पिछले कुछ सालों से ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड बढ़ा है। हमारी जरूरत की लगभग सभी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं, लेकिन किसानों के लिए ऐसे कम ही प्लेटफॉर्म हैं, जहां से वे घर बैठे अपनी खेती के लिए बीज और दवाइयां खरीद सकें। इस गैप को कम करने के लिए जयपुर में रहने वाले मोहन शर्मा ने एक पहल की है। तीन साल पहले उन्होंने किसानों के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जहां से किसान हर तरह के बीज और अपनी जरूरत की दवाइयां अपने घर पर मंगा सकते हैं। मोहन शर्मा के साथ देशभर से 70 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं और सालाना 14 करोड़ रुपए का वे बिजनेस कर रहे हैं।
40 साल के मोहन एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता खेती करते हैं। बचपन से उनकी भी रुचि खेती में ही रही है। इसीलिए उन्होंने एग्रीकल्चर से पहले ग्रेजुएशन और फिर मास्टर्स की पढ़ाई की। इसके बाद उनकी नौकरी लग गई। अलग-अलग कंपनियों में करीब 15 साल तक काम किया। इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर के साथ ही उन्हें एक बैंक में भी 3 साल तक काम करने का मौका मिला।
किसानों को बीज और दवाइयां आसानी से नहीं मिल पाती थीं
मोहन कहते हैं कि बैंक की नौकरी के दौरान मेरा काम किसानों को लोन दिलाना था, उन्हें आर्थिक रूप से मदद पहुंचाना था। कई बार हमें किसानों के पास जाना पड़ता था तो कई बार किसान हमसे मिलने आते थे। तब हम लोग किसानों को सुझाव देते थे कि वे अगर इन बीजों की खेती करें, इन दवाइयां का इस्तेमाल करें, तो उन्हें अधिक मुनाफा होगा, लेकिन दिक्कत ये थी कि ज्यादातर किसानों को प्रोडक्ट आसानी से नहीं मिल पाते थे। कई किसान हम लोगों से यह बताते भी थे कि आपने जिस बीज की खेती करने के लिए कहा था, वह तो मार्केट में उपलब्ध ही नहीं है।
मोहन बताते हैं कि अलग-अलग जगहों पर किसानों से मिलने के बाद हमें रियलाइज हुआ कि यह दिक्कत लगभग हर किसान के साथ है। खास कर के कम पढ़े-लिखे किसानों के साथ। उन्हें कोई बताने वाला भी नहीं है कि किस तरह की जमीन पर कौन से बीज लगाने चाहिए? उसकी क्या वैराइटी होनी चाहिए? तब हमने सोचा कि अगर इस सेक्टर में कुछ काम किया जाए तो बिजनेस के लिहाज से भी सही होगा और किसानों को भी फायदा मिलेगा। इसके बाद हमने तय किया कि एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे जहां से किसान अपनी जरूरत के बीज और दवाइयां खरीद सकें।
1.5 लाख रुपए की लागत से की स्टार्टअप की शुरुआत
साल 2018 के अंत में नौकरी के दौरान ही मोहन ने farmkey.in नाम से एक वेबसाइट तैयार की। इस पर उन्होंने कुछ दवाइयों और बीजों की फोटो अपलोड कर दी। फिर गूगल पर और सोशल मीडिया के जरिए वे अपनी वेबसाइट को प्रमोट करने लगे। इसके अलावा उनका भी थोड़े बहुत किसानों के साथ पहले से नेटवर्क था। लिहाजा कुछ ही दिनों में किसानों की तरफ से उन्हें रिस्पॉन्स मिलने लगा। मोहन बताते हैं- हमारे पास किसानों की तरफ से ऑर्डर आने लगे। इसके बाद हम इंडियन पोस्ट के जरिए किसानों के घर उनकी डिमांड के मुताबिक प्रोडक्ट भेजने लगे।
वे कहते हैं- तब हमारी टीम में दो लोग ही थे। कुछ महीने बाद जब मुझे यकीन हो गया कि मेरा काम चल निकला है और धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, तो मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और फुल टाइम अपने बिजनेस पर फोकस करने लगा। बजट को लेकर मोहन कहते हैं- हमने बहुत ही कम पैसों के साथ शुरुआत की थी। बाद में जब हमने कंपनी रजिस्टर की और ऐप लॉन्च किया तो करीब 1.5 लाख रुपए खर्च हुए। इसके बाद हम जितना अर्न करते गए, उस हिसाब से अपना दायरा बढ़ाते गए।
फिलहाल मोहन का जयपुर में अपना ऑफिस है। वहां करीब 20 लोग उनकी टीम में काम करते हैं। उनके पास हर तरह की फसलों के अलग-अलग वैराइटी के बीज और दवाइयां उपलब्ध हैं। वे बताते हैं कि हमारे पास अभी एक हजार से ज्यादा बीज और दवाइयां हैं। यानी किसान को जिन बीजों की जरूरत होती है, वह सभी बीज हमारे पास हैं।
कैसे करते हैं मार्केटिंग? कहां से लाते हैं बीज?
