकाश WFI में जॉइंट सेक्रेटरी और दिल्ली कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उन पर 1995 में हुए तंदूर कांड के मुख्य आरोपी सुशील शर्मा को शरण देने का आरोप लगा था।
सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी को गोली मार दी थी। फिर बॉडी को कई टुकड़ों में काटकर दोस्त के रेस्टोरेंट में तंदूर में जला दिया था। जयप्रकाश को इस मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया था।
WFI की एग्जीक्यूटिव बॉडी भंग, पर बृजभूषण शरण सिंह अब भी प्रेसिडेंट
बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल खत्म हो चुका है। WFI की एग्जीक्यूटिव बॉडी भी भंग की जा चुकी है। इसके बावजूद फेडरेशन की वेबसाइट पर बृजभूषण शरण सिंह को ही प्रेसिडेंट बताया गया है। उन्होंने अपने ट्विटर बायो पर खुद को WFI का प्रेसिडेंट लिखा है। बृजभूषण शरण सिंह ने भास्कर को 2 मई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगले चुनाव तक वही अध्यक्ष हैं।
बृजभूषण शरण सिंह अब WFI के अध्यक्ष हैं या नहीं, इस पर भास्कर ने एक्सपर्ट्स से पूछा। साई के पूर्व डायरेक्टर राजिंदर सिंह कहते हैं कि कार्यकारिणी भंग होने के साथ ही बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी पदाधिकारी अपने-अपने कार्यभार से मुक्त हो गए हैं। ऐसे में उन्हें पूर्व कहा जा सकता है।
साई के मीडिया सेल से जुड़े एक स्टाफ ने नाम न जाहिर करते हुए कहा कि हम ऑफिशियली कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि खेल मंत्रालय ने कार्यकारिणी भंग की है। इतना बता सकते हैं कि कार्यकारिणी भंग होने से पहले बृजभूषण शरण सिंह को पद से हटा दिया गया था। अगले चुनाव तक सभी पोस्ट खाली हैं। IOA की एडहॉक कमेटी WFI का कामकाज देखी रही है और वही चुनाव कराएगी।
बृजभूषण शरण सिंह के WFI प्रेसिडेंट लिखने के 2 तर्क...
1. अभी नई कार्यकारिणी नहीं बनी है, अगला प्रेसिडेंट बनने तक बृजभूषण ही अध्यक्ष रहेंगे।
2. बृजभूषण शरण सिंह ने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में वे खुद को प्रेसिडेंट बता रहे हैं।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की मांग
विनेश, साक्षी और बजरंग पूनिया 23 अप्रैल से बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर धरना दे रहे हैं। एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बृजभूषण पर 1 मई को पॉक्सो और सेक्शुअल हैरेसमेंट के तहत मामला दर्ज किया गया। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण की गिरफ्तारी होने के बाद ही वे धरना खत्म करेंगे।
5 पॉइंट्स में जानिए पूरा मामला...
18 जनवरी: जंतर-मंतर पर धरना शुरू
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने दिल्ली में धरना शुरू किया। विनेश ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं।
19 जनवरी: पहलवान केंद्रीय खेल मंत्री से मिले
खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से रेसलर्स की करीब 4 घंटे बातचीत हुई। उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों ने WFI अध्यक्ष को हटाने को कहा।
20 जनवरी: पहलवानों का धरना फिर शुरू
खेलमंत्री से बातचीत के बाद खिलाड़ियों ने जंतर-मंतर पर फिर धरना शुरू किया। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने तक वे कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे।
21 जनवरी: IOA ने जांच कमेटी बनाई
आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने 7 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई। कमेटी का हेड बॉक्सर एमसी मैरीकॉम को बनाया गया। इसी दिन अनुराग ठाकुर की पहलवानों से देर रात 7 घंटे तक मीटिंग हुई। इस दौरान खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। पहलवानों ने धरना खत्म किया।
23 अप्रैल: पहलवानों ने जंतर-मंतर पर फिर धरना शुरू किया, अब भी जारी।
....................................................
बृजभूषण शरण सिंह से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए...
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.