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भास्कर इंटरव्यू‘मुसलमान देश में आश्रित, सिर पर न नाचें’:बजरंग दल चीफ बोले- लव जिहाद नहीं होने देंगे, बैन किया तो देख लेंगे

नई दिल्ली11 दिन पहलेलेखक: संध्या द्विवेदी
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है, सिद्धारमैया CM बन चुके हैं। जीत के बाद सिद्धारमैया से बजरंग दल पर बैन लगाने से जुड़ा सवाल किया गया तो बोले, 'नफरत फैलाने वाले सभी राजनीतिक समूहों पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे धर्म कोई भी हो।'

सिद्धारमैया के बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में बजरंग दल आक्रामक रहा, तो कर्नाटक में उस पर कार्रवाई हो सकती है। BJP ने कर्नाटक में बजरंग दल को बजरंगबली से जोड़कर राजनीतिक बढ़त लेने की कोशिश की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

मॉब लिंचिंग, दंगों और दूसरी हिंसक गतिविधियों में बार-बार बजरंग दल का नाम आता रहा है। लालू प्रसाद यादव, राम विलास पासवान, मायावती और दिग्विजय सिंह जैसे नेता इस संगठन को बैन करने की मांग उठाते रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर भास्कर ने बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दौनेरिया से बात की…

सवाल: बजरंग दल का नाम अक्सर बवाल, दंगे, हिंसा, प्रेमी जोड़ों को पीटने या ऐसी ही घटनाओं में बार-बार सामने आता है, ऐसा क्यों है?
नीरज दौनेरिया: बजरंग दल का जन्म 1984 में राम मंदिर आंदोलन के समय हुआ। प्रशासन ने राम जानकी रथ यात्रा को सुरक्षा देने से मना कर दिया था। तब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने युवाओं को रथ यात्रा की रक्षा की जिम्मेदारी दी। वही रक्षक दल आज बजरंग दल है।

सवाल: हिंसा करना, किसी को पीट देना, प्रेमी जोड़ों का मुंह काला करना पराक्रम है क्या?
नीरज दौनेरिया: VHP ने बजरंग दल को हिंदू जीवन मूल्य की रक्षा और पुनर्स्थापना के लिए ही बनाया। ऐसे में संघर्ष तो होगा ही, विरोध भी होगा। ‘द केरला स्टोरी’ जैसी फिल्में आज आई हैं, लेकिन हम तो धर्मांतरण का मुद्दा 1990 से उठा रहे हैं।

बजरंग दल ने जब लव जिहाद का मुद्दा उठाया, तो हमें सांप्रदायिक कहा गया। बाद में केरल हाईकोर्ट ने भी इस बात को माना और 1994 में कर्नाटक विधानसभा में खुद कांग्रेस के विधायकों ने धर्म परिवर्तन को लेकर हंगामा किया।

हिंदू लड़कियों को अगवा किया जाता है, नाम बदलकर उनके साथ शादी की जाती है। सिर्फ इसलिए कि हिंदू लड़कियों से वे बच्चे पैदा कर सकें। भारत की डेमोग्राफी बदल सकें। क्या ये षड्यंत्र नहीं है। बजरंग दल इसके खिलाफ खड़ा है। बजरंग दल हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

सवाल: बिहार शरीफ में दंगा, हावड़ा दंगा, हरियाणा लिंचिंग, 2002 गुजरात दंगों में बाबू बजरंगी, 1999 में ओडिशा में फादर स्टेंस को जलाने का मामला, सभी में बजरंग दल का नाम सामने आया। क्या VHP ने इसलिए ये संगठन बनाया था?
नीरज दौनेरिया:
हिंदू जीवन मूल्यों पर जहां कहीं प्रहार होगा, उसके खिलाफ षड्यंत्र होगा, तो बजरंग दल सामने आएगा। हमें हिंसक कहा जाता है, जबकि हम तो रक्षा कर रहे हैं। हमें कोई नहीं बुलाता, हम खुद प्रकट हो जाते हैं। किसी को चावल की एक बोरी देकर, शिक्षा के नाम पर, सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन करना क्या ठीक है। भारत के दूरदराज के इलाकों में यही हो रहा है।

