दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया लिकर पॉलिसी घोटाले में CBI की गिरफ्त में हैं। सिसोदिया दिल्ली सरकार में तो नंबर दो हैं ही, आम आदमी पार्टी में भी अरविंद केजरीवाल के बाद सबसे बड़े नेता हैं। घोटाले में आरोपी बनाए जाने और अब उनकी गिरफ्तारी से पार्टी, दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल खुद मुश्किल में हैं, क्योंकि सिसोदिया का विकल्प तीनों के पास नहीं है।
मनीष सिसोदिया कितने जरूरी हैं, इसे तीन सवालों से समझते हैं-
पहले सवाल का जवाब: दूसरा ‘मनीष सिसोदिया’ ढूंढना आसान काम नहीं
मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के कुल 33 में से 18 विभाग हैं। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि उनका काम कौन संभालेगा। केजरीवाल के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं। जैन के विभागों का काम भी सिसोदिया ही देख रहे थे। सिसोदिया के पास शिक्षा, लोक निर्माण, वित्त, आबकारी, ऊर्जा, जल, स्वास्थ्य जैसे सबसे अहम विभाग हैं। उनके सहयोगी बताते हैं कि वे एक दिन में 12 से 15 मीटिंग करते हैं।
उनका भी मानना है कि सिसोदिया की जगह लेना किसी भी दूसरे नेता के लिए आसान नहीं होगा। फरवरी 2020 में मुख्यमंत्री केजरीवाल के अपने बाकी विभाग छोड़ दिए थे। इसके बाद सिसोदिया इन विभागों को भी देख रहे थे। आम आदमी पार्टी में सिसोदिया के कद का नेता और अरविंद केजरीवाल का इतना भरोसेमंद व्यक्ति फिलहाल कोई नही है।
दिल्ली सरकार अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए बजट की तैयारी कर रही है। बजट का सारा कामकाज मनीष सिसोदिया ही देख रहे थे। दिल्ली सरकार का बजट आम आदमी पार्टी की सरकार आने के पहले करीब 30 हजार करोड़ रुपए का था, जो अब 75 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। वित्तमंत्री सिसोदिया के जेल जाने से बजट की तैयारियों पर भी असर पड़ेगा। किसी दूसरे मंत्री के लिए इतनी जल्दी बजट पर काम करना मुश्किल होगा।
राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई कहते हैं, ‘मनीष सिसोदिया की आम आदमी पार्टी में पोजिशन काफी अहम है। नगर निगम का मैनेजमेंट हो या दिल्ली सरकार का कामकाज, बड़ी जिम्मेदारियां उन्हीं के पास हैं। सरकार और पार्टी चलाने के लिए किससे क्या बात करनी है, ये सब वही देखते हैं। ऐसे में सरकार और पार्टी के कामकाज पर असर तो पड़ेगा।’
सवाल 2: मनीष सिसोदिया के न रहने से पार्टी के प्लान पर क्या असर पड़ेगा?
आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट के दिनों से ही सबसे ज्यादा समर्थन हिंदी पट्टी से मिला था। पार्टी की कामकाज की शैली भी हिंदी पट्टी के वोटर्स का भरोसा जीतने वाली रही है। यहां आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी लड़ाई BJP से है।
आने वाले महीनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में चुनाव हैं। आम आदमी पार्टी 2019 के चुनाव में इन राज्यों में अपना कैडर बना चुकी है। पंजाब में मिली जीत के बाद पार्टी इन राज्यों में गंभीरता से चुनाव लड़ने का मन बना चुकी थी। इस काम में सिसोदिया का बड़ा जिम्मा था।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद 2 स्थितियां बन सकती हैं- एक तो जनता के बीच सिसोदिया और AAP की भ्रष्टाचार वाली छवि तैयार हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ये बिल्कुल नहीं चाहेगी। दूसरी स्थिति ये बनेगी कि लोगों के बीच ये मैसेज जाए कि केंद्र सरकार ने सिसोदिया की गिरफ्तारी AAP को रोकने के लिए कराई है।
आम आदमी पार्टी इसी दूसरी स्थिति को तैयार कर आने वाले चुनाव में भुनाने पर काम कर रही है। जानकारों का कहना है कि इसके लिए जनता के बीच पहुंचने से लेकर सोशल मीडिया तक सारी रणनीति पर काम चल रहा है।
रशीद किदवई कहते हैं कि ‘राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को 19-20% वोट मिलते हैं, वहीं आम आदमी पार्टी को इसकी तुलना में एक चौथाई वोट भी नहीं मिलते। आम आदमी पार्टी को BJP के मुकाबले राष्ट्रीय विकल्प बनने में काफी वक्त लगेगा। हमने देखा कि पंजाब में बड़ी जीत मिलने के साथ यूपी, हिमाचल में आम आदमी पार्टी कुछ नहीं कर पाई। इसके बाद गुजरात में भी पार्टी अपने दावों से कोसों दूर रही। ऐसे में एक इवेंट बहुत माइलेज देगा, ये कह पाना बहुत मुश्किल है।’
सवाल 3: सिसोदिया के साथ दिखने के लिए पार्टी क्या कर रही है?
