इतिहास भाषणों से होने वाले करिश्मों से भरा पड़ा है!
बुद्ध और जीसस क्राइस्ट के उपदेशों से लेकर, सिंधु नदी के तट पर एलक्जेंडर द ग्रेट द्वारा दी गई स्पीच हो या मार्टिन लूथर किंग जूनियर की 1963 में दी गई ‘आई हैव ए ड्रीम' स्पीच, सुभाषचंद्र बोस द्वारा बर्मा में भारत की आजादी के लिए दी गई ‘तुम मुझे खून दो, में तुम्हें आज़ादी दूंगा’ स्पीच हो या मलाला यूसुफजई द्वारा 2013 में संयुक्त राष्ट्र में 'महिला शिक्षा' पर दी गई स्पीच, सभी में एक कॉमन बात थी, वक्ता की अपने लक्ष्य के प्रति आस्था।
शब्द हैं प्रेरणा
राजनेताओं और सेनापतियों से लेकर धार्मिक नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों तक, महान वक्ता अपने शब्दों से अपने दर्शकों को प्रेरित और मोहित करने की शक्ति रखते हैं। किसी भी तरह के व्यवसाय में अपनी टीम को लीड करने, मोटिवेट करने के लिए एक मैनेजर में अच्छा वक्ता होने का गुण काम आता है।
करिअर फंडा में स्वागत!
तो यदि पब्लिक स्पीकिंग इतनी शानदार स्किल है, तो आप भी जानें इसके बारे में, नहीं?
शानदार पब्लिक स्पीकर बनने के 6 सॉलिड टिप्स
पेश हैं एक बेहतरीन वक्ता होने के टिप्स
1) अपने आप को पूरी तरह जानें
जब आप पब्लिक में बोलते हैं, तो आपका पूरा व्यक्तित्व जनता के खोजी लेंस के नीचे होता है। अपने आप को पूरी तरह समझें - कौन सी भाषा आप अच्छे से बोल सकते हैं, कितना ज्ञान किस टॉपिक पर है, कितना सिचुएशन के हिसाब से खुद को ढाल सकते हैं, कितना इमोशंस का प्रयोग कर सकते हैं, कब-कब घबराहट होती है, कितना जोर से बोल सकते हैं और कितना शालीनता से संभल सकते हैं, कितनी प्रैक्टिस की है, आदि। इसके बाद ही कोई एक शानदार पब्लिक स्पीकर बन सकता है।
ध्यान रहे - पब्लिक स्पीकिंग सदा परफेक्ट बनने की कला नहीं है, बस उस वक्त परफेक्ट होने का स्किल है।
2) अपने श्रोताओं को जानें
आप जिन लोगों को संबोधित कर रहे हैं उनकी जरूरतों, रुचियों और विश्वासों को समझना उन्हें संदेश देने के लिए आवश्यक है। ऐसी भाषा में और उस स्तर पर बात करें जो श्रोताओं को समझ आती हो। इसके लिए रिसर्च और तैयारी की आवश्यकता होती है।
मार्टिन लूथर किंग जूनियर, अपने दर्शकों से जुड़ने की क्षमता के लिए जाने जाते थे। 1963 में वाशिंगटन पर मार्च के दौरान दिया गया उनका प्रतिष्ठित ‘आई हैव ए ड्रीम’ भाषण, नस्लीय भेदभाव और अन्याय को समाप्त करने के लिए एक शक्तिशाली आह्वान था। किंग अपने दर्शकों को जानते थे, जो नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और समर्थक थे। प्रधानमंत्री नेहरू विदेशों में सैकड़ों पत्रकारों को आराम से हैंडल कर लेते थे, और वो सब सुना देते थे जिससे भारत का ब्रांड मजबूत होता था।
ध्यान रहे - आपकी सारी मेहनत का परीक्षण आपका ऑडियंस करेगा, आप खुद नहीं।
3) प्रभावी बॉडी लैंग्वेज का प्रयोग करें
केवल बोले गए शब्द महत्वपूर्ण नहीं होते। जिस तरह से आप खड़े होते हैं, हाथों का उपयोग करते हैं और आगे बढ़ते हैं, वह आत्मविश्वास, अधिकार और जुनून को व्यक्त कर सकता है। आंखों का संपर्क भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके दर्शकों के साथ संबंध स्थापित करने में मदद करता है।
पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री, विंस्टन चर्चिल, बॉडी लैंग्वेज के मास्टर थे। उन्हें उनके प्रतिष्ठित इशारों के लिए जाना जाता था, जैसे ‘वी फॉर विक्ट्री’ चिन्ह, जिसका उपयोग वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश लोगों को प्रेरित करने के लिए करते थे। चर्चिल के हाव-भाव के उपयोग ने उन्हें अपने दर्शकों से जुड़ने और शक्ति और दृढ़ संकल्प की भावना व्यक्त करने में मदद की।
ध्यान रहे - बॉडी लैंग्वेज नकली नहीं बनाई जा सकती, मन और दिल से खुद निकलती है।
4) जुनून, दृढ़ विश्वास और आस्था के साथ बोलें
आप जो कह रहे हैं उस पर विश्वास करते हैं तो यह आपके दर्शक समझ पाते हैं, और यह एक शक्तिशाली प्रेरक हो सकता है।
बराक ओबामा, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, जुनून और दृढ़ विश्वास के साथ बोलने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषणों में अक्सर आशा, परिवर्तन और प्रगति के महत्व पर जोर दिया जाता था। अपने दर्शकों को प्रेरित करने की क्षमता ने उन्हें अपने समय के सबसे सफल राजनीतिक नेताओं में से एक बनने में मदद की।
ध्यान रहे - ये कमिटमेंट से होता है, खोखले दावों और बातों से नहीं।
5) कहानियों और किस्सों का प्रयोग करें
ओरेटरी के विशेषज्ञों का कहना है कि मनुष्यों के बीच सारा कम्युनिकेशन कहानियों की तरह होना चाहिए। कहानियां और किस्से आपके श्रोताओं को बांधे रखने और अपने बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हो सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला अपने दर्शकों से जुड़ने के लिए कहानियों और किस्सों का उपयोग करने में माहिर थे। उनके भाषणों में अक्सर उनके स्वयं के जीवन की कहानियां, साथ ही साथ दक्षिण अफ्रीकी लोगों के संघर्षों और विजय की कहानियां शामिल होती थीं।
ध्यान रहे - किस्सों से अंत में आपको पॉजिटिव सन्देश ही देना है
6) नारों और सूत्रों का प्रयोग करें
किन्हीं शब्दों के रिपिटेशन, रूपकों (मेटाफर) और उपमाओं (एनालॉजी) का उपयोग मुख्य बिंदुओं पर जोर देने और आपके संदेश को अधिक यादगार बनाने के लिए किया जा सकता है।
अब्राहम लिंकन का ‘लोगों की सरकार, लोगों द्वारा, लोगों के लिए’, हो या ‘अंग्रेजों, भारत छोड़ो’ या ‘जय जवान, जय किसान’ नारा इसी का उदाहरण है। इसने लोकतंत्र के महत्व और अपने स्वयं के भविष्य को आकार देने में लोगों की भूमिका पर जोर दिया। बराक ओबामा का ‘यस, वी कैन’ हो, डोनाल्ड ट्रम्प का ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ हो या बाल गंगाधर तिलक का ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’, सभी का प्रयोग भाषणों में किया गया था।
ध्यान रहे - ये सीधे दिल में उतरते हैं, इसलिए सावधानी से।
इसके अलावा अपने बोलने में थिएट्रिक्स का उपयोग अर्थात बोलते वक्त शब्दों में उतार-चढ़ाव इत्यादि का उपयोग भी ओरेटरी को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
उम्मीद करता हूं अपने करिअर में आप डर को पीछे छोड़ कर एक अच्छा पब्लिक स्पीकर बनेंगे।
आज का करिअर फंडा है कि एक एक बेहतरीन वक्ता होने के फायदे इतने ज्यादा हैं कि तमाम डरों से लड़ना उसके लिए जायज है!
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