मैथ्स बड़ा खतरनाक सब्जेक्ट है, मैथ्स के टीचर्स उससे भी खतरनाक।
एक बार की बात है एक हिस्ट्री और मैथ्स टीचर का झगड़ा हो गया। हिस्ट्री टीचर ने मैथ्स के टीचर को धमकी दी कि यदि तुमने मेरी बात नहीं मानी मैं तुम पर अकबर की पूरी सेना लेकर हमला कर दूंगा। मैथ्स के टीचर ने कहा कोई बात नहीं मैं उस सेना को ब्रैकेट में बंद कर जीरो से गुणा कर दूंगा।
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कॉम्पिटिटिव एग्जाम में मैथ्स को लेकर तमाम तरह की शंकाएं स्टूडेंट्स के मन में रहती हैं। आज हम एप्टीट्यूड मैथ्स (आई.आई.टी. वाला नहीं) पर बात करेंगे।
मैथ्स के सवाल स्पीड में सॉल्व करने के 6 स्ट्रॉन्ग टिप्स
1) पावर ऑफ वन: किसी एक प्रश्न-टाइप को सॉल्व करने के बहुत सारे तरीके ना सीखें बल्कि एक विधि सीख कर उस पर मास्टरी हासिल करें। मैथ्स के शार्टकट्स सीखते वक्त कई स्टूडेंट्स सोचते हैं कि यदि एक से ज्यादा विधियां सीखेंगे तो उन्हें फायदा होगा। लेकिन यह एक भ्रम है। एक ही प्रश्न-टाइप के लिए एक से ज्यादा विधियां सीखना कन्फ्यूजन बढ़ाता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप नम्बर्स को मल्टिप्लाई करने के लिए तीन अलग-अलग विधियां जानते है, उनमें से किसी की भी बहुत ज्यादा प्रैक्टिस नहीं है तो एग्जाम के प्रेशर वाले माहौल मे आपका टाइम ये सोचने में ही चला जाएगा कि कौन-सा मेथड यूज करना है। इसके बजाय एक मेथड सीख कर उसमें मास्टरी हासिल करें ताकि वो आपके 'सब-कॉन्शियस' का हिस्सा बन जाए। लेसन - ज्यादा टेक्नीक्स हमेशा अच्छी टेक्नीक नहीं होती
2) टेबल्स, स्क्वेयर्स, क्यूब्स और परसेंटेज, फ्रैक्शंस की टेबल्स याद रखें: कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के मैथ्स सेक्शन में टेबल्स (पहाड़े), स्केवयर्स (वर्ग), क्यूब्स (घन) को याद न रखना, आपको गंभीर हानि पंहुचा सकता है। इनको याद रखे बिना मैथ्स करना वैसा ही जैसे कोई आपके हाथ-पैर बांध दे और चलने को बोले। कुछ एग्जाम्स में आजकल कैलकुलेटर ले जाने की अनुमति है, लेकिन प्रैक्टिकल रूप से, टाइम बचाने में वे उपयोगी साबित नहीं होते हैं। मान लीजिए आपको चार अंकों की एक संख्या को दूसरी चार अंकों की संख्या में जोड़ना है तो आप को कैलकुलेटर पर लगभग 10 बटन दबाने होंगे (या क्लिक करना होगा), लेकिन मेन्टल कैलकुलेशन उससे तेज हो सकता है (गलती होने का चांस तो बटन दबाने में भी होता है)। इस फ्री साइट पर आपको मैथ्स के हजारों सॉल्व्ड क्वेश्चन्स मिलेंगे - https://bit.ly/aptitudefree
3) कॉन्सेप्ट्स को पकड़ें, फॉर्मूले न रटें: एक बड़ी गलती जो स्टूडेंट्स करते है, वो हर स्थिति के लिए एक फार्मूला रट लेते हैं। फॉर्मूलों के साथ समस्या है कि उनका दायरा काफी छोटा होता है। मतलब यदि प्रश्न को जरा-सा भी बदल दिया जाए तो फिर वह फार्मूला उपयोगी नहीं रह जाता। इसके बजाय पहले पूरे टॉपिक के कॉन्सेप्ट को समझें और किसी टॉपिक के एक या दो थम्ब रूल याद रखें। इसमें पहली बार समय जरूर ज्यादा लगेगा लेकिन कॉन्फिडेंस जबरदस्त बनेगा। लेसन - गहराई से चीजों को समझें
4) वर्किंग बैकवर्डस फ्रॉम ऑप्शंस: प्रश्न को सीधे (फॉरवर्ड) हल करने के बजाय, ऑप्शंस का उपयोग कर उल्टा हल करना कुछ सवालों में बढ़िया रहता है। इस प्रश्न पर गौर करें- दो बॉक्स हैं, इनमें कुछ पैकेट रखे हैं। यदि 10 पैकेट को पहले से दूसरे बॉक्स में ले जाया जाता है तो दोनों बॉक्स में समान संख्या में पैकेट होंगे। यदि 20 पैकेटों को दूसरे डिब्बे से पहले डिब्बे में ले जाया जाता है तो पहले डिब्बे में दूसरे डिब्बे की तुलना में पैकेटों की संख्या दोगुनी होगी। पहले बॉक्स में कितने पैकेट हैं? (ए) 40 (बी) 60 (सी) 80 (डी) 100 (ई) 120. अब इस प्रश्न को सीधा हल करने के बजाय ऑप्शंस से हल किया जा सकता है। उत्तर होगा (डी) 100. लेसन - उल्टा चलना कुछ सवालों में बढ़िया रहता है
5) इक्वेशन सेटिस्फाई करवाना: इक्वेशन सॉल्व करने के बजाय दिए गए ऑप्शंस से वैल्यूज इक्वेशन में रख कर सेटिस्फाई करवाना, एक उपयोगी विधि है। उदाहरण – X पक्षी एक पेड़ की एक निश्चित संख्या में शाखाओं पर बैठे हैं। यदि प्रत्येक शाखा पर 16 पक्षियों को बैठाना हो तो 8 बैठने से रह जाते हैं, लेकिन यदि प्रत्येक शाखा पर 20 पक्षियों को बैठाना हो तो 2 शाखाएं खाली रह जाती हैं। X खोजें? (ए) 200 (बी) 260 (सी) 100 (डी) 50 (ई) 20. तो 16 B + 8 = X और 20 (B - 2) = X उपरोक्त में वेल्यूज को रखकर उत्तर प्राप्त करना आसान होगा। खास तौर पर यदि द्विघात समीकरण (क्वाड्रटिक ईक्वेशन) हों तो और बेहतर। लेसन - ईक्वेशन को हर बार पूरा सॉल्व करना जरूरी नहीं
6) रूलिंग आउट द ऑप्शंस: सही उत्तर को ढूंढने के बजाय, गलत उत्तरों को हटाते जाना भी एक कारगर विधि है। कई बार, प्रश्न पढ़ते हुए ये समझ में आने लगता है कि क्या उत्तर कभी हो ही नहीं सकता। किसी चार ऑप्शन के पेपर में, यदि आप तीन ऑप्शंस को हटाने में कामयाब होते हैं, तो आप निश्चित उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। लेसन – प्रश्न पढ़ते-पढ़ते सोचें कौन सा ऑप्शन हट सकता है
तो आज का करिअर फंडा यह है कि मैथ्स समझना और एप्टीट्यूड टेस्ट में मैथ्स फटाफट सॉल्व करना, ये दो अलग-अलग बातें होती हैं।
कर के दिखाएंगे!
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