गर्मी तो वाकई तेज पड़ रही है। आजकल सुबह 9 बजे उठकर मैं भी जब घर से ऑफिस के लिए निकलता हूं तो एक बार ऊपर वाले को याद जरूर करता हूं। चिलचिलाती धूप चिड़चिड़ाहट पैदा करने वाली होती है। ऐसे में खुद को मेंटली और फिजिकली कूल रखना एक मुश्किल टास्क बन गया है।
हर साल की तरह मार्च के महीने में ही 35℃ तापमान ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार 19 मार्च तक तापमान 2 से 3℃ तक और बढ़ेगा। उसके बाद कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।
क्या कहता है मौसम विभाग?
आने वाले महीनों में गर्मी और बढ़ेगी। अगर तापमान इसी तरह बढ़ता गया तो यह साल पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगा। 2021 में मार्च के अंत तक देश के कई शहरों का तापमान 39℃ तक रिकॉर्ड किया गया था। 2022 में मार्च महीने के बीच में ही तीखी धूप से लोग बीमार हो रहे हैं।
आज जरूरत की खबर में हम आपको बताएंगे कि कैसे खुद को सुरक्षित रखकर अपने परिवार का ख्याल रख सकते हैं...
सबसे पहले समझते हैं कि बढ़ती गर्मी का असर किस तरह से पड़ता है...
बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लगता
अब आप कहेंगे यह क्या बात हुई। पढ़ाई करने वाला तो सर्दी-गर्मी, अमीरी-गरीबी किसी भी मौसम और हालात में पढ़ सकता है। आपकी बात सही है, लेकिन ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि एक रिसर्च में यह बात साबित हुई है।
2018 की एक रिसर्च में पता चला कि बढ़ती गर्मी बच्चों के रिजल्ट पर भी असर डालती है। असर तो 21℃ तापमान में ही दिखने लगता है, लेकिन 38℃ तक आते-आते इसका असर बढ़ जाता है। गर्मी के कारण बच्चे तनाव महसूस करने लगते हैं और चिड़चिड़ाने लगते हैं। ऐसे में उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है।
ऐसा सिर्फ बच्चों के साथ ही नहीं होता, बल्कि गर्मी से हर उम्र के लोग तनाव महसूस करने लगते हैं। यदि आप किसी ऐसी जगह पर या कमरे में काम करते हैं, जहां पर तापमान काफी अधिक है तो काम में मन नहीं लगना लाजमी है।
इस मौसम में क्या खाएं?
अब सवाल यह है कि साल दर साल क्यों बढ़ रहा तापमान?
लोगों को लगता है कि तापमान बढ़ने की मुख्य वजह ग्लोबल वार्मिंग है। हां ये सही है, लेकिन इसके अलावा अन्य कारण भी हैं। लंबे समय से भारत में लोगों का रहन-सहन बदल रहा है। दिन-प्रतिदिन हरियाली से खिलवाड़ किया जा रहा है। डेवलपमेंट के नाम पर जंगलों को काटा जा रहा है। बहुमंजिला इमारतें व सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। AC का इस्तेमाल आम हो गया है और इन्हीं कारणों से तापमान बढ़ रहा है।
गर्मी बढ़ने की वजह डेवलपमेंट तो नहीं?
एक स्टडी में बताया गया कि गर्मी की एक वजह जमीन का बदलता उपयोग भी है। पहले जमीन का उपयोग ज्यादातर खेती के लिए होता था तो उसमें नमी बनी रहती थी, लेकिन अब चारकोल की सड़क और कंक्रीट की बिल्डिंग हीट को अपने अंदर सोखती है और उसे दोपहर व रात में छोड़ती है। इस कारण से गर्मी बढ़ जाती है।
क्या हवा के रुख से बढ़ती है गर्मी? इसका जवाब हमने 3 एक्सपर्ट से समझा...
मौसम वैज्ञानिक पी.के साहा बताते हैं कि गर्मी बढ़ने की एक वजह गर्म क्षेत्रों से आनी वाली हवा भी होती है। इस समय दक्षिण-पश्चिम राजस्थान खूब तप रहा है। वहां अभी से ही लू चल रही है। इसका असर देश के मौसम पर पड़ रहा है। मध्यप्रदेश में हवा का रुख पश्चिम-उत्तर-पश्चिम रहा है। इसलिए तापमान बढ़ा है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा कहते हैं कि बिहार का मौसम इस समय शुष्क है। टेम्परेचर रोजाना बढ़ रहा है। होली पर उत्तर बिहार में अधिकतम तापमान 32-34 डिग्री, दक्षिण में 34-36 और उत्तर पूर्व में 28-30 डिग्री सेल्सियस अधिकतम रहने का पूर्वानुमान है।
छत्तीसगढ़ में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम होने लगी है। इससे गर्मी पूरे राज्य में बढ़ती जाएगी। रायपुर के मौसम विशेषज्ञ एच.पी चंद्रा कहते हैं कि हवा की दिशा की वजह से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी का ट्रेंड बनने की संभावना है। 15 से 18 मार्च तक अधिकतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है।
40% लोग 2050 तक जूझेंगे पानी की कमी से
संयुक्त राष्ट्र इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल गर्मी और उमस जबरदस्त पड़ने वाली है। यदि समय से जलवायु संकट पर काम नहीं किया गया तो स्थिति काफी खतरनाक हो सकती है।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि समय रहते कार्बन उत्सर्जन पर लगाम नहीं लगाया गया और तापमान को संतुलित नहीं किया गया तो भारत की 40% आबादी 2050 तक पानी की कमी से जूझेगी। जिसका असर फसलों पर भी होगा। तेजी से होते जलवायु परिवर्तन से मछली पालन पर असर देखने को मिलेगा।
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