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भास्कर इंटरव्यूरविंद्र जडेजा की बहन कांग्रेस में, पत्नी BJP कैंडिडेट:मोदी से मुलाकात ने रिवाबा की लाइफ बदली, एक फोन से मिला टिकट

4 महीने पहलेलेखक: अक्षय बाजपेयी/हीरेन हीरपरा

गुजरात के सौराष्ट्र में आने वाले जामनगर को छोटी काशी और सौभाग्य नगर भी कहा जाता है। यहां के बाल हनुमान मंदिर में 1964 से 24 घंटे रामधुन चल रही है। मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इन दिनों जामनगर इलेक्शन की वजह से चर्चा में है। BJP ने यहां से टीम इंडिया के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को उम्मीदवार बनाया है।

कभी सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी के लिए दिल्ली गईं रिवाबा 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली थीं। उसके बाद ही उन्होंने BJP जॉइन करने का मन बना लिया था। हालांकि, वे पहले पसोपेश में थीं कि सांसद का चुनाव लड़ें या विधायक का।

फोन आया, मोदी-शाह आपको कैंडिडेट बनाना चाहते हैं
एक दिन रिवाबा के पास गुजरात BJP के चीफ सीआर पाटिल का फोन आया। वे बोले- मोदी जी और अमित शाह जी आपको कैंडिडेट के तौर पर देखना चाहते हैं। आप तैयारी में लग जाइए।

नवंबर 2018 में रविंद्र जडेजा और रिवाबा PM मोदी से मिले थे। प्रधानमंत्री ने दोनों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
नवंबर 2018 में रविंद्र जडेजा और रिवाबा PM मोदी से मिले थे। प्रधानमंत्री ने दोनों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी।

रिवाबा ने सबसे पहले यह बात अपने पति रविंद्र जडेजा को बताई और चुनाव लड़ने का मन बना लिया। अब वे प्रचार के लिए मैदान में हैं। सुबह 8 बजे निकल जाती हैं, लेकिन घर लौटने का कोई ठिकाना नहीं होता।

रविंद्र जडेजा की बहन कांग्रेस में
रविंद्र जडेजा की बड़ी बहन नैना जडेजा कांग्रेस में हैं। वे भी जामनगर नॉर्थ से टिकट की दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने बिपेंद्र सिंह जडेजा को टिकट दिया है। अब नैना बिपेंद्र सिंह के लिए प्रचार कर रही हैं। हमने रिवाबा और नैना से बातचीत की। साथ ही जामनगर सीट का गणित भी समझा। पढ़िए और देखिए ये रिपोर्ट…

पहले रिवाबा जडेजा की बात...

सवाल: आपने चुनाव लड़ने का डिसीजन कब लिया? क्या 2018 में PM मोदी से आपकी मुलाकात हुई थी, तभी चुनाव लड़ना तय हो गया था?
जवाब: मैं शुरू से ब्यूरोक्रेसी में जाना चाहती थी। दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी भी की। इंडियन एयरफोर्स के लिए भी प्रिपरेशन की। इसी बीच सगाई और फिर 2016 में शादी हो गई। दिमाग में कहीं न कहीं ये तो था ही कि देश सेवा करनी है।

2018 में PM मोदी से मुलाकात हुई। उनसे इतना इंस्पायर हुई कि राजनीति में आने का मन बना लिया और 2019 में BJP जॉइन की। तब चुनाव लड़ने जैसी कोई बात नहीं हुई थी। मोदी जी ने मुझे राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।

जामनगर नॉर्थ सीट से BJP के ही धर्मेंद्र सिंह जडेजा विधायक थे। पार्टी ने इस बार रिवाबा जडेजा को इस सीट से उतारने के लिए उनका टिकट काट दिया।
जामनगर नॉर्थ सीट से BJP के ही धर्मेंद्र सिंह जडेजा विधायक थे। पार्टी ने इस बार रिवाबा जडेजा को इस सीट से उतारने के लिए उनका टिकट काट दिया।

सवाल: टिकट की डिमांड आपने BJP से की थी या BJP ने आपको टिकट दिया?
जवाब: यह दोनों तरफ से ही चल रहा था। मुझे एक रात BJP प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का फोन आया और उन्होंने कहा कि PM मोदी और अमित शाह जी आपको जामनगर नॉर्थ से कैंडिडेट बनते देखना चाहते हैं। आप तैयारी में लग जाइए। मैंने सबसे पहले यह बात रविंद्र को ही बताई। उस वक्त वे बेंगलुरु में थे। वे काफी खुश हो गए और फिर हमने आगे की प्लानिंग पर बात शुरू की। घर में भी सभी को बताया।

