देश का सबसे दक्षिणी छोर, तिरुवंतपुरम का शंकुमुघम बीच। अरब सागर के इस शानदार बीच की बिखरी हुई रेत पर देर शाम गृहमंत्री अमित शाह का चुनावी मंच सजा। रैली का मिजाज और अंदाज उत्तर भारत की रैलियों से बिल्कुल अलग दिखा। शाह भी यहां अलग अंदाज में नजर आए।
उन्होंने अपनी इस रैली के जरिए भाजपा की केरल विजय यात्रा का समापन और मिशन केरल की शुरुआत की। लेकिन, इस दौरान भी उनकी जुबान पर बंगाल का नाम आ ही गया। अमित शाह ने रैली की शुरुआत करते हुए लोगों से कहा कि आप केरल के इस समुद्र तट से इतनी तेज भारत माता की जय का नारा लगाइए की आवाज पश्चिम बंगाल के समुद्र तट जाए।
इसके बाद शाह शाह का भाषण बहुत लंबा नहीं रहा। वह सीधे राज्य के तीन सबसे बड़े मुद्दों पर आ गए। उन्होंने गोल्ड स्कैम को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से एक-एक करके 6 सवाल पूछ डालें। बाद में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जी सार्वजनिक जीवन में होने के चलते कल मेरे सवालों का एक-एक करके जवाब देंगे। शाह यह भी बोले कि घोटाले तो कई हैं, लेकिन मैं सरकार से सिर्फ एक-एक करके ही सवाल पूछ रहा हूं, ताकि विजयन कन्फ्यूज न हों।
दरअसल, गोल्ड स्कैम केरल चुनाव में बड़ा मुद्दा बन चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री विजयन अभी तक इससे जुड़े किसी सवाल का जवाब देने से बचते रहे हैं। पार्टी का कहना है कि यह बात मुख्यमंत्री की जानकारी में नहीं थी। जबकि इस स्कैम में मुख्यमंत्री के सचिव का नाम तक आ चुका है।
शाह ने सबरीमाला का मुद्दा भी उठाया। कहा- जब कम्युनिस्ट सरकार भगवान अयप्पा के भक्तों पर अत्याचार कर रही थी, तब कांग्रेस चुप थी। भारतीय जनता पार्टी और उसके लोगों का मानना है कि सबरीमाला क्षेत्र पर अधिकार सिर्फ अयप्पा के भक्तों का होना चाहिए, इसमें सत्ता के दखल की कोई जरूरत नहीं है। बता दें, चुनाव आते ही सबरीमाला एक बार फिर बड़ा चुनाव मुद्दा बन चुका है। विजयन सरकार ने आंदोलन के दौरान दर्ज केसों को वापस ले लिया है।
शाह बोले- केरल आज राजनीतिक अव्यस्थाओं और राजनीतिक हिंसा के लिए जाना जाने लगा है। हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी जाती है, लेकिन सरकार इसके बारे में कोई जवाब नहीं देती है। उन्होंने कांग्रेस के गठबंधन करने के पैमाने पर भी सवाल उठाया। कहा- कांग्रेस को समझना ही मुश्किल है। ये केरल में LDF के खिलाफ लड़ते हैं, बंगाल में इन्हीं के साथ हो लेते हैं। भाजपा इस मुद्दे को लेकर पूरी विजय यात्रा में दोनों गठबंधनों से सवाल करती रही है।
इन तीन मुद्दों के अलावा शाह ने मेट्रोमैन ई श्रीधरन का जिक्र बड़े अदब के साथ किया। फिर उनके कामों का एक-एक करके का जिक्र किया। आखिर में शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के विकास कार्यों का एक-एक करके जिक्र शुरू किया। हालांकि उनके भाषण दौरान ही बीच पर बिछी कुर्सीयां खाली होने लगीं। इसे देखकर शायद शाह मिजात समझ चुके थे, फिर उन्होंने जल्द ही अपना भाषण खत्म कर दिया। लेकिन तिरुवंतपुरम् के इस बीच पर हुई रैली शुरू में पूरी तरह से हाउसफुल रही। रैली के बाद भी कुछ घंटे तक सड़क के बाहर जाम लगा रहा। रैली में आई बसें कई किमी तक शहर में खड़ी हुई दिखाई दीं।
27 मठ-मंदिरों के साधू-संतों से मिले शाह
इससे पहले अमित शाह केरल के 29 मठ-मंदिरों के साधु-संतों से भी मिले। इस मुलाकात को राज्य के 51% हिंदू वोटर्स को साधने की कोशिश माना जा रहा है। शाह रैली से पहले रविवार को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित राधाकृष्ण आश्रम पहुंचे। वेल्लूर मठ के इस आश्रम में शाह करीब आधे घंटे रहे। इस मुलाकात का मकसद राज्य के 51% हिंदू वोटर्स को साधना है, जो केरल के चुनावी ट्रेंड को पलट सकते हैं।
केरल में भाजपा तिरुअनंतपुरम में ही एक सीट जीती थी
केरल में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इकलौती सीट तिरुवनंतपुरम में ही जीती थी। पहली बार पार्टी ने इस राज्य में अपना खाता खोला था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ. राजगोपाल ने नेमोम सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने 8,671 वोटों से CPI-M के 2 बार के विधायक वी. सिवानकुट्टी को हराया था। राजगोपाल इससे पहले 13 चुनाव हारे थे।
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