मेगा एम्पायरसबसे बड़ी सैंडविच चेन सबवे:कभी 17 साल के लड़के ने लोन लेकर की थी शुरुआत, आज हर मिनट 5 हजार सैंडविच का प्रोडक्शन

2 महीने पहलेलेखक: आतिश कुमार
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सबवे…दुनिया के सबसे बड़े रेस्तरां ब्रांड्स में से एक। सबवे एक फ्रेंचाइजी नेटवर्क पर चलने वाला रेस्तरां हैं। जिसके सौ से ज्यादा देशों में 36 हजार से अधिक रेस्तरां हैं। सबवे फेमस है अपने ख़ास सैंडविच की वजह से। हर मिनट सबवे पांच हजार से ज्यादा सैंडविच बेच देता है। सबवे के फाउंडर फ्रेड डीलूका ने साल 1993 में एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें सैंडविच बनाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी मगर जल्द ही वह फ्रेंचाइजी देने के मास्टरमाइंड बन गए। जिसके चलते सबवे चेन दुनियाभर में फैल गया। मौजूदा समय में सबवे अपने को-फाउंडर डॉ. पीटर बक की वजह से चर्चा में है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार उनकी मौत के दो साल बाद ये पता चला कि उन्होंने सबवे का 50% हिस्सा एक चैरिटेबल फाउंडेशन को डोनेट कर दिया था।

आज मेगा एम्पायर में जानिए सैंडविच एम्पायर सबवे की कहानी…

लोन लेकर अमेरिका में खोला था पहला रेस्तरां

सबवे का पहला स्टोर
सबवे का पहला स्टोर

सबवे की कहानी शुरू होती है साल 1965 से…जब 17 साल के फ्रेड डीलूका अपने कॉलेज की ट्यूशन फीस नहीं भर पा रहे थे। एक दिन इस परेशानी को लेकर फ्रेड अपने फैमिली फ्रेंड डॉ. पीटर बक के पास पहुंचे। पेशे से न्यूक्लियर फिजिक्स साइंटिस्ट पीटर से जब फ्रेड ने सलाह मांगी तो उन्होंने फ्रेड को ट्यूशन फीस भरने के लिए एक सबमरीन सैंडविच शॉप खोलने को कहा। फ्रेड ने सलाह मानी तो डॉ. पीटर ने उसी वक्त फ्रेड को लोन के रुप में हजार डॉलर दे दिए। इसके बाद फ्रेड ने उनको अपनी कंपनी का को-फाउंडर बना दिया। फिर दोनों ने साथ मिलकर अगस्त 1965 में अमेरिका के कनेक्टिकट शहर में अपना पहला रेस्तरां खोला।

दो बार बदला कंपनी का नाम

सबवे नाम मिलने से पहले वाला सबवे
सबवे नाम मिलने से पहले वाला सबवे

सबवे के फाउंडर्स ने पहले इसका नाम ‘Pete’s Super Submarines’ रखा था। कुछ सालों में जब कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी रेस्टोरेंट चेन में बदल गई। तब फ्रेड ने रेडियो विज्ञापन में पाया कि ‘Pete’s Submarines’ ऐसे सुनाई देता है जैसे ‘Pizza Marines’ कहा जा रहा हो। इसलिए उन्होंने चेन का नाम बदलकर ‘Pete’s Subway’ कर दिया। फिर पीटर ने फ्रेड को नाम छोटा करने की सलाह दी। आखिरकार, 1968 में कंपनी को मौजूदा नाम ‘सबवे’ मिला।

फ्रेंचाइजी मॉडल के जरिए सबवे बना ग्लोबल सैंडविच चेन
1974 में सबवे ने कंपनी को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए फ्रेंचाइजी बिजनेस मॉडल को चुना। ऐसा करने के ठीक आठ सालों बाद ही सबवे के 16 से 200 स्टोर्स हो गए। इसके बाद सबवे इतनी तेजी से बढ़ा कि 1990 तक उसके 5 हजार से ज्यादा जगहों पर स्टोर्स मौजूद थे। इस फ्रेंचाइजी मॉडल और विस्तार करते रहने की पॉलिसी से 2002 में सबवे ने मैकडॉनल्ड्स को स्टोर्स के मामले में पछाड़ दिया। साथ ही बन गया दुनिया में सबसे ज्यादा स्टोर्स वाला रेस्तरां। हालांकि मौजूदा समय में मैक्डी स्टोर्स के मामले में एक बार फिर सबवे से आगे निकल गया है।

भारत में सबवे की फ्रेंचाइजी लेने का तरीका
साल 2001 में भारत के मार्केट में सबवे ने एंट्री ली। 2013 तक भारत में इसके 500 स्टोर थे। सबवे की फ्रेंचाइजी लेने का एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया काफी सरल है। इसके तहत मालिक का कोई राजनीतिक संबंध या आपराधिक बैकग्राउंड नहीं होना चाहिए। कोई भी इच्छुक व्यक्ति वेबसाइट पर फ्रेंचाइजी लेने का फॉर्म भर सकता है। इसके अलावा एलिजिबिलिटी में सबवे स्टोर बनाने के लिए आवश्यक जमीन (कम से कम) 650 वर्ग फीट होनी चाहिए। अगर स्टोर फूड कोर्ट या मॉल में है तो एरिया 350 से 400 वर्ग फीट भी हो सकता है। बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार एक सबवे स्टोर खोलकर आप सालाना 1.5 से 2 करोड़ रुपए कमा सकते हैं।

सबवे के इतने सफल हो जाने के पीछे की वजह
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, सबवे उन फास्ट फूड चेन में से एक है जिसकी फ्रेंचाइजी शुरू करने की लागत सबसे कम है। इसके इतने सफल हो जाने के कई कारणों में से एक कारण यही है। इसके अलावा सबवे के मेन्यू में सैंडविच कस्टमाइज करवाने के 3.8 करोड़ ऑप्शन्स इसे बाकी कंपनियों से अलग और ज्यादा सफल बनाते हैं।

रोचक: सबवे हर मिनट पांच हजार सैंडविच बनाता है

सबवे सैंडविच
सबवे सैंडविच

दुनियाभर में मौजूद सबवे हर मिनट करीब 5 हजार सैंडविच बनाता है। घंटे के हिसाब से देखा जाए तो यह एक घंटे में 3 लाख के करीब होगा। इसके साथ ही सबवे खुद को एक हेल्थ और एनवायरमेंट फ्रेंडली ब्रांड कहता है। सबवे की वेबसाइट के अनुसार इसके सारे फूड ग्लूटेन फ्री है, जो अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देते है। वहीं, रेस्तरां में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को रिसाइकल किया जाता है। सबवे रेस्तरां में आपको जिस नैपकिन में सैंडविच रैप कर के दिया जाता है, वो 100% रिसाइकल किए हुए मैटेरियल से बना होता है। फिलहाल सबवे ‘ईट फ्रेश रिफ्रेश’ मोटो पर काम कर रही है।

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