मोहन ज्यादातर मार्केटिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ही करते हैं। वे कहते हैं- फिलहाल हम सोशल मीडिया और खुद की वेबसाइट से अपनी मार्केटिंग करते हैं। ग्राहकों तक प्रोडक्ट भेजने के लिए शुरुआत में हम इंडियन पोस्ट की मदद लेते थे, लेकिन जब मांग बढ़ गई तो हमने कुछ कूरियर कंपनियों से टाइअप कर लिया। फिलहाल 15 कूरियर कंपनियों से हमारा टाइअप है, जिसके जरिए हम एक हफ्ते के भीतर देशभर में कहीं भी प्रोडक्ट भेज देते हैं।
बीज की सोर्सिंग को लेकर मोहन कहते हैं- इसके लिए भी हमने अलग-अलग कंपनियों से टाइअप किया है, जहां से हम प्रोडक्ट खरीदते हैं और अपने ऑफिस में बने स्टोर रूम में रखते हैं। यहां से लोगों के ऑर्डर के मुताबिक पैकेजिंग के बाद हम प्रोडक्ट उनके घर भेजते हैं। इस दौरान हम हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि किसान को उसकी जेब से कोई अतिरिक्त भुगतान न करना पड़ा। फिलहाल मोहन के पास राजस्थान, मध्य प्रदेश, यूपी सहित देशभर से हर महीने हजारों ऑर्डर आ रहे हैं।
अगर खेती-किसानी में आपकी भी दिलचस्पी है और ऐसा स्टार्टअप आप शुरू करना चाहते हैं तो यह स्टोरी आपके काम की है
ज्यादातर किसानों को खेती के बारे में सही जानकारी नहीं होती है। मसलन खेती की मिट्टी कैसी है, उस हिसाब से किन-किन फसलों की खेती करनी चाहिए? अच्छे प्रोडक्शन के लिए क्या करना चाहिए? फसल में बीमारी लग जाए तो उसका बचाव कैसे करें? खेती के लिए जरूरी चीजें कहां से खरीदें? फसल कटने के बाद अपना प्रोडक्ट कहां बेचें? कृषि को लेकर सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं हैं, उनका लाभ कैसे लिया जा सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो अमूमन हर किसान के मन में होते हैं, पर बहुत कम किसानों को ही इस तरह की जानकारी आसानी से मिल पाती है।
किसानों की इस परेशानी का हल निकाला है यूपी के मेरठ जिले में रहने वाले हर्षित गुप्ता ने। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक ऐसा ऑनलाइन ऐप लॉन्च किया है, जिसके जरिए किसान एक्सपर्ट के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। खेती से जुड़े हर सवाल का जवाब हासिल कर सकते हैं। इतना ही नहीं, किसान इस ऐप की मदद से अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी कर सकते हैं। (पढ़िए पूरी खबर)
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.