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भास्कर स्पॉटलाइट:भारत अब नहीं रहा सबसे सस्ते इंटरनेट वाला देश; टेलीकॉम कंपनियों का मुनाफे पर फोकस, 7.5 गुना बढ़ा 1 GB डेटा का दाम

2 वर्ष पहलेलेखक: आदित्य द्विवेदी
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तारीख थी 5 सितंबर 2016। मुकेश अंबानी ने 4G डेटा और वॉयस कॉलिंग के साथ रिलायंस जियो लॉन्च कर दिया। इसके साथ ही टेलीकॉम मार्केट में प्राइस वॉर छिड़ गई। जियो से पहले भारतीय बाजार में 1 GB 3G डेटा के लिए औसतन 250 रुपये महीना देने होते थे। 1 GB 2G डेटा के लिए उस समय करीब 100 रुपए लिए जाते थे। जियो के आने के बाद अन्य कंपनियों को भी डाटा के रेट कम करने पड़े। एक वक्त ऐसा आया जब भारत दुनिया में सबसे सस्ते इंटरनेट डेटा वाला देश बन गया।

2021 में सबसे सस्ते डेटा के मामले में भारत की बादशाहत छिन गई है। रिसर्च फर्म Cable.co.uk की रिपोर्ट के मुताबिक अब दुनिया में सबसे सस्ते डेटा वाला देश भारत नहीं रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में डेटा की औसत कीमत में 7.5 गुना बढ़ोतरी हुई है, जिससे ये 28वीं रैंक पर पहुंच गया है। अब यहां 1 GB डेटा की औसत कीमत 51 रुपए पहुंच गई है। हालांकि ये दुनिया के 315 रुपए प्रति GB से काफी कम है।

इजरायल में 1 GB डेटा की कीमत 4 रुपए से भी कम
वर्ल्ड मोबाइल डेटा प्राइसिंग 2021 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में इजरायल सबसे सस्ता इंटरनेट प्लान दे रहा है। वहां एक GB डेटा की कीमत 3.75 रुपए है। इसके बाद सस्ते डेटा के मामले में किर्गिस्तान, फिजी, इटली, सूडान और रूस का नंबर आता है।

टेलीकॉम रिसर्च की संस्था Budde.com के अनुसार इजरायल में LTE सेवाओं का कवरेज अच्छा है। वहां के रेगुलेटर ने मल्टी स्पेक्ट्रम नीलामी की जिससे 5 जी का रास्ता साफ हो गया है। वहां टेलीकॉम कंपनियां मुनाफे में हैं इसलिए लगातार वहां इंटरनेट डेटा की कीमतें कम बनी हुई हैं।

इक्वेटोरियल गिनी में 1 GB के लिए चुकाने पड़ते हैं 3,724 रुपए
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे महंगा इंटरनेट डेटा इक्वेटोरियल गिनी में है। यहां 1 GB इंटरनेट के लिए 3,724 रुपए चुकाने पड़ते हैं। इसके बाद फॉकलैंड आइसलैंड, सेंट हेलेना, साओ टोमे प्रिंसिपे और मलावी का नंबर आता है।

इन पांच देशों में चार देश सब-सहारा अफ्रीका में स्थिति हैं और पांच में से चार आइलैंड हैं। आमतौर पर इन इलाकों में मोबाइल डेटा की कीमतें सबसे महंगी होती हैं।

भारत रैंकिंग में पड़ोसी देशों से भी नीचे पहुंचा
इस स्टडी में 230 देशों के 6 हजार से ज्यादा मोबाइल डेटा प्लान का आंकलन किया गया है। भारत का पड़ोसी देश चीन इस साल पांच रैंक नीचे गिरकर 18 नंबर पर आ गया है। यहां मार्च 2021 में एक जीबी डेटा की कीमत 43 रुपए थी। इसके अलावा पाकिस्तान 19वें, नेपाल 24वें स्थान पर आ गया है। बांग्लादेश और श्रीलंका भी भारत से ऊपर हैं।

भारत में इंटरनेट डेटा के महंगे होने की वजह

  • भारत में टेलीकॉम कंपनियों के डेटा प्लान की कीमतें बढ़ाने की बड़ी वजह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू यानी AGR है। टेलीकॉम कंपनियों को अपनी कुल कमाई का एक हिस्सा सरकार के साथ शेयर करना होता है। मार्च 2020 में एयरटेल पर करीब 26 हजार करोड़ रुपए बकाया था। वोडाफोन-आइडिया पर 55 हजार करोड़ और टाटा टेलीसर्विसेस पर करीब 13 हजार करोड़ रुपए बकाया था। जियो पर 195 करोड़ रुपए वसूली निकली थी, अब कुछ बकाया नहीं है। AGR की वजह से कंपनियां घाटे में दिख रही हैं। ऐसे में वे दाम बढ़ा रही हैं।
  • फरवरी 2021 में टेलीकॉम मार्केट पर रिलायंस जियो की पकड़ कुछ ढीली पड़ी है। एयरटेल ने लगातार दूसरी तिमाही में जियो से कहीं ज्यादा सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं। रेवेन्यू के मामले में भी एयरटेल ने अच्छी ग्रोथ दिखाई है। पिछली तिमाही में एयरटेल का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर 166 रुपए था, जबकि जियो का 151 रुपए।
  • TRAI के मुताबिक मार्च 2021 में रिलायंस जियो 35.30% यूजर्स के साथ सबसे आगे है। इसके बाद एयरटेल के 29.62% यूजर्स हैं। वोडाफोन-आइडिया के 24.58% यूजर्स हैं।
  • टेकआर्क के फाउंडर एंड चीफ एनालिस्ट फैसल कोसा कहते हैं कि कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो एग्रेसिव प्राइसिंग करती हैं, जिससे उनके प्रतिद्वंदी या तो खत्म हो जाएं या हार मान लें। जियो ने ऐसा ही किया है। प्रतिद्वंदियों के हार मानने के बाद उसने प्राइस बढ़ाने शुरू किए हैं। एक साल में 25% तक की बढ़ोतरी कॉम्बो पैक में हो सकती है।
  • TRAI के चेयरमैन आरएस शर्मा का कहना है कि सर्विस चार्ज बढ़ाने के पीछे टेलीकॉम सर्विस प्रदाता कंपनियों के अपने निजी कारण हैं। COAI के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने बताया कि टेलीकॉम उद्योग इस समय भारत में खराब दौर से गुजर रहा है। इससे उभरने के लिए वो अपने प्लान्स की कीमतें बढ़ा रहा है।