हालात संभालने के लिए आम आदमी पार्टी के साथ ही खुद मनीष सिसोदिया ने इमोशनल कार्ड खेला है। पूछताछ के लिए CBI दफ्तर जाने से पहले सिसोदिया का बयान इसकी बानगी है। कार पर खड़े होकर उन्होंने कहा- ‘मैंने जीवन में ईमानदारी और मेहनत से काम किया और इसी की बदौलत आप सबने प्यार-सम्मान देकर मुझे यहां तक पहुंचाया है। जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव आए। मैं टीवी चैनल में नौकरी करता था, अच्छी सैलरी और प्रमोशन मिलता था।’
‘जिंदगी अच्छी चल रही थी, लेकिन मैं सब कुछ छोड़कर अरविंद केजरीवाल के साथ झुग्गियों में काम करने लगा, उस वक्त मेरी पत्नी ने सबसे ज्यादा मेरा साथ दिया। आज ये जब मुझे जेल भेज रहे हैं तो मेरी पत्नी बीमार हैं और वो घर में अकेले रहेगी। आपको उनका ध्यान रखना है। बच्चों से कहना चाहता हूं कि आपके मनीष चाचा जा रहे हैं, लेकिन छुट्टी नहीं हुई। खूब मन लगाकर पढ़ना’
आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता अरविंद केजरीवाल से लेकर भगवंत मान तक ने जो बातें कहीं है, उन सारे बयानों का इशारा एक ही तरफ है- BJP आम आदमी पार्टी से डरी हुई है, इसी वजह से मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन आप डरेगी नहीं, और ताकत से लड़ेगी।
CBI ने जांच में जो पाया...
केजरीवाल के सामने 10 साल में सबसे बड़ी चुनौती
पहले सत्येंद्र जैन और अब मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी के 10 साल के इतिहास में अरविंद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सिसोदिया दिल्ली में एजुकेशन सेक्टर में आए बदलाव के पोस्टर बॉय हैं। पार्टी के कई नेता बताते हैं कि एक तरह से दिल्ली की सरकार वही चलाते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार में भी सिसोदिया की भूमिका अहम रही है।
AAP की दोतरफा तैयारी- कोर्ट और जनता के सामने पक्ष रखेगी
आम आदमी पार्टी दोतरफा लड़ाई लड़ने की बात कर रही है। आज मनीष सिसोदिया की कोर्ट में पेशी भी हुई, जिसमें CBI को उनकी 4 मार्च तक रिमांड मिल गई। पार्टी की कोशिश है कि कोर्ट में वह अपना पक्ष मजबूती से रखे।
आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस लड़ाई को राजनीतिक नजरिए से लड़ने के लिए प्लानिंग कर रही है। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को कैसे इमोशनली भुनाया जाए, इस पर मंथन चल रहा है।
राजनीति में आम आदमी पार्टी की USP (यूनीक सेलिंग पॉइंट) उसकी करप्शन फ्री इमेज रही है। हवाला केस में सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी और दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से इस छवि पर दाग लगा है। इसलिए पार्टी की कोशिश है कि दोनों की गिरफ्तारी को जनता के बीच BJP की राजनीतिक साजिश साबित किया जाए और इस लड़ाई को मोदी बनाम केजरीवाल में बदला जाए। इससे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार की कोशिश को ताकत मिलेगी।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में AAP कार्यकर्ता देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। लेटेस्ट अपडेट और क्या है लिकर पॉलिसी स्कैम, जानने के लिए ये दो खबरें पढ़िए...
1. BJP दफ्तर घेरेगी AAP; पंजाब, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और यूपी में प्रदर्शन
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है। पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कई जगहों पर कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए हैं। दिल्ली में पार्टी BJP दफ्तर का घेराव करेगी। उधर, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सिसोदिया के खिलाफ CBI के पास सबूत नहीं थे। उन्हें राजनीतिक दबाव में गिरफ्तार किया गया है।
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2. सिसोदिया पर शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप, इसलिए गिरफ्तारी
केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। उपराज्यपाल और दिल्ली के CM को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना शराब नीति में बदलाव किया। आरोप है कि इससे शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचा। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इससे मिले कमीशन का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में किया।
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