यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 400 किमी दूर बसे डेनिप्रो शहर में भारत के 35 स्टूडेंट्स अंडरग्राउंड फैसिलिटीज में छिपे हुए हैं। ये लोग जिस हॉस्टल में रहते हैं, उसी में बीते चार दिनों से छिपे हैं।
इस ग्रुप में शामिल कुछ स्टूडेंट्स ने भास्कर से बातचीत में बताया कि उनमें से कई डायबिटीज, अस्थमा के शिकार हैं, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बन गई हैं कि इंसुलिन के प्रॉपर डोज तक नहीं ले पा रहे। लड़कियों को लगातार पैनिक अटैक आ रहे हैं। सभी की हालत बेहद बुरी है।
सर्दी-खांसी-बुखार हो रहा, लेकिन दवाई नहीं मिल रही
लखनऊ की कीर्ति त्रिवेदी भी इस ग्रुप में शामिल हैं। वे MBBS के फाइनल ईयर में हैं। उनकी शादी हो चुकी है, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के चलते वे अब यूक्रेन में फंस गई हैं। महज चार महीने में कीर्ति का कोर्स कम्प्लीट होने वाला था।
कीर्ति ने बताया कि मुंबई की मेरी दोस्त वैशाली और लखनऊ के जुनैद को इंसुलिन लेना होता है, लेकिन इंसुलिन लेने के लिए तीन टाइम की प्रॉपर डाइट जरूरी होती है। हमारे पास स्टॉक में ज्यादा राशन नहीं बचा होने से अभी एक ही बार खाना मिल पा रहा है।
कीर्ति ने बताया कि अंडरग्राउंड होने से पहले हम लोगों ने राशन खरीदा था, लेकिन हमे नहीं पता था कि वॉर सच में शुरू हो जाएगी और इतनी लंबी चलेगी। अब सब कुछ बंद है। हमारे हॉस्टल के आस-पास बम गिर रहे हैं। ऐसे में हम बाहर नहीं जा सकते। अंडरग्राउंड फैसिलिटीज में ठंड भी बाहर से ज्यादा है। टेम्प्रेचर माइनस 5 डिग्री के आसपास है। ऐसे में सर्दी से खुद को बचाना भी बड़ी है। अधिकतर लोगों को सर्दी-खांसी, बुखार हो गया है। दवाई नहीं मिल रही है।
देशी तरीके से कर रहे हैं एक-दूसरे की केयर
कीर्ति के मुताबिक, लड़कियों को पैनिक अटैक आ रहे हैं, लेकिन हमारे पास मेडिसिन नहीं हैं। हम देसी तरीकों से ही एक-दूसरे की केयर कर रहे हैं। हम इस सिचुएशन को कब तक हैंडल कर पाएंगे, यह नहीं जानते।
कीर्ति के मुताबिक, कुल 35 स्टूडेंट्स अंडरग्राउंड हैं और हम सभी भारतीय हैं। हमारे साथ हमारी वॉर्डन भी फंस गई हैं, वे घर जाना चाहती हैं, लेकिन बाहर मार्शल लॉ लगा है, कोई भी निकल नहीं सकता। यदि बाहर से परमिशन मिल भी जाती है तो ये नहीं पता कि जिंदा रहेंगे या नहीं।
रूसी सैनिक सिविल ड्रेस में घूम रहे
एक अन्य हॉस्टल में फंसी राजस्थान की अतिप्रिया ने बताया कि हमारे हॉस्टल के आस-पास रशियन आर्मी के लोग सिविल ड्रेस में हथियार लेकर घूम रहे हैं। ऐसे दो लोगों को शनिवार की सुबह यूक्रेन आर्मी ने पकड़ा है। हमें लगातार धमाकों की आवाजें आ रही हैं, जिससे हम बहुत घबराए हुए हैं।
राशन लगभग खत्म हो चुका है, इसके बाद खाने की भी दिक्कत हो जाएगी। हमारे हॉस्टल से बॉर्डर एरिया करीब 1200 किलोमीटर दूर है, लेकिन अब वहां तक सुरक्षित कैसे जाएं? इंडियन एम्बेसी में बात हुई तो उन्होंने हमें हॉस्टल में ही अंडरग्राउंड रहने की सलाह दी है।
उनका कहना है कि जब तक सिचुएशन नॉर्मल नहीं हो जाती, तब तक आप लोग बाहर नहीं आ सकतीं। हम में से कई ने भारत लौटने के लिए टिकट बुक करा लिए थे, लेकिन अचानक वॉर शुरू हो गई और हमारी फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं। अब हम किसी भी तरह सुरक्षित अपने घरों तक पहुंचना चाहते हैं।
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