गुरुग्राम की रहने वाली पूजा शर्मा गरीबी में पली-बढ़ीं। कम उम्र में शादी हो गई। 10वीं बाद पढ़ाई छूट गई। ससुराल में भी आर्थिक तंगहाली कम नहीं थी, लेकिन पूजा ने खुद के दम पर मुकाम बनाने की ठानी और कामयाब भी रहीं। आज पूजा स्थानीय महिलाओं के साथ मिलकर होममेड कुकीज और हेल्दी स्नैक्स का स्टार्टअप चलाती हैं। 70 से ज्यादा वैराइटी के प्रोडक्ट उनके पास हैं। भारत के साथ ही अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी उनके प्रोडक्ट की डिमांड है। फिलहाल सालाना 8 लाख रुपए उनका टर्नओवर है।
40 साल की पूजा किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वे बचपन से ही अपनी मां के साथ खेती-बाड़ी और पशुओं की देखभाल करती थीं। तब बेटियों की पढ़ाई-लिखाई को लेकर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था। पूजा भी 10वीं तक ही पढ़ पाईं, क्योंकि इससे आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें बहुत दूर जाना था। इसके बाद उनकी शादी कर दी गई। ससुराल में भी उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पति प्राइवेट जॉब करते थे, आमदनी जरूरतों के मुताबिक काफी कम थी। ऊपर से एक के बाद एक तीन बच्चे हो गए। ऐसे में पूजा ने तय किया कि परिवार और पति को सपोर्ट करने के लिए वे भी कुछ करेंगी।
पति की मदद के लिए खुद आगे आईं
कुछ साल बाद पूजा सोशल वर्कर के रूप में एक NGO से जुड़ गईं। वे NGO के माध्यम से प्रेग्नेंट महिलाओं और गरीबों के लिए काम करती थीं। वे गांव-गांव जाकर गरीब महिलाओं को सही खान-पान और स्वस्थ रहने की जानकारी देती थीं। कुछ वक्त बाद काम करते-करते उन्हें भी इन चीजों के बारे में अच्छी जानकारी हो गई।
NGO की तरफ से हेल्दी फूड्स और स्नैक्स की प्रोसिंग को लेकर बकायदा उन्हें ट्रेनिंग भी मिली। इसके बाद पूजा अपने घर पर सोयाबीन, बाजरा और रागी से हेल्दी स्नैक्स तैयार करने लगीं। तब उन्हें एहसास हुआ कि प्रोफेशनल लेवल पर वे खुद भी इस काम को कर सकती हैं और इससे अपने परिवार की मदद कर सकती हैं।
खंडहर मकान से काम की शुरुआत की
पूजा बताती हैं कि हमारे पास गांव में खंडहर हो चुका एक बड़ा मकान था। लोग इसे भूत बंगला बोलते थे। कोई इसके अंदर जाता नहीं था। वे कहती हैं कि इसके अंदर जाने से डर तो मुझे भी लगता था, लेकिन हमारे पास कोई जगह नहीं थी। इसलिए तय किया कि इसी मकान से अपने काम की शुरुआत करेंगे। हमने सबसे पहले कुछ गाय-भैंस खरीदी और हेल्दी स्नैक्स बनाने का काम शुरू कर दिया। आमदनी बढ़ी तो हमने पशुओं की संख्या बढ़ा दी।
पूजा कहती हैं कि जैसे-जैसे हमारा काम आगे बढ़ने लगा, दूसरी महिलाएं भी इसमें दिलचस्पी दिखाने लगीं। कई महिलाओं ने ट्रेनिंग के लिए मुझसे संपर्क करना शुरू कर दिया। इस तरह एक के बाद एक महिलाएं मेरे साथ जुड़ती गईं। हालांकि तब महिलाओं को लेकर लोगों की सोच पिछड़ी मानसिकता वाली थी। कई लोग हमारा मजाक भी उड़ाते थे। कई बार रात में काम से लौटते वक्त हमें भी डर लगता था, लेकिन हमने अपनी कोशिश जारी रखी।
10 महिलाओं के साथ मिलकर एक सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया
साल 2013 में 10 महिलाओं के साथ पूजा ने क्षितिज नाम से एक सेल्फ हेल्प ग्रुप की शुरुआत की। पहले उन्होंने इन महिलाओं को कुकीज और स्नैक्स बनाने की ट्रेनिंग दी। फिर इनकी मदद से काम करना शुरू किया। वे हेल्दी स्नैक्स बनाकर आसपास के मार्केट में सप्लाई करने लगीं। जल्द ही लोगों को उनके प्रोडक्ट के बारे में जानकारी हो गई और उनका काम आगे बढ़ने लगा। 2017 में पूजा ने अपने काम का दायरा बढ़ाया और इसे बिजनेस के रूप में तब्दील कर दिया। खंडहर पड़े मकान को ही उन्होंने अपनी फैक्ट्री में बदल दिया और बड़े लेवल पर प्रोडक्शन शुरू कर दिया।
उनके ग्रुप से जुड़ी हर महिला 7-8 हजार रुपए प्रतिमाह कमा लेती है
फिलहाल पूजा के साथ 150 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं। वे लोगों की डिमांड के मुताबिक हर तरह की कुकीज और स्नैक्स तैयार करती हैं। कई बड़े होटलों में उनके प्रोडक्ट की सप्लाई होती है। इसके साथ ही सोशल मीडिया, अमेजन और अपनी वेबसाइट के जरिए वे देशभर में अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रही हैं। उनके कई प्रोडक्ट्स की डिमांड विदेशों में भी है। अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में उन्होंने अपने प्रोडक्ट भेजे हैं।
पूजा बताती हैं कि सेल्फ हेल्प में जुड़ी हर महिला 7-8 हजार रुपए हर महीने कमा लेती है। इससे उनके परिवार का खर्च निकल जाता है। जहां तक पूजा की बात है, वे सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ ही खुद का भी कुकीज का बिजनेस चलाती हैं। 25 से ज्यादा लोग उनकी अपनी टीम में काम करते हैं। कोरोना के बाद भी 8 लाख रुपए तक का बिजनेस वे कर लेती हैं।
अपने काम के साथ ही पूजा दूसरी महिलाओं को ट्रेनिंग देने का भी काम करती हैं। वे नियमित रूप से महिलाओं को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देती हैं। अभी तक एक हजार से ज्यादा महिलाओं को वे ट्रेंड कर रोजगार से जोड़ चुकी हैं। इस काम के लिए पूजा को नेशनल लेवल पर कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।
कम लागत में मुनाफे का स्टार्टअप, आप कैसे कर सकते हैं शुरुआत?
कुकीज और स्नैक्स ज्यादातर लोगों की डेली लाइफ में शामिल हो चुका है। खास करके बच्चों में इसकी अधिक डिमांड होती है। पिछले कुछ सालों में इस तरह के कई स्टार्टअप शुरू हुए हैं, जो होममेड कुकीज और स्नैक्स की मार्केटिंग से बढ़िया कमाई कर रहे हैं। खास बात यह है कि ऐसे स्टार्टअप के लिए बहुत अधिक फंड की जरूरत नहीं होती है। अगर आप भी इस तरह के स्टार्टअप की प्लानिंग कर रहे हैं तो हम 4 ग्राफिक के जरिए आपको बता रहे हैं कि कैसे आप आसानी से अपने काम की शुरुआत कर सकते हैं...
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