• Hindi News
  • Db original
  • BYJU's Brand Story: Kerala Engineer's Passion For Teaching Create World's Largest Edtech Startup In Just 10 Years

BYJU's के ब्रांड बनने की कहानी:दोस्तों को पढ़ाने से की शुरुआत, पॉपुलैरिटी बढ़ी तो स्टेडियम में ली क्लास; 10 साल में खड़ा किया दुनिया का सबसे बड़ा एडटेक स्टार्टअप

2 वर्ष पहलेलेखक: आदित्य द्विवेदी
  • कॉपी लिंक

शाहरुख के ऐड से लेकर टीम इंडिया की जर्सी तक, खबरों की हेडलाइन से लेकर यूट्यूब के बैनर तक। पिछले कुछ साल में एक नाम स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की जुबान पर चढ़ गया है और वो है ऑनलाइन लर्निंग ऐप BYJU's का।

जुलाई 2021 में BYJU’s की वैल्यू पेटीएम से भी ज्यादा हो गई और ये भारत का नंबर-1 स्टार्टअप बन गया। इस साल कंपनी ने अब तक 8 कंपनियों का अधिग्रहण किया। अब BYJU's अपना IPO लाने की भी तैयारी कर रहा है। इसके जरिए कंपनी करीब 4500 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।

आइए जानते हैं केरल के एक इंजीनियर के पढ़ाने के शौक से निकला BYJU's कैसे पूरे भारत में छाया और अब दुनिया में छा जाने को तैयार है...

कहानी की शुरुआत

केरल में अझिकोड नाम का एक छोटा सा कस्बा है। वहां रविंद्रन फिजिक्स के अध्यापक थे और उनकी पत्नी शोभनवल्ली मैथ्स पढ़ाती थीं। उन्होंने अपने बेटे का नाम रखा बायजू, जिसे साइंस और मैथ्स अपने पेरेंट्स से विरासत में मिली। बायजू ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और विदेश में नौकरी करने लगा।

2003 की बात है। बायजू ने नौकरी से 2 महीने की छुट्टी ली हुई थी। उसे पढ़ाने का शौक था, इसलिए छुट्टियों में वो MBA की तैयारी कर रहे अपने दोस्तों के कॉन्सेप्ट क्लियर करने में मदद कर देता था। उसे अचानक ख्याल आया कि क्यों न मैं भी एग्जाम दूं। मौज के लिए उसने एग्जाम दिया और पहले ही प्रयास में 100 पर्सेंटाइल। बायजू ने सोचा तुक्का लग गया होगा, लेकिन अगले प्रयास में फिर 100 पर्सेंटाइल। बायजू इसे इतनी आसानी से कर पा रहे थे, जिसे हासिल करने के लिए लोग जी-जान लगा देते हैं।

बायजू रविंद्रन का फोकस शुरुआत से ही रट्टामार की बजाए कॉन्सेप्ट क्लियर करने पर रहा है।
बायजू रविंद्रन का फोकस शुरुआत से ही रट्टामार की बजाए कॉन्सेप्ट क्लियर करने पर रहा है।

एक और एक ग्यारह
शुरुआत में दो लोगों ने बायजू से पढ़ने की इच्छा जताई, ये चार हुए फिर 8 और अचानक 16 हो गए। 2007 तक बायजू की लोकप्रियता का आलम ये हो गया कि ऑडिटोरियम में क्लासेज लेनी पड़ीं, जहां 1000 से ज्यादा स्टूडेंट्स होते थे। बायजू ने एक हफ्ते में 9 शहरों में क्लास लेना शुरू किया और ये 2009 तक चलता रहा। 2009 में वीडियो के जरिए बायजू ने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया।

2007 के आस-पास बायजू रविंद्रन के देश के 9 शहरों में 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स थे। उन्हें कई क्लास इनडोर स्टेडियम तक में लेनी पड़ती थी।
2007 के आस-पास बायजू रविंद्रन के देश के 9 शहरों में 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स थे। उन्हें कई क्लास इनडोर स्टेडियम तक में लेनी पड़ती थी।