सवाल: चुनाव की तैयारी कैसी चल रही है, क्या रविंद्र से बात हो पाती है?
जवाब: सुबह 8 बजे निकल जाती हूं। लौटने का कोई ठिकाना नहीं होता। रविंद्र से लंच के टाइम ही रोज बात हो पाती है।

सवाल: लोग कह रहे हैं आप सेलिब्रिटी कैंडिडेट हैं। आप जीत गईं तो काम के सिलसिले में आपसे मिलना मुश्किल होगा?
जवाब: जिन लोगों ने मेरी प्रोफाइल देखी है कि वो जानते हैं कि मैं कितने गांवों में घूमी हूं। पिछले ढाई साल में हर रोज साढ़े तीन सौ से चार सौ किमी ट्रैवलिंग की है। मेरे पास फेम है। मेरे हसबैंड इतने पॉपुलर हैं। मेरी भी अलग पहचान है। फिर आप सोचिए मुझे यहां आने की क्या जरूरत थी।

मैं यहां सिर्फ लोगों की सेवा के लिए आई हूं। एक बार जब वो मुझे जिताकर गांधीनगर भेज देंगे, इसके बाद वो खुद ही मेरी प्रेजेंस को फील करेंगे। मैं हमेशा लोगों के बीच रहूंगी।

सवाल: क्या रविंद्र के साथ भी राजनीति रिलेटेड डिस्कशन होता है या सिर्फ क्रिकेट पर ही बातें होती हैं?
जवाब: अभी तो मेरे करियर के बारे में ही हम दोनों के बीच डिस्कशन हो रहा है। अब राजनीति तो हर फील्ड में ही है। बातचीत सभी टॉपिक पर होती रहती है।

सवाल: रविंद्र आपके साथ प्रचार में नजर क्यों नहीं आ रहे?
जवाब: वे जल्द ही प्रचार करते दिखेंगे। यह सब चीजें पार्टी तय करती है। जब पार्टी तय करेगी तब वो कैंपेन जॉइन कर लेंगे।

सवाल: क्या इंडियन क्रिकेट टीम के दूसरे क्रिकेटर्स भी आपके कैंपेन में आने वाले हैं?
जवाब: मैं दूसरे क्रिकेटर्स के बारे में कुछ नहीं बोल सकती। मेरी सभी से फॉर्मल बातचीत होती है। उनकी वाइफ से भी बात होती है। मेरे हसबैंड का मेरे कैंपेन में आना, मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।

अब पढ़िए रविंद्र जडेजा की बड़ी बहन और कांग्रेस नेता नैना जडेजा का इंटरव्यू...

सवाल: रिवाबा BJP से कैंडिडेट हैं। उनकी उम्मीदवारी को आप कैसे देख रही हैं?
जवाब: मैं रिवाबा को BJP कैंडिडेट के तौर पर ही देख रही हूं। मैं कांग्रेस की विचारधारा की हूं और हमेशा इसी विचारधारा पर चलूंगी। रिवाबा का BJP जॉइन करने का डिसीजन खुद का है। हमारे घर में सभी को अपने निर्णय लेने की स्वतंत्रता है।

सवाल: लोग रिवाबा को सेलिब्रिटी कैंडिडेट कह रहे हैं?
जवाब: हां, तो इसमें गलत क्या कह रहे हैं। आप महीने में ज्यादातर दिन फॉरेन टूर में रहते हैं। पति के साथ घूमते हैं, तो लोगों के लिए वक्त कब निकालेंगे। यहां लोग ऐसा लीडर चाहते हैं जो हमेशा अवलेबल रहे और उनके बीच रहे।

सवाल: उनका दावा है जीतने के बाद लोग उनकी प्रेजेंस फील करेंगे?
जवाब: ये करके दिखाने के लिए उनके पास काफी समय था। कुछ दिनों पहले तक तो उनका स्टैंड ही क्लियर नहीं था कि सांसद का चुनाव लड़ना है या विधायक का। अब BJP विधायक का चुनाव लड़वा रही है। जिसका स्टैंड ही क्लियर नहीं होगा, वो लोगों के लिए क्या काम करेगा।

