एक बेहतर सलाह
छह इंटरनेशनल बेस्टसेलर किताबों जैसे द 48 लॉज ऑफ पावर, द आर्ट ऑफ सिडक्शन, द 33 स्ट्रेटेजीज ऑफ वॉर, द फिफ्टीथ लॉ, मास्टरी एवं द लॉज ऑफ ह्यूमन नेचर के लेखक रॉबर्ट ग्रीन का मानना है-
‘भविष्य उनका है जो अधिक स्किल्स सीखते हैं और उन्हें क्रिएटिव तरीकों से जोड़ते हैं।’
तो क्या आप भी डेली स्किल्स डेवलप कर अपने करियर और एजुकेशन में आगे बढ़ सकते हैं?
हां!
1) सुबह अपना बेड खुद बनाएं: यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी के सील कमांडो ट्रेनिंग के प्रमुख रहे एडमिरल मेकरावेन का कहना है कि यदि आप दुनिया को बदलना चाहते हैं तो अपने दिन की शुरुआत अपना बिस्तर खुद बनाकर करें।
यहां बिस्तर बनाने से तात्पर्य, उस बेड की चादर और गद्दों को ठीक करना है जिस पर आप सोए थे, उन चादरों, ब्लैंकेट आदि को ठीक से घड़ी कर सही जगह पर रखना जिनका आपने उपयोग किया था, इत्यादि। यह एक छोटा सा काम है, लेकिन आपको दिन की पॉजिटिव स्टार्ट करने का इंस्पिरेशन देता है। और सबसे अच्छी बात ये कि जब आप दिन खत्म होने पर थककर लौटते हैं तो आप अपने तैयार किए बेड को पाते हैं, और चेहरे पर एक मुस्कान आती है!
2) अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स पर वर्क करें
चाहे आप कोई भी जॉब करें, कम्यूनिकेट किए बिना तो नहीं रह सकते। 21वीं सदी में कम्युनिकेशन का मतलब केवल बात करना नहीं होता बल्कि, बात सुनना, समझना, लिखना, पढ़ना, बॉडी लैंग्वेज या किसी भी और तरीके जैसे एपीरिएंस, कला (जैसे ड्रॉइंग, संगीत) से अपने आप को एक्सप्रेस करना होता है। बिजनेस वर्ल्ड में कम्युनिकेशन स्किल्स किसी टीम को मोटिवेट करने, निर्देश देने, आपस में बातचीत करने, कोऑर्डिनेट करने, अपने ब्रांड को एक्सप्रेस करने के काम आती है। डेली सही तरीके से साफ बिना कन्फ्यूजन के कम्युनिकेशन की आदत बनाएं, और इसको हल्के में न लें।
3) सेल्फ मैनेजमेंट: ऑर्गेनाइज रहें- इसमें, फालतू सामान को हटाते रहना, आवश्यक सामान की मरम्मत करते रहना, सामान को ठीक जगह पर रखना इत्यादि शामिल हैं। जापानी तकनीक ‘काइज़ेन’ - अर्थात कांस्टेंट इम्प्रूवमेंट - को लाइफ में फॉलो करना फायदा देगा। रेगुलरली मेडिटेशन और एक्सरसाइज द्वारा फिट और स्ट्रेस-फ्री रह सकते हैं। टाइम मैनेजमेंट के लिए परेटो प्रिंसिपल जो 80-20 रूल के नाम से भी फेमस है, फॉलो करें। इस रूल के अनुसार लाइफ के मैक्सिमम एरियाज में 80% रिजल्ट्स 20% एफर्ट्स से आते हैं, और हमें पहले उन 20% पर फोकस करना चाहिए।
4) अडाप्टेबिलिटी (अनुकूलन): नए नॉलेज और स्किल्स से दूर नहीं भागना है, बल्कि उन्हें ढूंढते रहना है। आप डेली अच्छे न्यूज पेपर और मैगजीन्स पढ़ें। अच्छी मोटिवेशनल मूवीज, डॉक्यूमेंटरीज की तलाश में रहें और उन्हें अच्छे से कन्ज्यूम करें। नए ट्रेंड्स टेक्नोलॉजी की जानकारी रखें, और जरूरी सॉफ्टवेयर्स सीखें।
5) लॉजिकल प्रॉब्लम सॉल्विंग: अलग तरह से और लॉजिकली सोचें - समस्या को अलग तरह से हल करने की कोशिश करें। अलग तरह से लेकिन लॉजिकली सोचें। देखें कि किस तरह वर्तमान प्रक्रियाओं और उत्पादों को बेहतर या कम प्रयास में बनाया जा सकता है।
6) इमोशनल इंटेलिजेंस (भावनात्मक बुद्धिमत्ता): ‘एम्पथेटिक’ अर्थात दूसरों के लिए सहानुभूतिपूर्ण बनने की आदत रोज डालें। इमोशनल इंटेलिजेंस का वर्णन कई तरीकों से किया गया है, लेकिन बेसिकली यह अपनी भावनाओं और दूसरों की भावनाओं को पहचानने की क्षमता है। स्ट्रॉन्ग ई.क्यू. वाला पर्सन ये जानता है कि को-वर्कर्स की फीलिंग्स से एडजस्ट करते हुए अपनी फीलिंग्स को कैसे मैनेज और कंट्रोल करना है।
7) ‘मिनिमलिज्म’ प्रैक्टिस करें
‘मिनिमलिज्म’ का अर्थ लाइफ-क्वालिटी को कम करना नहीं है। यह इक्कीसवी सदी में ‘सिंपल लिविंग हाई थिंकिंग' का अनुवाद है। इसका मतलब है अपनी लाइफ से उन चीजों को हटाना तो सिर्फ टेंशन देती हैं। तो आपके पास 25 शर्ट हैं, और आप यूज केवल 7 करते हैं, तो 18 शर्ट आपकी लाइफ पर बेकार बोझ हैं। लाइफ से ऐसे बोझ को कम करना ही मिनिमलिज्म है। इसके रोजाना प्रैक्टिस करने से आप अपने जीवन को बहुत मीनिंगफुल बना सकते हैं।
हर शुक्रवार हम आप तक ऐसे ही सिंपल और पावरफुल स्किल ओरिएंटेड टॉपिक लाएंगे। वादा कीजिए आप इनपर अमल जरूर करेंगे!
कर के दिखाएंगे!
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