दिमाग की बत्ती जली
बायजू महसूस करते थे कि उनके कई स्टूडेंट्स जो आमतौर पर कॉलेज ग्रेजुएट्स होते थे, उनके फंडामेंटल कॉन्सेप्ट ही क्लियर नहीं होते थे, क्योंकि ज्यादातर स्कूल सिखाने पर नहीं, नंबर्स पर फोकस करते हैं। रविंद्रन बायजू के दिमाग की बत्ती जली और एक ऐसा आइडिया आया जिसने एडटेक इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया।

2011 में थिंक एंड लर्न (बायजूस ऐप का पेरेंट नाम) लॉन्च हुआ। बायजू ने अपना फोकस इंजीनियरिंग या MBA की तैयारी करने वालों से शिफ्ट करके 1 से 12वीं की तरफ किया। देश में इन स्टूडेंट्स की संख्या 25 करोड़ से भी ज्यादा है और इस मार्केट की तरफ उस वक्त तक किसी का फोकस नहीं था। बायजू को अपनी सोच को एक प्रोडक्ट के रूप में उतारने में चार साल का वक्त लगा। 2015 में BYJU's ऐप लॉन्च हुआ और स्टार्टअप की तरक्की को पंख लग गए।

…क्योंकि ये है कुछ अलग

BYJU's सिर्फ क्लासरूम को ऑनलाइन करने वाला ऐप नहीं है, बल्कि इसने पढ़ाई के तरीके और स्टाइल पर भी निवेश किया। BYJU's ने पढ़ाई को आसान, मजेदार और लोगों की जिंदगी से जोड़ने वाला बनाया। इसके लिए एक्सपर्ट टीचर्स भर्ती किए गए, जो कठिन कॉन्सेप्ट को आसान बना सकते थे। इन टीचर्स ने ग्राफिक डिजाइनर्स और वीडियोग्राफर्स के साथ मिलकर 5 से 15 मिनट के वीडियो तैयार किए। BYJU’s ने हजारों क्वालिटी वीडियो फ्री में दिखाए, जिससे स्टूडेंट्स और पेरेंट्स इसकी कीमत समझ सकें। फिर पैसे देकर सब्सक्राइब करने के लिए मजबूर किया।

शाहरुख से लेकर क्रिकेट तक
पैसों के ढेर पर बैठे BYJU’s ने लोगों की नजर में बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। सुपरस्टार शाहरुख खान को ब्रांड एंबेसडर बनाया, जिनकी लोकप्रियता भारत के साथ विदेशों में भी है। इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी के राइट्स खरीद लिए। यूट्यूब के बैनर ऐड में लगातार अपना नाम बनाए रखा। BYJU’s ने 2019 में करीब 184 करोड़ रुपए एडवर्टाइजिंग पर खर्च किए। BYJU’s ऐसा कर सका क्योंकि वो फंडिंग के ढेर पर बैठा है।

कहां जाकर थमेगा BYJU’s
BYJU's ने इस साल 8 कंपनियों का अधिग्रहण किया है और 9वें की तैयारी कर रहा है। शुरुआत आकाश एजुकेशनल सर्विस से हुई। इसके बाद एपिक गेम्स, टॉपर, ग्रेट लर्निंग, हश लर्न, स्कॉलर, व्हूदैट और ग्रेडअप का अधिग्रहण किया।

BYJU's ने भारत में अपने बड़े कॉम्पटीटर्स को खत्म कर दिया है या उनका अधिग्रहण कर लिया है। पिछले कुछ महीनों से किए जा रहे अधिग्रहण कंपनी के US और UK में विस्तार की तरफ इशारा कर रहे हैं।

खबरें और भी हैं...