सवाल: रविंद्र जडेजा क्या आपकी पार्टी के लिए भी प्रचार करेंगे?
जवाब: मैं नहीं चाहती कि रविंद्र चुनाव प्रचार करें। मेरे लिए वो सबसे पहले इंडियन प्लेयर हैं और मैं उन्हें बतौर इंडियन प्लेयर ही देखना चाहती हूं। मैं कभी भी नहीं चाहूंगी कि वो राजनेता बनें। वो इनडायरेक्टली अपना स्टेटमेंट भी दे ही चुके हैं कि वो उनके साथ जुड़ गए हैं। मैं उन्हें कभी फोर्स नहीं करूंगी।

वैसे भी जब कोई आपके साथ न खड़ा हो, तब हसबैंड का साथ खड़े होना बहुत जरूरी है। हमारे कैंडिडेट तो खुद ही इतने मजबूत हैं कि उन्हें किसी के प्रचार की जरूरत नहीं।

एक बार BJP, एक बार कांग्रेस के खाते में गई सीट
जामनगर सीट 1985 से 2007 तक BJP का गढ़ रही है। 2008 में हुए परिसीमन के बाद जामनगर नॉर्थ नई विधानसभा बनी। इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के धर्मेंद्र सिंह जडेजा जीते थे। उन्होंने BJP कैंडिडेट मुलुभाई को 9 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

2017 में वो BJP के टिकट पर चुनाव लड़े और कांग्रेस कैंडिडेट जीवनभाई कुम्भारवाड़िया को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। जामनगर में घूमने पर पता चलता है कि धर्मेंद्र सिंह जडेजा लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। इसके बावजूद इस बार उनका टिकट काट दिया गया।

रिवाबा के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं
लोकल लोगों से बात करने पर पता चलता है कि इस सीट पर रिवाबा के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं है। जामनगर में लोगों को यह लग रहा है कि वे एक सेलिब्रिटी हैं इसलिए वो हमेशा उनके बीच नहीं रहेंगी और उनसे हर वक्त कॉन्टैक्ट नहीं किया जा सकेगा।

वहीं, धर्मेंद्र सिंह जडेजा का टिकट कटने से भी उनके समर्थकों में नाराजगी है। हालांकि, BJP आलाकमान के आदेश के बाद कोई भी खुलकर कुछ बोल नहीं रहा है। इस सीट पर अल्पसंख्यक वोटर सबसे ज्यादा हैं, जो कांग्रेस को वोट करते रहे हैं।

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1. 11 महीने से बिना विधायक PM मोदी का गांव, पिछली बार हार गई थी BJP

अहमदाबाद से 90 किलोमीटर दूर उंझा विधानसभा का वडनगर गांव। PM मोदी यहीं पले-बढ़े हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस की आशा पटेल यहां से जीती थीं। 2019 में वे BJP में शामिल हो गईं। दिसंबर 2021 में डेंगू से उनकी मौत हो गई। उनके निधन के बाद से ही विधायक की सीट खाली है।
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2. अमित शाह का गांव बना कांग्रेस का गढ़, पाटीदार बंटे इसलिए BJP फेल

गृह मंत्री अमित शाह के गांव वाली सीट मानसा में BJP दो बार से हार रही है। पिछली बार पाटीदार आंदोलन इसकी बड़ी वजह रहा। ठाकोर वोटर्स कांग्रेस के पक्ष में हैं, लेकिन BJP के कोर वोटर पाटीदार बंट जाते हैं। PM मोदी के गांव वडनगर से मानसा की दूरी करीब 50 किमी है। यहां वडनगर की तरह सिस्टमेटिक डेवलपमेंट शुरू ही नहीं हो पाया है।
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3. AAP के CM फेस इसुदान गढ़वी के गांव में जाति की बातें ज्यादा

आम आदमी पार्टी ने इसुदान गढ़वी को CM फेस बनाया तो देश भर में चर्चा हुई कि आखिर ये शख्स है कौन। AAP ने उन्हें द्वारका जिले में आने वाली जाम खंभालिया सीट से उम्मीदवार बनाया है। वे यहीं के पिपलिया गांव में रहते हैं। इसुदान ने 2015 में डांग और कापरड़ा में पेड़ों की कटाई में हुए 150 करोड़ रुपए के करप्शन का पर्दाफाश किया था। हालांकि, उनके गांव में विकास और करप्शन से ज्यादा बातें जाति की हो रही हैं।
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