मदर्स डे के अवसर पर दैनिक भास्कर ने 25 अप्रैल से 1 मई तक पेंटिंग कॉम्पिटिशन आयोजित किया। ‘मेरी मां’ थीम पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में हर उम्र, वर्ग के लोगों ने प्रविष्टियां भेजीं। इनमें मां के प्रेम, संघर्ष और त्याग सहित सभी रूप चित्रित किए गए।
51 हजार रु. का प्रथम पुरस्कार नासिक (महाराष्ट्र) के सुरेश बी. पंवार, 31 हजार रु. का दूसरा पुरस्कार रायपुर (छत्तीसगढ़) के दीपक शर्मा और 11 हजार रु. का तीसरा पुरस्कार धमतरी (छत्तीसगढ़) के बसंत साहू को मिला है। सात सदस्यों की ज्यूरी ने 20475 में से तय मापदंड पूरे करने वाली 18,375 प्रविष्टियों को देखा और विजेताओं को चुना।
कॉम्पिटिशन में बड़ी संख्या में प्रविष्टियों को देखते हुए सांत्वना पुरस्कारों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 कर दी गई है। आखिरी चरण तक पहुंची पेंटिंग्स दैनिक भास्कर के कार्यालयों में लगाई जाएंगी। इनमें से 23 विजेता पेंटिंग्स भास्कर मुख्यालय, भोपाल में प्रदर्शित की जाएंगी।
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1. मां कैसे आपको संवारती है? जीवन के लिए तैयार करती है ?मां की सबसे बड़ी आस होती है अपने बच्चे की खुशी। शायद इसीलिए हमारी खुशी की तलाश भी मां के पास पहुंचकर पूरी होती है। आपकी खुशी किसमें है यह बात कहे बिना मां सुन लेती है। तो आज मदर्स डे पर पढ़िए 4 कहानियों को और समझिए कि कैसे एक मां चाहे तो घर से लेकर समाज तक को बदल सकती है। (पढ़िए पूरी कहानी)
2. दिल दियां गल्ला, बेख्याली जैसे मशहूर गाने लिखने वाले इरशाद कामिल ने इस बार मां पर कुछ लिखा है। वो लिखते हैं कि हम सब में मां है। हमारी आंख में, आंख के पानी में। हमारे दिल, दिमाग में। सब जगह मां है। मदर्स डे पर दैनिक भास्कर के लिए खासतौर पर इरशाद कामिल ने ये कविता लिखी है। (पढ़िए पूरी कविता)
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