सवाल: वीपी सिंह, लालू यादव, रामविलास पासवान, मायावती, दिग्विजय सिंह और अब कर्नाटक में कांग्रेस। बजरंग दल हिंसक है, क्या इसलिए बार-बार बैन की मांग होती है?
नीरज दौनेरिया:
साफ है कि बजरंग देशभक्त नौजवानों का समूह है। हमारा नेटवर्क काफी बड़ा है। हम हिंदुओं का नेतृत्व करते हैं, इसलिए हमारे कुछ दुश्मन भी हैं। लव जिहाद, लैंड जिहाद और घुसपैठ जिहाद के अलावा PFI से हम सीधी लड़ाई लड़ रहे हैं। देश विरोधियों के सामने हम खड़े हैं। उनका वोट चाहने वाले हमें बैन करने की मांग करते हैं।

कांग्रेस बैन की बात कहकर मुस्लिम वोटों को साध रही है, लेकिन बजरंग दल पर बैन लगाएंगे किस आधार पर। 1992 में बजरंग दल पर बैन लगाकर देख चुके हैं। एक साल में ही हटाना पड़ा था। हम इन छोटी-छोटी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।

सवाल: चुनाव में BJP बजरंगबली को भी ले आई। फिर भी हार गई। क्या कर्नाटक के लोगों ने बजरंग दल को रिजेक्ट कर दिया है?
नीरज दौनेरिया: मैं राजनीतिक बातें नहीं करना चाहूंगा। हमने कभी चुनाव प्रचार नहीं किया। हमें बैन करने की बात की गई थी, सिर्फ इसलिए हमने हनुमान चालीसा के पाठ किए। हनुमान चालीसा में एक लाइन है- कुमति निवार, सुमति संगी...यानी जिन लोगों में बजरंग दल को बैन करने की कुमति आई है, उन्हें सुमति दो। पूरे देश में 6 लाख लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। अब क्या हनुमान चालीसा पर भी बैन लगेगा। ऐसे कई षड्यंत्र बजरंग दल देख चुका है।

सवाल: फिर कर्नाटक के लोगों ने ‘कुमति’ वाली कांग्रेस को ही क्यों चुन लिया?
नीरज दौनेरिया:
उनका घोषणा पत्र लालच से भरा था। सब्सिडी दे दो, सब मुफ्त दे दो। कांग्रेस आतंकवादियों का साथ देती आई है। उसने JKLF के यासीन मलिक को बुलाकर सम्मानित किया था, 1990 में घाटी में हुए दंगों में उसकी बड़ी भूमिका थी।

कांग्रेस ने ही बाटला हाउस एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे। आज PFI के साथ खड़ी है। PFI पर 27 राजनीतिक हत्याएं करने का आरोप है। इनमें 9 बजरंग दल के कार्यकर्ता भी हैं।

सवाल: बजरंग दल पर बैन की मांग करना कैसे PFI के साथ खड़ा होना हो गया?
नीरज दौनेरिया: PFI पर बैन की बात हुई, उसके बाद ही कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन का मुद्दा उठाया। कांग्रेस जिहादी मानसिकता के लोगों को खुश करना चाहती है। सरकारी जमीन पर मजारें और कब्रिस्तान बनाए जा रहे हैं। लव जिहाद कर हिंदू लड़कियों से बच्चा पैदा कर रहे हैं, क्या ये सब षड्यंत्र नहीं है। सरकार को जांच करनी चाहिए कि 1990 से कितनी हिंदू लड़कियां लव जिहाद का शिकार हुई हैं।

सवाल: क्या आपके पास कोई डेटा है, 1990 से अब तक कितनी लड़कियां लव जिहाद का शिकार हुईं?
नीरज दौनेरिया: डेटा तो सरकार जुटाए। ये हमारा काम नहीं है। हम तो दिनभर यही काम करते हैं। सरकार जांच कराए। एक भी लड़की शिकार हुई है, तो सामने आना चाहिए।

देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था। जिन 3 करोड़ मुसलमानों को रोका गया, उन्हें आश्रय दिया गया था। वे आश्रित हैं, फिर भी उन्हें संविधान में बराबर का सम्मान दिया गया। तो क्या अब वे सिर पर चढ़कर, नंगे होकर नाचेंगे। अराजकता फैलाएंगे, बर्बरता करेंगे। बजरंग दल ये कभी नहीं होने देगा।

सवाल: आप कह रहे हैं कि मुस्लिम आश्रित हैं, इसका आधार क्या है? ये तो सेक्युलर देश है, सभी को बराबर अधिकार मिले हैं…
नीरज दौनेरिया: देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, फिर भी मुस्लिम यहां रहते हैं। ये तो बहुसंख्यक के साथ धोखा है न। संविधान, कानून और सब कुछ बहुसंख्यक के आधार पर ही बनना चाहिए था। यहां की संस्कृति और परंपरा के आधार पर सब होना चाहिए। धर्मनिरपेक्ष बनाया तो बैलेंस करना पड़ता है।

उन्हें आप सब्सिडी, आरक्षण, जमीन सब देते चले गए। हिंदुओं से हर चीज छीनकर उन्हें देते जा रहे हैं। इस देश में मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण है। उधर, मुल्ला-मौलवियों और चर्च के पादरियों की तनख्वाह में देश का करोड़ों रुपया चला जाता है, क्यों? यह भेदभाव नहीं है? ईसाइयों- मुसलमानों का सारा वोट एक साथ गिना जाता है और हिंदू जातियों में बांटा जा रहा है।

सवाल: आप कह रहे हैं संविधान में ही गड़बड़ी है?
नीरज दौनेरिया: भारत को उसी समय हिंदू राष्ट्र हो जाना चाहिए था। धर्म के नाम पर ही विभाजन हुआ था, तो ऐसा करना ही चाहिए था।

सवाल: आप बार-बार जिहाद की बात करते हैं, ये कैसे होता है कुछ बताइए?
नीरज दौनेरिया: ये एक बड़ा प्लान है। लैंड जिहाद के जरिए हिंदुओं की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। मौका देखते ही कहीं भी मजार-मस्जिद बना लेते हैं। गौ तस्करी और गौ हत्या इस्लामिक जिहादियों का ही प्लान है। कौन तस्करी कर रहा है, कौन गाय का मांस खाता है।

सब एक ही समुदाय के हैं। हिंदू गाय को मां का दर्जा देता है, तो उसे काटकर क्यों खाया जाता है। एक तरफ भाईचारे की बात, दूसरी तरफ गाय के मांस के साथ रोटी भी तोड़ रहे हैं।

सवाल: बजरंग दल के अलावा हिंदू सेना, सनातन संस्था, श्रीराम सेना और अभिनव भारत भी यही सब काम करते हैं। आपस में कॉम्पिटिशन भी होता है?
नीरज दौनेरिया: हमारे बीच कोई कॉम्पिटिशन नहीं। सब आपस में सहयोगी हैं। बजरंग दल अपना काम करता है दूसरे दल अपना। सब अपने तरीके से काम करते हैं।

सवाल: बजरंग दल में अभी कितने लोग हैं? आपका नेटवर्क किस-किस राज्य में है?
नीरज दौनेरिया: बजरंग दल का नेटवर्क पूरे देश में है। 9 हजार ब्लॉक में काम करता है। 51 हजार संयोजक और 3 लाख 51 हजार कार्यकर्ता हैं। सदस्यों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है।

सवाल: बजरंग दल जॉइन करने की प्रक्रिया क्या है? एक बजरंगी का रूटीन क्या होता है?
नीरज दौनेरिया: तीन साल में एक बार बजरंग दल भर्ती अभियान चलाता है। घर-घर जाकर नौजवानों को जोड़ता है। VHP की वेबसाइट पर जॉइन बजरंग दल नाम से एक पेज है। यहां से एक फॉर्म भरकर भी जॉइन कर सकते हैं।

बजरंगी को मिलने-जुलने वाला और एक्टिव होना चाहिए। बजरंग दल के साप्ताहिक मिलन केंद्र में जाना होगा। दिल में देश और धर्म होना चाहिए। बलोपासना भी जरूरी है। दंड का प्रशिक्षण, खेल जैसे कबड्डी खेलते हैं, कसरत करते हैं। हिंदू जीवन मूल्यों का ज्ञान जरूरी है। पहले भारत माता और फिर बजरंगबली की आरती होती है।

सवाल: हथियार चलाना भी सिखाते हैं ?
नीरज दौनेरिया: बजरंग दल शस्त्र की शिक्षा नहीं देता, लेकिन इतनी ट्रेनिंग जरूर होती है कि अगर बजरंगी को शस्त्र उठाना पड़े, तो वह भागे नहीं। एयर राइफल चलाना सिखाते हैं।

सवाल: बजरंग दल और BJP के बीच संबंध कैसे हैं, क्या उनके लिए प्रचार भी करते हैं?
नीरज दौनेरिया: हम राजनीतिक दल न हैं और न कभी हो सकते हैं। रही बात BJP की, तो वह हिंदू मूल्यों से जुड़े मुद्दे उठाती है। हमारा उनसे हिंदुत्व को लेकर विचार मिलता है। हम वैचारिक रूप से उनके साथ खड़े हैं, लेकिन प्रचार नहीं करते।

सवाल: विनय कटियार ने कहा था कि बजरंग दल बनाने का उद्देश्य मठ-मंदिरों से कब्जा हटवाना है। करीब 40 साल हो गए संगठन बने, कितना सफल हुए हैं आप?
नीरज दौनेरिया: देश के अंदर विभाजन के समय 30 हजार मंदिरों का धर्मांतरण हुआ। देश में जो मुसलमान हैं, वे भी धर्मांतरित ही हैं। हम उनका DNA हिंदुओं का ही मानते हैं। जो मंदिर तोड़े गए, उनका भी धर्मांतरण हुआ।

सवाल: बाकी के मंदिरों का क्या करेंगे, अगर सब खोदने लगे तो पूरा देश ही खुद जाएगा?
नीरज दौनेरिया: देखिए, हमने तो अभी 3 पर काम शुरू किया है। राम जन्मभूमि में तो आने वाली जनवरी में प्राण प्रतिष्ठा भी हम करेंगे। बाकी मंदिरों के लिए जनता आवाज उठाए, कोर्ट जाए, हम साथ हैं। इस्लामिक जिहाद जारी रहा, तो देश का हिंदू एकजुट होकर इन जिहादियों को सिर छिपाने की भी जगह नहीं देगा। इस्लामिक नेताओं और मुल्ला-मौलवियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

सवाल: आपका लक्ष्य भारत को विश्वगुरु बनाने का है, कुछ समझाएंगे कि विश्व गुरु बनने के बाद का भारत कैसा होगा, क्या-क्या बदल जाएगा उसमें?
नीरज दौनेरिया: हम विश्वगुरु बने तो सर्वे भवन्तु सुखिना के सिद्धांत पर ही चलेंगे। आज भी चल रहे हैं। हिंदुओं का तो यह आदर्श वाक्य है। देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, लेकिन इसे धर्मनिरपेक्ष बना दिया गया। चलो, ये भी ठीक है, लेकिन धर्मनिरपेक्षता का पालन हिंदू कर रहे हैं, वे लोग नहीं। अगर करते तो लव जिहाद, लैंड जिहाद और गोहत्या-तस्करी नहीं होती। ईसाई मिशनरीज धर्म परिवर्तन नहीं करवा रहे होते।

सवाल: कांग्रेस सरकार कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करेगी तो आप क्या करेंगे?
नीरज दौनेरिया: पहली बात तो बैन लग नहीं पाएगा। यह अधिकार राज्यों के पास नहीं है। अगर किसी सूरत में ऐसा हुआ भी, तो ये बैन टिक नहीं पाएगा। ये लोग ऐसा दुस्साहस करेंगे, तो हम इनको जवाब भी देंगे। कोर्ट और आंदोलन दोनों तरह से जैसा ठीक लगेगा, इन्हें जवाब दिया जाएगा।

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